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शाहजहांपुर: बंदरों को भगाने के लिए लोगों ने पहनी भालू की खाल

यूपी के शाहजहांपुर में दो युवकों ने बंदरों को भगाने का नायाब तरीका अपनाया है. दोनों युवक भालू की खाल पहनकर पूरे गांव में घूमते हैं. भालू की शक्ल देखकर बंदर गांव छोड़कर भागने लगे हैं.

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बंदरों को भगाने के लिए लोगों ने पहनी भालू की खाल
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Published : Jan 29, 2020, 2:06 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

शाहजहांपुर: थाना जलालाबाद क्षेत्र के सिकंदरपुर अफगान गांव में बंदरों के आतंक के चलते गांव वालों ने एक नायाब तरीका ढूंढा है. बंदरों को भगाने के लिए गांव वालों ने भालू की शक्ल की तरह दो युवकों को तैयार किया गया है. दोनों युवक भालू की खाल पहनकर पूरे गांव में घूमते हैं. बंदर भालुओं को देखकर इधर-उधर भाग रहे हैं. वहीं वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है.

बंदरों को भगाने के लिए लोगों ने पहनी भालू की खाल.

दो युवकों ने बंदरों को भगाने का नायाब तरीका अपनाया
गांव की आबादी महज पांच हजार है. उत्पाती बंदरों की संख्या बहुत ज्यादा है. यहां के लोगों ने वन विभाग से बंदरों को पकड़ने की मांग की थी. वहीं वन विभाग ने एक बंदर पकड़ने के लिए 300 रुपये देने की बात कही. फीस ज्यादा होने की वजह से ग्रामीणों ने हाथ खड़े कर लिए. इसके बाद गांव के लोगों ने बंदरों को भगाने के लिए खुद एक नायाब तरीका खोज निकाला. गांव के लोगों ने चंदा जमा कर भालू के खाल की ड्रेस और मुखौटा मंगवाया.

भालू की खाल से बढ़ी युवकों की मुसीबतें
गांव के दो युवक भालू की ड्रेस पहनकर घूमने लगे हैं, जिसको देखकर बंदरों में दहशत फैल गई. भालू की शक्ल देखकर बंदर गांव छोड़कर भागने लगे हैं. भालू के कपड़े पहने दोनों युवक रोजाना 2 से 3 घंटे गांव में घूमकर बंदरों को भगाते हैं. भालू की खाल पहने दोनों युवकों की मुसीबत बढ़ गई है. गांव के कुत्ते दोनों युवकों को देखकर भौंकते हैं और इन्हें काटने की कोशिश करते हैं.

भालू की शक्ल वाले इन लोगों को देखकर बंदरों की संख्या में कुछ कमी आई है. बंदर इतने उत्पाती हैं कि लोगों को हर वक्त अपने साथ डंडा रखना पड़ता है. बंदर कभी उनके कपड़े फाड़ देते हैं तो कभी उनका खाना छीनकर भाग जाते हैं. आलम यह है कि वन विभाग भी इन्हें पकड़ने को लेकर अपने हाथ खड़े कर रहा है.
-आदर्श कुमार, डीएफओ


इसे भी पढ़ें- मथुरा: बंदर को बिजली के तारों से खेलना पड़ा महंगा, गंभीर रूप से हुआ घायल

शाहजहांपुर: थाना जलालाबाद क्षेत्र के सिकंदरपुर अफगान गांव में बंदरों के आतंक के चलते गांव वालों ने एक नायाब तरीका ढूंढा है. बंदरों को भगाने के लिए गांव वालों ने भालू की शक्ल की तरह दो युवकों को तैयार किया गया है. दोनों युवक भालू की खाल पहनकर पूरे गांव में घूमते हैं. बंदर भालुओं को देखकर इधर-उधर भाग रहे हैं. वहीं वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है.

बंदरों को भगाने के लिए लोगों ने पहनी भालू की खाल.

दो युवकों ने बंदरों को भगाने का नायाब तरीका अपनाया
गांव की आबादी महज पांच हजार है. उत्पाती बंदरों की संख्या बहुत ज्यादा है. यहां के लोगों ने वन विभाग से बंदरों को पकड़ने की मांग की थी. वहीं वन विभाग ने एक बंदर पकड़ने के लिए 300 रुपये देने की बात कही. फीस ज्यादा होने की वजह से ग्रामीणों ने हाथ खड़े कर लिए. इसके बाद गांव के लोगों ने बंदरों को भगाने के लिए खुद एक नायाब तरीका खोज निकाला. गांव के लोगों ने चंदा जमा कर भालू के खाल की ड्रेस और मुखौटा मंगवाया.

