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भदोही: 1956 महिलाओं को सिखाई गई बुनाई की कारीगरी

जिले में मेगा क्लस्टर स्कीम के तहत महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है. पिछले 5 सालों में 1956 महिलाओं को कारपेट की बुनाई में बेहतर बनाया गया और ये सभी किसी न किसी संगठन से जुड़कर काम कर रही हैं.

भदोही.
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Published : Jul 3, 2019, 1:12 PM IST

भदोही: जहां एक तरफ भदोही कारपेट का विश्व बाजार में साख डगमगा रहा है. वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा लाई गई योजना मेगा क्लस्टर स्कीम के तहत हजारों महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की योजना रंग दिखा रही है. कारपेट इंडस्ट्री में महिलाओं के रोजगार को ध्यान में रखते हुए और उन्हें रोजगार देने के उद्देश्य से चलाए गए मेगा क्लस्टर स्कीम के तहत 1956 महिलाओं को 4 महीने की ट्रेनिंग के साथ उन्हें स्टाइपेंड देकर लूम बुनाई में बेहतर बनाया गया.

जानकारी देते सीपीसी के डिप्टी डायरेक्टर वीके सिंहा.
  • मेगा क्लस्टर स्कीम योजना का मुख्य उद्देश्य था कि अधिक से अधिक महिलाओं को टफ्टेड एंड हैंड नॉटेड कारपेट की बुनाई सिखाई जाए.
  • इस योजना के तहत मिर्जापुर, भदोही और बनारस की महिला बुनकरों को ट्रेनिंग दी गई, इसके साथ ही उन्हें सर्टिफिकेट भी दिए गए.
  • ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनको बुनकर कार्ड दिया गया, जिससे वह सरकार द्वारा बुनकरों को दी जाने वाली योजनाओं का सीधे लाभ ले सकें.
  • पीएम नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुरा की 97 महिलाओं को कारपेट बुनाई में बेहतर बनाया गया, जिससे वह आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकें.
  • पिछले 5 साल में 1956 महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई और लगभग इस समय सभी महिलाएं किसी न किसी संगठन से जुड़कर कारपेट का काम कर रही हैं.
  • उनको रोजगार के साथ-साथ सरकार ने इस योजना के तहत स्वाबलंबी भी बनाया.

इस प्रोग्राम के तहत हजारों महिलाओं को रोजगार दिया गया और जो कारपेट इंडस्ट्री में बुनकरों की कमी थी, उसको भी पूरा किया गया. इस योजना की खास बात यह रही कि पिछले 7 सालों में महिलाओं के लिए विशेष रूप से इस पर काम किया गया. उनको स्टाइपेंड के तौर पर 24 सौ रुपये प्रतिमाह दिए गए, ताकि ट्रेनिंग के दौरान वह होने वाले खर्च का वहन कर सकें. इनमें से अधिकतर महिलाएं पढ़ी लिखी नहीं थीं, जिनको ये ट्रेनिंग दी गई.
वीके सिंहा, डिप्टी डायरेक्टर, सीपीसी

भदोही: जहां एक तरफ भदोही कारपेट का विश्व बाजार में साख डगमगा रहा है. वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा लाई गई योजना मेगा क्लस्टर स्कीम के तहत हजारों महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की योजना रंग दिखा रही है. कारपेट इंडस्ट्री में महिलाओं के रोजगार को ध्यान में रखते हुए और उन्हें रोजगार देने के उद्देश्य से चलाए गए मेगा क्लस्टर स्कीम के तहत 1956 महिलाओं को 4 महीने की ट्रेनिंग के साथ उन्हें स्टाइपेंड देकर लूम बुनाई में बेहतर बनाया गया.

