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शाहजहांपुर: प्रोबेशन ऑफिस से करोड़ों के भुगतान की फाइलें गायब, क्लर्क पर FIR

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Published : Oct 15, 2020, 7:54 PM IST

यूपी के शाहजहांपुर जिला प्रोबेशन कार्यालय से तीन साल में करोड़ों के बजट की फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है. वहीं इसके लिए जिम्मेदार क्लर्क भी फाइलों के साथ लापता बताया जा रहा है. इस मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम ने लापता क्लर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

करोड़ों रुपये की योजनाओं की फाइलें गायब.
करोड़ों रुपये की योजनाओं की फाइलें गायब.

शाहजहांपुर: जिला प्रोबेशन कार्यालय से तीन साल में करोड़ों के बजट की फाइलों के गायब होने और जिम्मेदार बाबू के लापता होने का मामला प्रकाश में आया है. इसमें विधवा पेंशन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना और बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना सहित दूसरी अन्य योजनाओं की फाइलें गायब बताई जा रही हैं. मिली जानकारी के मुताबिक इन गायब फाइलों में बड़ा घोटाला था, जिन्हें एक साजिश के तहत गायब किया गया है. फिलहाल डीएम के आदेश पर आरोपी बाबू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश की जा रही है.

लाखों के चेक ड्राफ्ट भी कार्यालय से गायब.
लाखों के चेक ड्राफ्ट भी कार्यालय से गायब.

दरअसल प्रोबेशन कार्यालय से करोड़ों के भुगतान के अभिलेख गायब हुए हैं. डीएम ने जिम्मेदार लिपित अरविंद चित्रांश को नोटिस देकर कार्यालय पर मौजूद रहने के आदेश दिए थे. बावजूद इसके कार्यालय पर न आने पर डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. गायब अभिलेखों में 22 लाख रुपये के चेक वाउचर समेत बैंक ड्राफ्ट भी शामिल हैं. सूचना के मुताबिक, जिला प्रोबेशन अधिकारी और डीपीआरओ ने गायब फाइल व पत्रावलियों की सूची बनाने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है.

डीपीआरओ वरुण सिंह ने लिपिक के खिलाफ थाना सदर बाजार में तहरीर दी है. इस तहरीर के मुताबिक, कनिष्ठ लिपिक अरविन्द चित्रांशी पर निराषित महिला योजना संबंधित 22 लाख के चेक वाउचर और बैंक ड्राफ्ट का दुरुपयोग, प्रयोजन कार्यालय आईसीपीएस बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, वन स्टॉप सेंटर की 3 साल की पत्रावली और जन सूचना पत्रावली गायब करने के साथ ही साक्ष्य मिटाने के लिए सरकारी कार्य में व्यवधान का आरोप है.

इस मामले को लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्योति शाक्य पर भी गंभीर आरोप लगे हैं. ज्योतिष शाक्य के पास प्रोबेशन कार्यालय का वर्ष 2018 से 2020 तक अतिरिक्त चार्ज था. इसी बीच विभाग में बिना टेंडर के लाखों की स्टेशनरी खरीदी गई. इसके अलावा फर्नीचर, सोफासेट, एसी आदि की खरीद में भी घोटाले का आरोप लगा है. सीडीओ ने जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें गंभीर अनियमितताओं को देखकर डीएम ने जिला कार्यक्रम अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया है.

वहीं प्रोबेशन के मुख्य अधिकारी बरेली मंडल ने 3 माह पूर्व में शाहजहांपुर कार्यालय का निरीक्षण किया था. तब भी करीब 15 लाख के टेंडर में अनियमितता सामने आई थी. इसके बाद जब सीडीओ ने जांच की तो करीब 80 लाख के बजट वाले प्रोजेक्ट में खामियां और तमाम अन्य मामले सामने पाए गए.