भालू की खाल से बढ़ी युवकों की मुसीबतें
गांव के दो युवक भालू की ड्रेस पहनकर घूमने लगे हैं, जिसको देखकर बंदरों में दहशत फैल गई. भालू की शक्ल देखकर बंदर गांव छोड़कर भागने लगे हैं. भालू के कपड़े पहने दोनों युवक रोजाना 2 से 3 घंटे गांव में घूमकर बंदरों को भगाते हैं. भालू की खाल पहने दोनों युवकों की मुसीबत बढ़ गई है. गांव के कुत्ते दोनों युवकों को देखकर भौंकते हैं और इन्हें काटने की कोशिश करते हैं.

भालू की शक्ल वाले इन लोगों को देखकर बंदरों की संख्या में कुछ कमी आई है. बंदर इतने उत्पाती हैं कि लोगों को हर वक्त अपने साथ डंडा रखना पड़ता है. बंदर कभी उनके कपड़े फाड़ देते हैं तो कभी उनका खाना छीनकर भाग जाते हैं. आलम यह है कि वन विभाग भी इन्हें पकड़ने को लेकर अपने हाथ खड़े कर रहा है.
-आदर्श कुमार, डीएफओ


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Intro:स्लग-मंकी और बियर।
एंकर- शाहजहांपुर के एक गांव गांव पहले बंदरों की दहशत में था। लेकिन गांव के लोगों ने कुछ ऐसा किया जिससे आज हज़ारो बंदर दहशत में है। यहां गांव वालों ने बंदरों को भगाने के लिए एक नायाब तरीका ढूंढ निकाला है । गांव वालों ने बंदरों को भगाने के लिए भालू की शक्ल की तरह दो युवकों को तैयार जो भालू बनकर पूरे गांव में घूम रहे हैं। जिन्हें देखकर बंदर दुम दबाकर भाग रहे हैं। जबकि वन विभाग हाथ पर हाथ रखे बैठा हुआ।Body:भालू की शक्ल वाले इन दोनों लोगों को देखकर यहां छोटे-छोटे बच्चे तो डरते ही हैं। साथ ही इस गांव में उत्पाती बंदरों की शामत भी आ गई है। भालू की शक्ल वाले इन लोगों को देखकर बंदर गांव छोड़ छोड़ कर भाग रहे हैं । यह नजारा है थाना जलालाबाद क्षेत्र के सिकंदरपुर अफगान गांव का। जहां की आबादी तो महज पांच हजार है। लेकिन यहां उत्पाती बंदरों की तादाद 10 हज़ार से भी ज्यादा है। यहां के लोगों ने वन विभाग से बंदरों को पकड़ने की मांग की थी लेकिन वन विभाग ने एक बंदर पकड़ने के एवज में 3 सौ रुपये का शुल्क देने की बात कही। फीस ज्यादा होने की वजह से ग्रामीणों ने हाथ खड़े कर लिए। लेकिन गांव वालों ने हिम्मत नहीं हारी। गांव के लोगों ने बंदरों को भगाने के लिए खुद एक नायाब तरीका खोज निकाला। गांव के लोगों ने चंदा करके भालू की खाल के जैसी ड्रेस मंगवाई । और भालू का मुखौटा मंगवाया। गांव के ही 2 युवकों को भालू की ड्रेस वाले कपड़े पहनाकर जैसे ही गांव में निकाला वैसे ही बंदरों में भगदड़ मच गई। भालू की शक्ल देख कर बंदर गांव छोड़कर भाग रहे हैं । भालू के कपड़े पहने यह युवक रोजाना 2 से 3 घंटे गांव में घूमकर बंदरों को भगाते हैं। इनकी शक्ल देखकर बंदर कभी पेड़ से कूद जाते हैं तो कभी मकान की छत से कूद कर भाग जा रहे हैं।हालांकि भालू की शक्ल देख कर बंदर तो गांव छोड़ कर धीरे धीरे भाग रहे हैं। लेकिन इन भालू की खाल पहन ने युवकों के लिए मुसीबत बढ़ गई है। क्योंकि इन्हें देख कर गांव के कुत्ते इन पर भौंक रहे हैं और काटने की कोशिश करते हैं।

बाईट राम कुमार, भालू की खाल पहले युवक।
बाईट-सलीम, भालू की खाल पहने युवक।
बाईट- आदर्श कुमार, डीएफओ।

Conclusion:भालू की की शक्ल वाले इन लोगों को देखकर बंदरों की संख्या कुछ कमी आई है। क्योंकि गांव बड़ा है जिसके चलते बंदर दूसरे किनारों के भाग जाते हैं या फिर गांव के बाहर छुप जाते हैं। बंदर इतने उत्पाती हैं कि लोगों को हर वक्त डंडा अपने साथ रखना पड़ता है। बंदर कभी उनके कपड़े फाड़ देते हैं तो कभी उनका खाना छीन कर भाग जाते हैं। आलम यह है कि वन विभाग भी इन्हें पकड़ने को लेकर अपने हाथ खड़े कर रहा है।

संजय श्रीवास्तव ईटीवी भारत शाहजहांपुर 94 15 15 2485
Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST
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