शाहजहांपुर: देश भर में लोग रावण दहन के कार्यक्रम की तैयारियां कर रहे हैं, वहीं शाहजहांपुर में महिलाएं और बच्चे रावण के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए नजर आ रहे हैं. इनका कहना है कि रावण परम विद्वान थे, इसीलिए उनके चरणों को छूकर हम लोग ज्ञानी होने का आशीर्वाद ले रहे हैं और बच्चों को रावण के पैर इसलिए छुआए जा रहे हैं ताकि उन्हें किसी प्रकार का डर न लगे.
शाहजहांपुर के रामलीला मैदान में रावण और मेघनाद के पुतले लगाए गए हैं. ये पुतले हिंदुओं की आस्था का केंद्र बने हुए हैं. यहां लोग रावण के पुतले पर प्रसाद चढ़ाकर और पैर छूकर आशीर्वाद पा रहे हैं. लोगों का कहना है कि रावण महाविद्वान थे और विद्वान का आशीर्वाद लेकर हम भी विद्वान हो जाएंगे, इसीलिए चरण छूकर हम सब आशीर्वाद ले रहे हैं. वहीं बच्चों को डर न लगे, इसीलिए उनसे रावण के पैर छुआए जा रहे हैं.
रावण की जली हुई लकड़ी ले जाते हैं घर
प्राचीन समय से ही यहां रावण के पुतले के पैर छूकर आशीर्वाद लेने की प्रथा चली आ रही है. मंगलवार को जब रावण का पुतला दहन होगा तो यहां के लोग रावण के पुतले में लगी लकड़ियों को लेकर अपने घर ले जाते हुए नजर आएंगे. इसके पीछे उनकी आस्था है कि रावण की जली हुई लकड़ी ले जाने पर घर में किसी प्रकार की आपदा नहीं आती है.