2018 से 2020 तक प्रोविजन कार्यालय में आईसीपीएस, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, वन स्टॉप सेंटर और महिला शक्ति केंद्र के लिए खरीदे गए सामान बिल वाउचर, स्टॉक रजिस्टर गायब मिले. इसके साथ ही 22 लाख के चेक बैंक ड्राफ्ट भी गायब मिले हैं. इस पूरे मामले में खास बात यह है कि जिम्मेदार बाबू अरविंद चित्रांश भी फाइलों के साथ ही लापता हैं. फिलहाल जिम्मेदार बाबू के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.

शाहजहांपुर: जिला प्रोबेशन कार्यालय से तीन साल में करोड़ों के बजट की फाइलों के गायब होने और जिम्मेदार बाबू के लापता होने का मामला प्रकाश में आया है. इसमें विधवा पेंशन, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना और बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना सहित दूसरी अन्य योजनाओं की फाइलें गायब बताई जा रही हैं. मिली जानकारी के मुताबिक इन गायब फाइलों में बड़ा घोटाला था, जिन्हें एक साजिश के तहत गायब किया गया है. फिलहाल डीएम के आदेश पर आरोपी बाबू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश की जा रही है.

लाखों के चेक ड्राफ्ट भी कार्यालय से गायब.
लाखों के चेक ड्राफ्ट भी कार्यालय से गायब.

दरअसल प्रोबेशन कार्यालय से करोड़ों के भुगतान के अभिलेख गायब हुए हैं. डीएम ने जिम्मेदार लिपित अरविंद चित्रांश को नोटिस देकर कार्यालय पर मौजूद रहने के आदेश दिए थे. बावजूद इसके कार्यालय पर न आने पर डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. गायब अभिलेखों में 22 लाख रुपये के चेक वाउचर समेत बैंक ड्राफ्ट भी शामिल हैं. सूचना के मुताबिक, जिला प्रोबेशन अधिकारी और डीपीआरओ ने गायब फाइल व पत्रावलियों की सूची बनाने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है.

डीपीआरओ वरुण सिंह ने लिपिक के खिलाफ थाना सदर बाजार में तहरीर दी है. इस तहरीर के मुताबिक, कनिष्ठ लिपिक अरविन्द चित्रांशी पर निराषित महिला योजना संबंधित 22 लाख के चेक वाउचर और बैंक ड्राफ्ट का दुरुपयोग, प्रयोजन कार्यालय आईसीपीएस बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, वन स्टॉप सेंटर की 3 साल की पत्रावली और जन सूचना पत्रावली गायब करने के साथ ही साक्ष्य मिटाने के लिए सरकारी कार्य में व्यवधान का आरोप है.

इस मामले को लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्योति शाक्य पर भी गंभीर आरोप लगे हैं. ज्योतिष शाक्य के पास प्रोबेशन कार्यालय का वर्ष 2018 से 2020 तक अतिरिक्त चार्ज था. इसी बीच विभाग में बिना टेंडर के लाखों की स्टेशनरी खरीदी गई. इसके अलावा फर्नीचर, सोफासेट, एसी आदि की खरीद में भी घोटाले का आरोप लगा है. सीडीओ ने जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें गंभीर अनियमितताओं को देखकर डीएम ने जिला कार्यक्रम अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया है.

वहीं प्रोबेशन के मुख्य अधिकारी बरेली मंडल ने 3 माह पूर्व में शाहजहांपुर कार्यालय का निरीक्षण किया था. तब भी करीब 15 लाख के टेंडर में अनियमितता सामने आई थी. इसके बाद जब सीडीओ ने जांच की तो करीब 80 लाख के बजट वाले प्रोजेक्ट में खामियां और तमाम अन्य मामले सामने पाए गए.

2018 से 2020 तक प्रोविजन कार्यालय में आईसीपीएस, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, वन स्टॉप सेंटर और महिला शक्ति केंद्र के लिए खरीदे गए सामान बिल वाउचर, स्टॉक रजिस्टर गायब मिले. इसके साथ ही 22 लाख के चेक बैंक ड्राफ्ट भी गायब मिले हैं. इस पूरे मामले में खास बात यह है कि जिम्मेदार बाबू अरविंद चित्रांश भी फाइलों के साथ ही लापता हैं. फिलहाल जिम्मेदार बाबू के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.

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