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भदोही : अस्थायी आश्रय में क्यों मर रहे हैं गोवंश, ये है वजह

उत्तर प्रदेश के भदोही में 7 अस्थाई गोवंश आश्र्य बनाए गए हैं. जिनमें 500 से अधिक आवारा पशु रखे गए हैं. गोवंश स्थल में लगातार गोवंशों की मरने की खबर सामने आ रही है. हालांकि जिला प्रशासन ने स्थाई गोवंश स्थल 30 जून तक हैंडओवर करने को कहा था, लेकिन अभी इसका कुछ पता नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लगातार अधिसूचना जारी करने के बावजूद भी गोवंशों के मरने की खबरें कम नहीं हो रही हैं.

अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों पर गोवंशो की हो रही लगातार मौत
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Published : Jul 15, 2019, 11:48 AM IST

भदोही: जिले में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों पर लगातार गोवंश मर रहे हैं. जिले में 7 अस्थाई गोवंश स्थल बनाए गए हैं, जिनमें 500 से अधिक आवारा पशु रखे गए हैं. इन सातों गोवंश स्थलों पर प्रतिदिन गोवंशियों के मरने का मामला सामने आ रहा है.

अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों पर गोवंशो की हो रही लगातार मौत

जानिए क्या है पूरा मामला

  • जिला में 7 अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं.
  • 500 से ऊपर आवारा पशुओं को रखा गया है.
  • पशुओं की मरने की संख्या में प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है.
  • पशुओं की मरने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पा रही है.
  • डॉक्टरों के मुताबिक पशुओं को अप्राकृतिक तरीके से एक जगह रखने से और ज्यादा घूमने न मिलने से वह कमजोर हो गए हैं.
  • सही से खाना न खाने के कारण पशुओं की मौत हो रही है.

पशुओं के मौत का ये भी हैं कारण-

वहीं दूसरा कारण यह सामने आया है कि ग्रामीण अपने अति वृद्ध गोवंशों को गौशालाओं में लाकर छोड़ दे रहे हैं, जो कि पहले से ही काफी कमजोर हैं और वहां आकर और कमजोर हो जा रहे हैं. जिससे उनकी मौत हो जा रही है. सरकार प्रत्येक गोवंश पर 30 रुपये तक का खर्च कर रही है. इतने पैसों में न तो पशुओं को हरा-हरा चारा मिल पाता है और ना ही पोषक भोजन, जिसके कारण पशु कमजोर होकर मर रहे हैं.

  • बारिश होने की वजह से पशुओं में बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है.
  • गौरी स्थलों की अच्छे से साफ-सफाई ना होने की वजह से पशुओं को लीवर फ्लू और इमो प्रोटोजेन जैसी बीमारीयां हो रही है.
  • लीवर फ्लू की वजह से पशुओं का लंग लीवर और रक्त संचरण प्रभावित हो रहा है.
  • पशुओं को हीमोंप्रोटेजोन नामक बीमारी अधिक हो रही है, जिससे उनका हीमोग्लोबिन गिरता जा रहा है.
  • शरीर में रक्त की कमी होने की वजह से पशुओं का वजन प्रभावित हो रहा है और उनकी मौत हो जा रही.


लोग अपने वृद्ध पशुओं को भी गोशाला में छोड़ दे रहे हैं. पहले से कमजोर ये पशु यहां और भी कमजोर होते जा रहे हैं. बीमारी से बचाने के लिए इनका लगातार चेकअप किया जा रहा है. इंजेक्शन और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है.

जी डी सिंह (सीवीओ)

भदोही: जिले में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों पर लगातार गोवंश मर रहे हैं. जिले में 7 अस्थाई गोवंश स्थल बनाए गए हैं, जिनमें 500 से अधिक आवारा पशु रखे गए हैं. इन सातों गोवंश स्थलों पर प्रतिदिन गोवंशियों के मरने का मामला सामने आ रहा है.

अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों पर गोवंशो की हो रही लगातार मौत

जानिए क्या है पूरा मामला

  • जिला में 7 अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं.
  • 500 से ऊपर आवारा पशुओं को रखा गया है.
  • पशुओं की मरने की संख्या में प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है.
  • पशुओं की मरने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पा रही है.
  • डॉक्टरों के मुताबिक पशुओं को अप्राकृतिक तरीके से एक जगह रखने से और ज्यादा घूमने न मिलने से वह कमजोर हो गए हैं.
  • सही से खाना न खाने के कारण पशुओं की मौत हो रही है.

पशुओं के मौत का ये भी हैं कारण-

वहीं दूसरा कारण यह सामने आया है कि ग्रामीण अपने अति वृद्ध गोवंशों को गौशालाओं में लाकर छोड़ दे रहे हैं, जो कि पहले से ही काफी कमजोर हैं और वहां आकर और कमजोर हो जा रहे हैं. जिससे उनकी मौत हो जा रही है. सरकार प्रत्येक गोवंश पर 30 रुपये तक का खर्च कर रही है. इतने पैसों में न तो पशुओं को हरा-हरा चारा मिल पाता है और ना ही पोषक भोजन, जिसके कारण पशु कमजोर होकर मर रहे हैं.

  • बारिश होने की वजह से पशुओं में बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है.
  • गौरी स्थलों की अच्छे से साफ-सफाई ना होने की वजह से पशुओं को लीवर फ्लू और इमो प्रोटोजेन जैसी बीमारीयां हो रही है.
  • लीवर फ्लू की वजह से पशुओं का लंग लीवर और रक्त संचरण प्रभावित हो रहा है.
  • पशुओं को हीमोंप्रोटेजोन नामक बीमारी अधिक हो रही है, जिससे उनका हीमोग्लोबिन गिरता जा रहा है.
  • शरीर में रक्त की कमी होने की वजह से पशुओं का वजन प्रभावित हो रहा है और उनकी मौत हो जा रही.


लोग अपने वृद्ध पशुओं को भी गोशाला में छोड़ दे रहे हैं. पहले से कमजोर ये पशु यहां और भी कमजोर होते जा रहे हैं. बीमारी से बचाने के लिए इनका लगातार चेकअप किया जा रहा है. इंजेक्शन और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है.

जी डी सिंह (सीवीओ)

Intro:जिले में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों पर लगातार गोवंश मर रहे हैं जिले में 7 अस्थाई गोवंश स्थल बनाए गए हैं जिनमें 500 से अधिक आवारा पशु रखे गए हैं इन सातों गोवंश स्थलों पर प्रतिदिन गोवंशियों के मरने का मामला सामने आ रहा है हालांकि जिला प्रशासन ने स्थाई गोवंश स्थल 30 जून तक हैंड ओवर करने को कहा था लेकिन अभी इसका कुछ पता नहीं है लगातार गौवंशियों के मरने पर जिला प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के लगातार अधिसूचना जारी करने के बावजूद भी गोवंश के कमजोर होकर मरने की खबरें कम नहीं हो रही है


Body:जिला में 7 अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं जिनमें लगभग 500 से ऊपर आवारा पशुओं को रखा गया है लगातार पशुओं की मरने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पा रहा है डॉक्टरों की मानें तो पशुओं को अप्राकृतिक तरीके से एक जगह रखने उनको घूमने फिरने के लिए ज्यादा ना मिलने की वजह से वह कमजोर हो रहे हैं जिसके कारण अच्छे से भोजन नहीं कर पा रहे हैं और कमजोर हो रहे हैं दूसरी मुख्य वजह सामने आई है की ग्रामीण अपने अति वृद्ध गोवंश यों को गौशालाओं में लाकर छोड़ दे रहे हैं जो कि पहले से ही काफी कमजोर और कम वजन के रह रहे हैं इसके वजह से वहां आने के बाद वह और कमजोर हो जा रही हैं और उनका मौत हो जा रहा है


Conclusion:सरकार के द्वारा प्रत्येक गोवंश के भोजन पर ₹30 खर्च किए जाते हैं जिसमें न उन्हें हरा हरा चारा मिल पाता है और ना ही उनके लिए पोषक भोजन सूखे भू से और पानी के सहारे पशु दिन प्रतिदिन कमजोर हो रहे हैं और मर रहे हैं बरसात होने की वजह से पशुओं में बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है और गौरी स्थलों की अच्छे से साफ सफाई ना होने की वजह से पशुओं को लीवर फ्लू और इमो प्रोटोजेन जैसी अनेकों बीमारियां हो जा रही हैं लीवर फ्लूक की वजह से पशुओं का लंग लीवर और रक्त संचरण प्रभावित हो रहा है जिससे वह दिन प्रतिदिन कमजोर होकर मर रहे हैं अधिकतर पशुओं में इस समय हीमोंप्रोटेजोन नामक बीमारी हो रही है जिसकी वजह से उनका लगातार हीमोग्लोबिन गिरता जा रहा है और उनके शरीर में रक्त की कमी हो रही है जिससे उनका वजन भी प्रभावित हो रहा है और वह कमजोर होकर गिर पड़ते हैं उसके बाद वह दोबारा पशु खड़ा नहीं हो पाता है ऐसी विकट स्थितियां गौशालाओं में उत्पन्न हो रही हैं जिसकी वजह से लगातार पशु मर रहे हैं हालांकि प्रदेश सरकार ने यह आदेश जरूर दिया है कि जो भी अतिवृद्धि पशुओं को लाकर अस्थाई गौशालाओं में छोड़ेगा उस पर कार्यवाही की जाएगी लेकिन इसका असर अभी कहीं भी जमीनी स्तर पर देखने को नहीं मिल रहा है

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