भदोही: जहां एक तरफ भदोही कारपेट का विश्व बाजार में साख डगमगा रहा है. वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा लाई गई योजना मेगा क्लस्टर स्कीम के तहत हजारों महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की योजना रंग दिखा रही है. कारपेट इंडस्ट्री में महिलाओं के रोजगार को ध्यान में रखते हुए और उन्हें रोजगार देने के उद्देश्य से चलाए गए मेगा क्लस्टर स्कीम के तहत 1956 महिलाओं को 4 महीने की ट्रेनिंग के साथ उन्हें स्टाइपेंड देकर लूम बुनाई में बेहतर बनाया गया.
- मेगा क्लस्टर स्कीम योजना का मुख्य उद्देश्य था कि अधिक से अधिक महिलाओं को टफ्टेड एंड हैंड नॉटेड कारपेट की बुनाई सिखाई जाए.
- इस योजना के तहत मिर्जापुर, भदोही और बनारस की महिला बुनकरों को ट्रेनिंग दी गई, इसके साथ ही उन्हें सर्टिफिकेट भी दिए गए.
- ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनको बुनकर कार्ड दिया गया, जिससे वह सरकार द्वारा बुनकरों को दी जाने वाली योजनाओं का सीधे लाभ ले सकें.
- पीएम नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुरा की 97 महिलाओं को कारपेट बुनाई में बेहतर बनाया गया, जिससे वह आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकें.
- पिछले 5 साल में 1956 महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई और लगभग इस समय सभी महिलाएं किसी न किसी संगठन से जुड़कर कारपेट का काम कर रही हैं.
- उनको रोजगार के साथ-साथ सरकार ने इस योजना के तहत स्वाबलंबी भी बनाया.
इस प्रोग्राम के तहत हजारों महिलाओं को रोजगार दिया गया और जो कारपेट इंडस्ट्री में बुनकरों की कमी थी, उसको भी पूरा किया गया. इस योजना की खास बात यह रही कि पिछले 7 सालों में महिलाओं के लिए विशेष रूप से इस पर काम किया गया. उनको स्टाइपेंड के तौर पर 24 सौ रुपये प्रतिमाह दिए गए, ताकि ट्रेनिंग के दौरान वह होने वाले खर्च का वहन कर सकें. इनमें से अधिकतर महिलाएं पढ़ी लिखी नहीं थीं, जिनको ये ट्रेनिंग दी गई.
वीके सिंहा, डिप्टी डायरेक्टर, सीपीसी