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शाहजहांपुर में पराली जलाने के 250 मामले, किसानों से वसूला गया 1.65 लाख का जुर्माना

शाहजहांपुर में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. साथ ही विभाग ने किसानों से भी जुर्माना वसूला है.

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शाहजहांपुर में पराली
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Published : Nov 7, 2022, 6:22 PM IST

शाहजहांपुरः उत्तर प्रदेश में अब तक पराली जलाने के 400 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसमें शाहजहांपुर पराली जलाने में नंबर वन है. यहां 250 से अधिक पराली जलाने की घटनाएं (stubble burning incidents) हुई हैं. पराली जलाने के मामले लगातार आने के बाद शाहजहांपुर जिला प्रशासन (Shahjahanpur District Administration) ने एक्शन लेते हुए अपने ही लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है. साथ ही किसानों से जुर्माना वसूला है.

एडीएम वित्त एवं राजस्व त्रिभुवन

शाहजहांपुर में पराली जलाने से न रोक पाने में नाकाम अब तक 81 कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. पराली जलाने में न रोक पाने वाले नाकाम पुलिसकर्मियों को भी नोटिस भेजा गया है. इसके अलावा पराली जलाने वालों से भी जुर्माना वसूला गया है. जिला प्रशासन का कहना है कि पराली जलाने के मामले में अभी और भी कार्रवाई होगी.

दरअसल, धान की कटाई के बाद पूरे जिले में पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं, जबकि शासन की तरफ से पराली जलाने पर प्रतिबंध है. पराली जलाने की घटनाएं सबसे ज्यादा पुवायां तहसील में दर्ज की गईं हैं. यहां 250 से ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जिसमें प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लगभग 1 लाख 65 हजार का जुर्माना भी किसानों से वसूला है.

पराली जलने से रोकने की जिम्मेदारी तहसील, ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर के अधिकारियों की थी. ऐसे में लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है. जिला प्रशासन ने 18 नोडल अधिकारियों का वेतन रोका है. कृषि विभाग के पांच और तीन लेखपालों को आरोपपत्र जारी किया गया है. इसके अलावा 45 कर्मचारियों के खिलाफ भी वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है, जिसमें उसने 2 कानूनगों को हटाया है और दो लेखपालो को निलंबित किया गया है.

एडीएम वित्त एवं राजस्व त्रिभुवन का कहना है कि अब तक जिले में 250 के करीब पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. जहां ज्यादा घटनाएं हुई है वहां के पुलिसकर्मी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा 16 हजार कुंतल पराली गलाकर खाद के रूप में कंपोस्ट कराया गया है और 3 हजार कुंतल गौशाला के भेजी गई है. जिला प्रशासन का कहना है कि पराली रोकने में नाकाम अन्य अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. जिला प्रशासन ने लोगों से पराली न जलाने की भी अपील की है.

पढ़ेंः पराली जलाने के मामले में 14 नोडल अधिकारियों समेत 81 कर्मचारियों पर गिरी गाज

शाहजहांपुरः उत्तर प्रदेश में अब तक पराली जलाने के 400 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसमें शाहजहांपुर पराली जलाने में नंबर वन है. यहां 250 से अधिक पराली जलाने की घटनाएं (stubble burning incidents) हुई हैं. पराली जलाने के मामले लगातार आने के बाद शाहजहांपुर जिला प्रशासन (Shahjahanpur District Administration) ने एक्शन लेते हुए अपने ही लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है. साथ ही किसानों से जुर्माना वसूला है.

एडीएम वित्त एवं राजस्व त्रिभुवन

शाहजहांपुर में पराली जलाने से न रोक पाने में नाकाम अब तक 81 कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. पराली जलाने में न रोक पाने वाले नाकाम पुलिसकर्मियों को भी नोटिस भेजा गया है. इसके अलावा पराली जलाने वालों से भी जुर्माना वसूला गया है. जिला प्रशासन का कहना है कि पराली जलाने के मामले में अभी और भी कार्रवाई होगी.

दरअसल, धान की कटाई के बाद पूरे जिले में पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं, जबकि शासन की तरफ से पराली जलाने पर प्रतिबंध है. पराली जलाने की घटनाएं सबसे ज्यादा पुवायां तहसील में दर्ज की गईं हैं. यहां 250 से ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जिसमें प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लगभग 1 लाख 65 हजार का जुर्माना भी किसानों से वसूला है.

पराली जलने से रोकने की जिम्मेदारी तहसील, ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर के अधिकारियों की थी. ऐसे में लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है. जिला प्रशासन ने 18 नोडल अधिकारियों का वेतन रोका है. कृषि विभाग के पांच और तीन लेखपालों को आरोपपत्र जारी किया गया है. इसके अलावा 45 कर्मचारियों के खिलाफ भी वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है, जिसमें उसने 2 कानूनगों को हटाया है और दो लेखपालो को निलंबित किया गया है.

एडीएम वित्त एवं राजस्व त्रिभुवन का कहना है कि अब तक जिले में 250 के करीब पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. जहां ज्यादा घटनाएं हुई है वहां के पुलिसकर्मी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा 16 हजार कुंतल पराली गलाकर खाद के रूप में कंपोस्ट कराया गया है और 3 हजार कुंतल गौशाला के भेजी गई है. जिला प्रशासन का कहना है कि पराली रोकने में नाकाम अन्य अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. जिला प्रशासन ने लोगों से पराली न जलाने की भी अपील की है.

पढ़ेंः पराली जलाने के मामले में 14 नोडल अधिकारियों समेत 81 कर्मचारियों पर गिरी गाज

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