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शाहजहांपुर जहरीले आटे के मामले में 25 साल बाद आया फैसला, दो दुकानदारों को उम्र कैद

1997 में जहरीला आटा खाने से 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में 2 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

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शाहजहांपुर जहरीले आटे
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Published : Apr 8, 2022, 6:07 PM IST

शाहजहांपुर: जिले में 25 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है. यहां 1997 में जहरीला आटा खाने से 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में 2 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. दरअसल, वर्ष 1997 में रोजा थाना क्षेत्र में ईंट-भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों और आसपास के लोगों ने शाम को दो दुकानों से आटा खरीदा था. जहरीले आंटे की रोटी खाने के बाद सभी लोगों ने पेट में दर्द की शिकायत की थी. उसके बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान एक-एक करके 14 लोगों ने दम तोड़ दिया.

मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल थे. मामले में पुलिस ने कई लोगों को आरोपी बनाया था. लंबी बहस और गवाहों के बयानों के बाद 25 साल के बाद अपर सत्र न्यायालय द्वितीय ने फैसला सुनाते हुए दुकानदार सत्यनारायण अग्रवाल और राकेश कुमार को दोषी करार देते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

इसे भी पढ़ेंः शाहजहांपुर फर्जी एनकाउंटर मामला, पुलिस अधीक्षक समेत 18 पुलिस वालों पर केस दर्ज

इसके अलावा 60-60 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. फिलहाल लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट का यह बड़ा फैसला शाहजहांपुर में सामने आया है. इस मामले में सरकारी वकील अतुल अग्निहोत्री का कहना है कि मामला 1997 का था जिसमें 14 लोग जहरीला आटा खाने से मर गए थे. कई लोग बीमार भी हो गए थे. इसी मामले में कोर्ट ने फैसला दिया है.

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शाहजहांपुर: जिले में 25 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है. यहां 1997 में जहरीला आटा खाने से 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में 2 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. दरअसल, वर्ष 1997 में रोजा थाना क्षेत्र में ईंट-भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों और आसपास के लोगों ने शाम को दो दुकानों से आटा खरीदा था. जहरीले आंटे की रोटी खाने के बाद सभी लोगों ने पेट में दर्द की शिकायत की थी. उसके बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान एक-एक करके 14 लोगों ने दम तोड़ दिया.

मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल थे. मामले में पुलिस ने कई लोगों को आरोपी बनाया था. लंबी बहस और गवाहों के बयानों के बाद 25 साल के बाद अपर सत्र न्यायालय द्वितीय ने फैसला सुनाते हुए दुकानदार सत्यनारायण अग्रवाल और राकेश कुमार को दोषी करार देते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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इसके अलावा 60-60 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. फिलहाल लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट का यह बड़ा फैसला शाहजहांपुर में सामने आया है. इस मामले में सरकारी वकील अतुल अग्निहोत्री का कहना है कि मामला 1997 का था जिसमें 14 लोग जहरीला आटा खाने से मर गए थे. कई लोग बीमार भी हो गए थे. इसी मामले में कोर्ट ने फैसला दिया है.

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