शाहजहांपुर/बरेली/वाराणसी: राज्य में गुरुवार को पुरानी पेंशन बहाली समेत अन्य मांगों को लेकर कर्मचारियों और शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया. कर्मचारी हड़ताल के चलते सरकारी दफ्तरों में ताले लटके नजर आए. काम बंद कर कर्मचारी और अधिकारियों ने विरोध जताया. कर्मचारियों ने कहा सरकार गलत नीतियों के खिलाफ कर्मचारियों की हड़ताल और उनके लोकतांत्रिक अधिकार को छीन नहीं सकती.
शाहजहांपुर, बरेली और वाराणसी में भी प्राथमिक और जूनियर विद्यालय के हजारों शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली करने के लिए पुरानी 'पेंशन बहाली मंच' के बैनर तले हड़ताल की. सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारे लगाए गए. 21 सूत्रीय मांगों के साथ शिक्षामित्रों को परमानेंट करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा है.
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बरेली में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के चेयरमैन संघर्ष समिति डॉ. अंचल अहेरी ने कहा कि अगर, सरकार ने जल्द उनकी मांगों पर अमल नहीं किया तो 30 नवंबर को लखनऊ में एक विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा केंद्र के समान मकान किराया भत्ता मिले. शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा मिले. लेखपालों को अपग्रेट किया जाए. इंजीनियर को ग्रेट पे चेंज किया जाए. डॉ. अंचल अहेरी का कहना है कि सरकार उनकी इन जायज मांगों पर अमल करे. अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जाए. यहां भी पुरानी पेंशन बहाली सहित 21 सूत्री मांगों के लिए सीएम को पत्र लिखा.
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पेंशनर्स अधिकार मंच के बैनर तले धरना
वाराणसी में कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के आह्वान पर पुरानी पेंशन बहाली मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया. द्वितीय चरण में कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ भवन के समक्ष धरना प्रदर्शन कर जनपद के समस्त घटक संघ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, आगनबाडी ,ग्राम पंचायत सफाई कर्मचारी व अन्य संगठन ने भागीदारी की. वहीं, धरने की अध्यक्षता शशिकांत श्रीवास्तव जिलाध्यक्ष और संचालन प्रधान महासचिव कैलाश यादव ने किया. सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए विभिन्न संगठनों ने अपनी आवाज उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हितों के प्रति संवेदना शून्य है. महासचिव कैलाश नाथ यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के एरियर का भुगतान, भत्तों की बहाली, शिक्षकों की पदोन्नति एवं अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, शिक्षामित्रों का स्थायीकरण, वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय की बहाली, पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों पर कर्मचारियों की पदोन्नति आदि सभी मांगों पर सरकार जब तक निर्णय नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
कुशीनगर में भी प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स मंच के बैनर तले गुरुवार को कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की बहाली के लिए हुंकार भरी. अधिकार मंच के जनपद इकाई के महासचिव ब्रजेश श्रीवास्तव ने अर्थ एवं संख्या विभाग में विभिन्न पदों पर ग्रेड वेतन की विसंगतियों को दूर करने, बाल विकास सेवा पुष्टाहार विभाग में कार्यरत सुपरवाईजरों के ग्रेड वेतन 4,200 करने, सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति करने, वित्तविहीन शिक्षकों को प्रति माह एक निश्चित मानदेय दिए जाने की बात कही. तहसीलदार/नायब तहसीलदार संघ के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि सांसद व विधायक को पुरानी पेंशन वर्तमान में दिया जा रहा है. समानता के अधिकार के क्रम में सभी को पुरानी पेंशन दी जाय. पेंशनर्स की समस्याओं का समाधान, आंगनवाड़ी सहायिका के वेतन में बढ़ोतरी, मृतक शिक्षा मित्र, अनुदेशक एवं विशेष शिक्षकों के आश्रितों को नौकरी, समस्त विभागों के लिपिक संवर्ग की योग्यता स्नातक कर वेतन ग्रेड 2800 किये जाने, जिन विभागों में राजपत्रित पद नहीं हैं उनमें पद सृजित किये जाने सहित आबकारी विभाग के लिपिकों, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग, कलेक्ट्रेट के लिपिक, जूनियर इंजीनियरों से सम्बंधित विभिन्न मांगों के संदर्भ में बात की गई. साथ ही यह भी कहा गया कि मंच का आगामी कार्यक्रम 30 नवम्बर को राज्य स्तरीय विशाल रैली का आयोजन लखनऊ में किया जाएगा.