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भदोही: परिवार नियोजन के लिए 9 फीसदी महिलाओं ने लगवाया कॉपर टी

उत्तर प्रदेश के भदोही में परिवार नियोजन को लेकर काफी जगरूकता देखने को मिली. जिले में करीब 9 फीसदी महिलाओं ने कॉपर टी लगवाया है.

महिलाओं ने लगवाए कॉपर टी का टीका
महिलाओं ने लगवाए कॉपर टी का टीका
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Published : Sep 4, 2020, 2:43 AM IST

भदोही: कोरोना काल में महिलाओं में कॉपर-टी लगवाने की रूचि बढ़ी है. इसके पीछे जागरूकता के साथ डॉक्टर्स और नर्सों की कोशिशें भी हैं. परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी कालिका प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 16 फीसदी महिलाओं ने प्रसव के बाद पीपीआईयूसीडी कॉपर टी लगवाया था. वहीं कोरोना काल में 9 फीसदी महिलाओं ने प्रसव के बाद कॉपर टी का टीका लगवाया. कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों की सहायता से प्रसव कराने आने वाली महिलाओं को पीपीआईयूसीडी के प्रति जागरूक करने का कार्य किया गया. इसका परिणाम रहा है कि महिलाओं में पीपीआईयूसीडी के प्रति रूझान बढ़ा है. अप्रैल माह में जहां 4 फीसदी महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी लगवाई थी.

वहीं अगस्त के अन्त तक 9 फीसदी महिलाओं को पीपीआईयूसीडी लगाया जा चुका है. यह प्रसव करा रहे डॉक्टर और स्टाफ नर्सों के उचित मार्गदर्शन से संभव हो पा रहा है. जिले के स्वास्थ्य कर्मी लोगों को परिवार नियोजन के लाभ बताने का कार्य कर रहे हैं. परिवार नियोजन के परामर्शदाता विनोद ने बताया कि कोरोना काल में जिले में पीपीआईयूसीडी लगाने में अन्य जनपदों की अपेक्षा बेहतर कार्य किया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों ने महिलाओं को जागरूक कर कॉपर टी के लिए प्रेरित किया. इसका परिणाम यह है कि हम कोरोना काल में जिले में प्रसव के बाद 9 फीसदी महिलाओं को कॉपर टी लगवाने में कामयाब रहे. परिवार नियोजन को लेकर जिन डॉक्टर्स और स्टाफ नर्स ने सबसे अधिक महिलाओं को कॉपर टी के लिए प्रेरित किया उन्हें उस माह का चैंपियन घोषित किया गया. एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा भी स्थापित की गई, जिससे स्टाफ नर्स स्वयं भी प्रेरित हुईं.

वर्ष 2019-20 की तुलना में कॉपर टी लगवाने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई. प्रत्येक सप्ताह मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से विशेषज्ञों की ओर से डॉक्टरों और स्टाफ नर्सो को दिशा-निर्देश भी दिया जाता है. करियांव ग्राम निवासी मधु का कहना है कि जुलाई माह में प्रसव कराने के लिए वे अपने परिवार के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र करियांव गईं, जहां पर डॉक्टरों ने उनका सकुशल प्रसव कराया. उसके एक सप्ताह बाद स्टाफ नर्स ने सलाह दिया कि अब बच्चे और अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉपर टी लगवा लें, जिससे उन्हें अपने दूसरे बच्चें के बीच में काफी समय मिल जाएगा और पहले बच्चे का पालन पोषण भी अच्छे ढंग से हो जाएगा. यह हर प्रकार से लाभकारी होता है, किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं है. तब उन्होंने कॉपर टी लगवाया और दो माह व्यतीत होने पर भी उन्हें किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं है.

भदोही: कोरोना काल में महिलाओं में कॉपर-टी लगवाने की रूचि बढ़ी है. इसके पीछे जागरूकता के साथ डॉक्टर्स और नर्सों की कोशिशें भी हैं. परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी कालिका प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 16 फीसदी महिलाओं ने प्रसव के बाद पीपीआईयूसीडी कॉपर टी लगवाया था. वहीं कोरोना काल में 9 फीसदी महिलाओं ने प्रसव के बाद कॉपर टी का टीका लगवाया. कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों की सहायता से प्रसव कराने आने वाली महिलाओं को पीपीआईयूसीडी के प्रति जागरूक करने का कार्य किया गया. इसका परिणाम रहा है कि महिलाओं में पीपीआईयूसीडी के प्रति रूझान बढ़ा है. अप्रैल माह में जहां 4 फीसदी महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी लगवाई थी.

वहीं अगस्त के अन्त तक 9 फीसदी महिलाओं को पीपीआईयूसीडी लगाया जा चुका है. यह प्रसव करा रहे डॉक्टर और स्टाफ नर्सों के उचित मार्गदर्शन से संभव हो पा रहा है. जिले के स्वास्थ्य कर्मी लोगों को परिवार नियोजन के लाभ बताने का कार्य कर रहे हैं. परिवार नियोजन के परामर्शदाता विनोद ने बताया कि कोरोना काल में जिले में पीपीआईयूसीडी लगाने में अन्य जनपदों की अपेक्षा बेहतर कार्य किया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों ने महिलाओं को जागरूक कर कॉपर टी के लिए प्रेरित किया. इसका परिणाम यह है कि हम कोरोना काल में जिले में प्रसव के बाद 9 फीसदी महिलाओं को कॉपर टी लगवाने में कामयाब रहे. परिवार नियोजन को लेकर जिन डॉक्टर्स और स्टाफ नर्स ने सबसे अधिक महिलाओं को कॉपर टी के लिए प्रेरित किया उन्हें उस माह का चैंपियन घोषित किया गया. एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा भी स्थापित की गई, जिससे स्टाफ नर्स स्वयं भी प्रेरित हुईं.

वर्ष 2019-20 की तुलना में कॉपर टी लगवाने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई. प्रत्येक सप्ताह मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से विशेषज्ञों की ओर से डॉक्टरों और स्टाफ नर्सो को दिशा-निर्देश भी दिया जाता है. करियांव ग्राम निवासी मधु का कहना है कि जुलाई माह में प्रसव कराने के लिए वे अपने परिवार के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र करियांव गईं, जहां पर डॉक्टरों ने उनका सकुशल प्रसव कराया. उसके एक सप्ताह बाद स्टाफ नर्स ने सलाह दिया कि अब बच्चे और अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉपर टी लगवा लें, जिससे उन्हें अपने दूसरे बच्चें के बीच में काफी समय मिल जाएगा और पहले बच्चे का पालन पोषण भी अच्छे ढंग से हो जाएगा. यह हर प्रकार से लाभकारी होता है, किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं है. तब उन्होंने कॉपर टी लगवाया और दो माह व्यतीत होने पर भी उन्हें किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं है.

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