शाहजहांपुर: साल 2010-11 में सिंचाई विभाग में हुए भर्ती घोटाले मामले में चार अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच सीबीसीआईडी (CBCID) कर रही थी. रिपोर्ट आने के बाद जीरो टॉलरेंस वाली योगी सरकार ने इस मामले में कार्रवाई की है. इसके चलते पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
दरअसल, शाहजहांपुर के शारदा नहर खंड विभाग पर भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था. इसमें चार जिम्मेदार अधिकारियों पर साल 2010-11 में सींचपाल और चतुर्थ श्रेणी की भर्ती में भारी घोटाले का आरोप है. सींचपाल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती कमेटी में शारदा नहर खंड के अधीक्षण अभियंता विजेंद्र सिंह, राष्ट्रीय जल प्रबंध खंड के अधीक्षण अभियंता जगदीश नारायण शर्मा, अवर अभियंता उदय वीर सिंह और उप राजस्व अधिकारी शाकिर अली को शामिल किया गया था. आरोप है कि चारों अधिकारियों ने 5-5 लाख रुपये लेकर अपने करीबियों और रिश्तेदारों को नियुक्ति दे दी थी, जबकि प्रश्नों के सारे जवाब देने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया गया था.
इस मामले में शिकायत के बाद भर्ती घोटाले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी. अब सीबीसीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. मामले में चारों अधिकारियों के खिलाफ आरोप सही पाए गए हैं. इसी के आधार पर शासन के आदेश के बाद चारों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. हालांकि चारों घोटालेबाज अधिकारी अब सेवा से रिटायर हो चुके हैं. मुकदमा थाना सदर बाजार में दर्ज किया गया है और उसकी जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है. पुलिस का कहना है कि जांच के बाद इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
यह भी पढ़ें- योगी 2.0 में CM के बड़े फैसले, जानिए क्या हुए फैसले और कार्रवाई
साल 2010-11 में बसपा सरकार के कार्यकाल में भर्ती घोटाले में अधिकारी इस गलतफहमी में थे कि वह कार्रवाई से बच जाएंगे. लेकिन अब सीबीसीआईडी की जांच आने के बाद सभी अधिकारियों के खिलाफ जीरो टॉलेरेंस वाली योगी सरकार का हंटर चल गया है. चारों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल सभी अधिकारी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस अब इस मामले में आगे की कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप