अलीगढ़/प्रयागराज : भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन (14 नवंबर) के मौके पर हर साल बाल दिवस मनाया जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव था और बच्चे भी उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे. कालांतर में बच्चों के लिए चाचा नेहरू के इसी प्यार की वजह से उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे. उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. नेहरू 15 अगस्त 1947 से लेकर 27 मई 1964 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे. इससे पहले वह 2 सितंबर 1946 से लेकर 15 अगस्त 1947 तक देश की अंतरिम सरकार के भी मुखिया थे. जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 इलाहाबाद में और मृत्यु 27 मई 1964, नई दिल्ली में हुई.
जवाहरलाल नेहरू का एएमयू से नाता
जवाहरलाल नेहरू का अलीगढ़ और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से गहरा नाता था. उनको अलीगढ़ से इतनी मोहब्बत थी कि वह पांच बार एएमयू आए. जवाहरलाल नेहरू के नाम से एएमयू में मेडिकल कॉलेज व अस्पताल भी है. एएमयू के 104 साल के इतिहास में पंडित नेहरू पहले शख्स हैं जो प्रधानमंत्री होते हुए कुल चार बार एएमयू आए. एक बार प्रधानमंत्री बनने से पहले 1935 में भी आए थे.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राहत अबरार ने बताया के देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू 1935, 1948, 1955, 1960 और 1963 में को अलीगढ़ आए थे. उनके नाम से एएमयू में एक मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी है. पंडित नेहरू ने ही यूनिवर्सिटी की मौलाना आजाद लाइब्रेरी का उद्घाटन भी किया था.
पहली बार 1935 में आए : प्रधानमंत्री बनने से पहले 1935 में पहली बार जवाहरलाल नेहरू अलीगढ़ आए थे. उस वक्त के वाइस चांसलर रोज मसूद खुद जवाहरलाल नेहरू को लेने रेलवे स्टेशन गए थे. रोज मसूद और यूनिवर्सिटी के छात्रों ने उनको बुलाया था.
दूसरी बार 1948 में आए : दूसरी बार 24 जनवरी 1948 में दीक्षांत समारोह में पंडित नेहरू शामिल हुए. पंडित नेहरू ने भारतीय संस्कृति को बरकरार रखने और सांप्रदायिकता के जहर से बचने के बारे में ओजस्वी भाषण दिया था. इस दौरान एएमयू ने उन्हें डिग्री भी प्रदान की थी.
तीसरी बार 1955 में आए : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की मौलाना आजाद लाइब्रेरी का आधारशिला रखने के लिए आए थे.
चौथी बार 1960 में आए : मौलाना आजाद लाइब्रेरी की इमारत बनकर तैयार हो गई थी तो 1960 में लाइब्रेरी का उद्घाटन करने आए थे.
पांचवीं बार 1963 में आए : 17 अक्टूबर 1963 को सर सैयद डे (संस्थापक दिवस) पर मुख्य अतिथि बनकर एएमयू में आए थे. सर सयैद डे पर पर पंडित नेहरू ने जमीन पर बैठकर दावत खाई थी. एएमयू इंतजामिया ने मेडिकल कॉलेज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा.
जवाहरलाल नेहरू की खिदमत को देखते हुए उनकी मोहब्बत को देखते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज का नाम जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रखने का फैसला किया.
प्रयागराज में चाचा नेहरू के घर पर मनाया गया जन्मदिवस
प्रयागराज मनाया गया चाचा नेहरू का 135वां जन्मदिवस उनके आवास आनंद भवन में मनाया गया. इस अवसर पर कांग्रेसियों सहित बच्चों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए. इस मौके पर कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को चाचा नेहरू के आदर्शों पर चलना चाहिए.
उन्होंने आधुनिक भारत का निर्माण किया. कहा कि पंडित नेहरू इतने सरल स्वभाव के थे कि खुली गाड़ियों में चलते थे. सभी का अभिवादन स्वीकार करते थे. विरोध भी हंस कर स्वीकार करते थे. इस मौके पर प्रयागराज में कई-तरह के कार्यक्रम हुए.