भदोही: जिले में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों पर लगातार गोवंश मर रहे हैं. जिले में 7 अस्थाई गोवंश स्थल बनाए गए हैं, जिनमें 500 से अधिक आवारा पशु रखे गए हैं. इन सातों गोवंश स्थलों पर प्रतिदिन गोवंशियों के मरने का मामला सामने आ रहा है.
जानिए क्या है पूरा मामला
- जिला में 7 अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं.
- 500 से ऊपर आवारा पशुओं को रखा गया है.
- पशुओं की मरने की संख्या में प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है.
- पशुओं की मरने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पा रही है.
- डॉक्टरों के मुताबिक पशुओं को अप्राकृतिक तरीके से एक जगह रखने से और ज्यादा घूमने न मिलने से वह कमजोर हो गए हैं.
- सही से खाना न खाने के कारण पशुओं की मौत हो रही है.
पशुओं के मौत का ये भी हैं कारण-
वहीं दूसरा कारण यह सामने आया है कि ग्रामीण अपने अति वृद्ध गोवंशों को गौशालाओं में लाकर छोड़ दे रहे हैं, जो कि पहले से ही काफी कमजोर हैं और वहां आकर और कमजोर हो जा रहे हैं. जिससे उनकी मौत हो जा रही है. सरकार प्रत्येक गोवंश पर 30 रुपये तक का खर्च कर रही है. इतने पैसों में न तो पशुओं को हरा-हरा चारा मिल पाता है और ना ही पोषक भोजन, जिसके कारण पशु कमजोर होकर मर रहे हैं.
- बारिश होने की वजह से पशुओं में बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है.
- गौरी स्थलों की अच्छे से साफ-सफाई ना होने की वजह से पशुओं को लीवर फ्लू और इमो प्रोटोजेन जैसी बीमारीयां हो रही है.
- लीवर फ्लू की वजह से पशुओं का लंग लीवर और रक्त संचरण प्रभावित हो रहा है.
- पशुओं को हीमोंप्रोटेजोन नामक बीमारी अधिक हो रही है, जिससे उनका हीमोग्लोबिन गिरता जा रहा है.
- शरीर में रक्त की कमी होने की वजह से पशुओं का वजन प्रभावित हो रहा है और उनकी मौत हो जा रही.
लोग अपने वृद्ध पशुओं को भी गोशाला में छोड़ दे रहे हैं. पहले से कमजोर ये पशु यहां और भी कमजोर होते जा रहे हैं. बीमारी से बचाने के लिए इनका लगातार चेकअप किया जा रहा है. इंजेक्शन और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है.
जी डी सिंह (सीवीओ)