शाहजहांपुर: काकोरी कांड के महानायक अशफाक उल्ला खां का 119वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानी रामकृष्ण खत्री के सुपुत्र उदय खत्री शाहजहांपुर पहुंचे. यहां उन्होंने देश के युवाओं की देश को आजाद कराने वाले बलिदानी और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति अनियमितता को लेकर चिंता जताई. उनका कहना है कि देश को 1948 में युवा शक्ति ने ही स्वतंत्र कराया था, लेकिन आज के युवा स्वतंत्रता के महानायकों को जानते ही नहीं हैं.
उन्होंने बताया कि जब हिंदुस्तान की आजादी के 25 वर्ष हुए थे, तब भारत सरकार की ओर से एक पुस्तक जारी की गई थी. जिसमें भारत को आजादी दिलाने वाले सभी क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दर्ज हैं. इस पुस्तक के अभी तक चार एडिशन भारत सरकार द्वारा छापे जा चुके हैं, लेकिन युवाओं को उस किताब की जानकारी नहीं है.
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उदय खत्री ने कहा कि युवाओं को भारत को आजाद कराने वाले लोगों और उनका जीवन परिचय का भी पता नहीं है, जबकि भारत जब 1947 में आजाद हुआ तो इस आजादी में सबसे बड़ी भूमिका युवाओं की रही है. आज के युवा को देश के बलिदानियों के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने देश के शहीदों द्वारा जेल में गाए जाने वाले गीतों के कुछ अंश सुनाकर युवाओं से देश के प्रति बलिदानी के प्रति जागृत करने की बात की. जेल में लिखी एक पंक्ति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि...
'हम भी आराम उठा सकते थे घर पर रहकर, हमको भी मां-बाप ने पाला था दुख सह-सह के
नौजवानों जब तुमको तबीयत में खटके, याद कर लेना हमको भी भूले भटके'