जानकारी देते सीपीसी के डिप्टी डायरेक्टर वीके सिंहा.
  • मेगा क्लस्टर स्कीम योजना का मुख्य उद्देश्य था कि अधिक से अधिक महिलाओं को टफ्टेड एंड हैंड नॉटेड कारपेट की बुनाई सिखाई जाए.
  • इस योजना के तहत मिर्जापुर, भदोही और बनारस की महिला बुनकरों को ट्रेनिंग दी गई, इसके साथ ही उन्हें सर्टिफिकेट भी दिए गए.
  • ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनको बुनकर कार्ड दिया गया, जिससे वह सरकार द्वारा बुनकरों को दी जाने वाली योजनाओं का सीधे लाभ ले सकें.
  • पीएम नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुरा की 97 महिलाओं को कारपेट बुनाई में बेहतर बनाया गया, जिससे वह आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकें.
  • पिछले 5 साल में 1956 महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई और लगभग इस समय सभी महिलाएं किसी न किसी संगठन से जुड़कर कारपेट का काम कर रही हैं.
  • उनको रोजगार के साथ-साथ सरकार ने इस योजना के तहत स्वाबलंबी भी बनाया.

इस प्रोग्राम के तहत हजारों महिलाओं को रोजगार दिया गया और जो कारपेट इंडस्ट्री में बुनकरों की कमी थी, उसको भी पूरा किया गया. इस योजना की खास बात यह रही कि पिछले 7 सालों में महिलाओं के लिए विशेष रूप से इस पर काम किया गया. उनको स्टाइपेंड के तौर पर 24 सौ रुपये प्रतिमाह दिए गए, ताकि ट्रेनिंग के दौरान वह होने वाले खर्च का वहन कर सकें. इनमें से अधिकतर महिलाएं पढ़ी लिखी नहीं थीं, जिनको ये ट्रेनिंग दी गई.
वीके सिंहा, डिप्टी डायरेक्टर, सीपीसी

Intro:जहां एक तरफ भदोही कारपेट का विश्व बाजार में साख डगमगा रहा है वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा लाइ योजना मेगा क्लस्टर स्कीम के तहत हजारों महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की योजना रंग दिखा रही है कारपेट इंडस्ट्री में महिलाओं के रोजगार को ध्यान में रखते हुए और उन्हें रोजगार देने के उद्देश्य चलाए गए कारपेट मेगा क्लस्टर स्कीम के तहत 1956 महिलाओं को 4 महीने की ट्रेनिंग के साथ उन्हें स्टाइपेंड बेकर लूम बुनाई में दक्ष बनाया गया


Body:इस योजना के तहत मुख्य उद्देश्य था कि अधिक से अधिक महिलाओं को टफ्टेड एंड हैंड नॉटेड कारपेट की बुनाई सिखाया जाए ताकि उनको अधिक से अधिक रोजगार मिल सके इस योजना के तहत मिर्जापुर भदोही और बनारस की महिला बुनकरों को ट्रेनिंग दी गई उसके साथ साथ ही उन्हें सर्टिफिकेट भी दिए गए जिससे वह मान्यता प्राप्त बुनकर बन गई ट्रेनिंग कंप्लीट करने के बाद उनको बुनकर कार्ड दिया गया जिससे वह सरकार द्वारा बुनकरों को दी जाने वाली योजनाओं का डायरेक्ट लाभ ले सकें


Conclusion:इस योजना की खास बात यह रही की माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुरा की 97 महिलाओं को कारपेट बुनाई में दक्ष बनाया गया जिससे वह आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकें पिछले 5 साल में 1956 महिलाओं को ट्रेन भूनकर बनाया गया और लगभग इस समय सभी महिलाएं किसी न किसी संगठन से जुड़कर कारपेट का काम कर रही हैं उनको रोजगार के साथ साथ सरकार ने इस योजना के तहत स्वाबलंबी भी बनाया जहां एक तरफ कारपेट इंडस्ट्री में मंदी और बेरोजगारी का दौर चल रहा है वहीं दूसरी तरफ इस प्रोग्राम के तहत हजारों महिलाओं को रोजगार दिया गया और जो कारपेट इंडस्ट्री में बुनकरों की कमी थी साथ-साथ उसको भी पूरा किया गया इस योजना की खास बात यह रही कि पिछले 7 सालों में महिलाओं के लिए विशेष रूप से इस पर काम किया गया उनको स्टाइपेंड के तौर पर 24:00 ₹100 प्रतिमाह दिए गए ताकि ट्रेनिंग के दौरान वह होने वाले खर्च का वहन कर सकें इनमें से अधिकतर महिलाएं अनपढ़ थी जिनको ये ट्रेनिंग दी गई

बाइक वीके सिंहा डिप्टी डायरेक्टर आफ सीपीसी
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