लखनऊः जिले में एसटीएफ और एसओजी की टीम ने मगंलवार को अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. दोनों टीमों ने 27 करोड़ 50 लाख रुपये की चरस और अफीम बरामद की है. बरामद की गई चरस और अफीम को नेपाल के रास्ते कार में छिपाकर लाया जा रहा था. जिस की सप्लाई हिमाचल प्रदेश में की जानी थी. फिलहाल दोनों टीमें मादक पदार्थ तस्करों से पूछताछ करने में जुटी हुई हैं.
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण संजीव बाजपेई का कहना है कि लखनऊ एसटीएफ को मुखबिर से सूचना मिली थी कि नेपाल से सेंट्रो कार में छिपाकर चरस और अफीम को लाया जा रहा है. इसके बाद शाहजहांपुर एसओजी टीम की मदद से एसटीएफ ने थाना क्षेत्र के शाहजहांपुर लखीमपुर हाईवे के पास एक सेंट्रो कार को घेराबंदी करके रोका. तलाशी लेने पर कार के पेट्रोल टैंक के पास एक छुपा हुआ चेंबर मिला, जिसमें 22 किलो चरस और 5 किलो 500 ग्राम अफीम बरामद हुई है.
बरामद की गई चरस और अफीम की अंतरराष्ट्रीय कीमत 27 करोड़ 50 लाख रुपये आंकी गई है. दोनों टीमों ने कार से सतीश कुमार और विवेक श्रीवास्तव नाम के दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया. पकड़ा गया सतीश कुमार गुप्ता मौजूदा वक्त में नेपाल में रह रहा था. तस्करों ने कार के अंदर ही एक खुफिया चेंबर बनाया था, जिसमें मादक पदार्थ छिपाकर उसकी तस्करी कर रहे थे.
पकड़ी गई चरस और अफीम को हिमाचल प्रदेश के शिमला और यूपी के कैराना में किसी व्यक्ति को सप्लाई करनी थी, लेकिन इससे पहले यूपी एसटीएफ और एसओजी के हत्थे चढ़ गए. फिलहाल दोनों टीमें पूछताछ करने में जुटी हुई हैं कि उनके दूसरे हैंडलर और सप्लायर कौन-कौन हैं?
पकड़े गये अभिुयक्तों ने पूछताछ में बताया कि सतीश कुमार गुप्ता मूल रूप से गोंडा व विवेक श्रीवास्तव बहराइच का रहने वाले है. दोनों आपस में दोस्त हैं. सतीश गुप्ता की ससुराल नेपाल में है और वर्तमान में वह अपनी पत्नी के साथ नेपाल में ही रहता है. उक्त मादक पदार्थ इन दोनों को नेपाल में रहने वाले अशरफ व शराफत दो व्यक्तियों द्वारा गाड़ी में केवटी तैयार कराकर उसके अंदर रखकर तथा बैग में रखकर दी गयी थी.
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