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शाहजहांपुर: लक्ष्य का मात्र 40 फीसदी ही हो पाई है गेहूं खरीद - शाहजहांपुर में गेहूं की खरीद

यूपी के शाहजहांपुर जिले के लिए 27 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद निर्धारित की गई है, लेकिन मंडियों में गेहूं खरीद का हाल बेहद खराब है. यहां गेहूं खरीद अभी तक 27 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो पाई है.

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मंडी सचिव नवीन कोहली ने दी जानकारी
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Published : May 30, 2020, 3:09 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST

शाहजहांपुर: जनपद में गेहूं खरीद-फरोख्त का हाल बेहाल है. यहां अभी तक शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य का मात्र 40 फीसदी गेहूं ही खरीदा गया है. कम खरीद के पीछे अधिकारी प्रवासी मजदूरों की वापसी और भविष्य में गेहूं के दाम बढ़ना मान रहे हैं.

मंडी सचिव नवीन कोहली ने दी जानकारी

दरअसल, शाहजहांपुर के लिए 27 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद निर्धारित की गई है, लेकिन मंडियों में गेहूं खरीद का हाल बेहद खराब है. यहां गेहूं खरीद लक्ष्य से अभी बहुत दूर है. अभी तक 27 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद हो पाई है, जो कि निर्धारित लक्ष्य के लगभग 40% है. कम गेहूं खरीद के पीछे अधिकारी प्रवासी मजदूरों का जिले में आना और भविष्य में गेहूं के दाम बढ़ना मान रहे हैं.

अधिकारियों का कहना है कि जिले में गेहूं खरीद कम होने के पीछे मुख्य रूप से दो कारण हैं, पहला तो जिले में प्रवासी मजदूर आने से किसानों के परिवार पर खाने का बोझ बढ़ गया है, जिसके चलते किसान अपनी उपज को खाने के लिए बचाकर रख रहे हैं.

दूसरा भविष्य में गेहूं के दाम बढ़ सकते हैं, जिसके चलते किसान अपनी गेहूं की उपज को संभाल कर रख रहे हैं. इन्हीं दोनों कारणों की वजह से मंडी में गेहूं की आवक नहीं हो रही है, जिससे शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य पूरा होने का कोई अनुमान नहीं है.

शाहजहांपुर: जनपद में गेहूं खरीद-फरोख्त का हाल बेहाल है. यहां अभी तक शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य का मात्र 40 फीसदी गेहूं ही खरीदा गया है. कम खरीद के पीछे अधिकारी प्रवासी मजदूरों की वापसी और भविष्य में गेहूं के दाम बढ़ना मान रहे हैं.

मंडी सचिव नवीन कोहली ने दी जानकारी

दरअसल, शाहजहांपुर के लिए 27 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद निर्धारित की गई है, लेकिन मंडियों में गेहूं खरीद का हाल बेहद खराब है. यहां गेहूं खरीद लक्ष्य से अभी बहुत दूर है. अभी तक 27 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद हो पाई है, जो कि निर्धारित लक्ष्य के लगभग 40% है. कम गेहूं खरीद के पीछे अधिकारी प्रवासी मजदूरों का जिले में आना और भविष्य में गेहूं के दाम बढ़ना मान रहे हैं.

अधिकारियों का कहना है कि जिले में गेहूं खरीद कम होने के पीछे मुख्य रूप से दो कारण हैं, पहला तो जिले में प्रवासी मजदूर आने से किसानों के परिवार पर खाने का बोझ बढ़ गया है, जिसके चलते किसान अपनी उपज को खाने के लिए बचाकर रख रहे हैं.

दूसरा भविष्य में गेहूं के दाम बढ़ सकते हैं, जिसके चलते किसान अपनी गेहूं की उपज को संभाल कर रख रहे हैं. इन्हीं दोनों कारणों की वजह से मंडी में गेहूं की आवक नहीं हो रही है, जिससे शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य पूरा होने का कोई अनुमान नहीं है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:10 PM IST
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