ETV Bharat / state

भदोहीः बारिश और आर्थिक सुस्ती से मूर्तिकारों में मायूसी, नहीं मिल रहे मूर्तियों के सही दाम - भदोही

हर तरफ नवरात्रि की पूजा की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है, लेकिन मूर्तिकारों के लिए यह समय कुछ खास नहीं है. बारिश और मंदी इस वर्ष मूर्तिकारों के लिए मायूसी लेकर आई है.

नवरात्रि पूजा की तैयारी.
author img

By

Published : Sep 23, 2019, 4:34 PM IST

भदोहीः नवरात्रि आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. हर जगह कोने-कोने में पंडाल लगाए जाने की तैयारियां चल रही हैं. हर साल की तरह इस साल भी दुर्गा पूजा से 6 महीना पहले कोलकत्ता से भदोही आकर मूर्तिकार मूर्ति बनाने का काम शुरू करते हैं. आपको बता दें कि इस वर्ष जिले में कुल 309 जगह पंडाल बनाने के लिए शासन की तरफ से स्वीकृति दी गई है.

देखे स्पेशल रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें:- नोएडा: छठ पूजा की तैयारियां शुरू, सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम

देश में आर्थिक सुस्ती और मौसम की मार मूर्तिकारों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. करीगर 6 महीने पहले आकर अनेकों मूर्तियां बनाते हैं, इसके बाद नवरात्र के दिन में उन्हें बेचकर अच्छा मुनाफा कमा कर वापस कोलकाता चले जाते हैं. उनका कहना है कि हर बार की तरह इस बार मूर्तियों की बिक्री नहीं है. हर साल मूर्ति ज्यादा बिकती थी. उसी को देखते हुए इस साल में हमने बड़ी मूर्तियां ज्यादा बनाई हैं.

इस बार लोग छोटी मूर्तियां लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. जिनमें खासकर नटराज की मूर्ति, पूरी मिट्टी वाली मूर्ति और अन्य प्रकार के डिजाइन हमने तैयार किए हैं. उसका बनाई हुई मूर्ती का सही दाम भी नहीं मिल पा रहा हैं. बरसात की वजह से हमने किराए की जगह भी ऐसी लेनी पड़ी, जहां पूरी तरीके से बरसात से बचा जा सके. सबसे बड़ी परेशानी लगातार हो रही बारिश है, जिसकी वजह से मूर्तियों के सुखाये जाने के काम में बाधा उत्पन्न हो रहे हैं, जिससे कलर चढ़ाने पर वह चमक नहीं मिल पा रहा है. जो पहले सुखने पर मिलता था.

ये भी पढ़ें:- उत्तराखंडः परिवार संग बदरीनाथ धाम पहुंचकर आर्मी चीफ ने की विशेष पूजा

कारीगर अविनाश पाल बताते हैं इस समय धंधा बड़ा ही मंदा है, जो मूर्ति हम 40 हजार से 50 हजार में बेचकर आराम से 15 हजार से 20 हजार मुनाफा कमा लेते थे. आज एक मूर्ति पर 3 हजार भी कमा पाना मुश्किल हो गया है. वहीं हर साल 1.5 लाख तक की मूर्तियां बनती थी. इस बार सबसे महंगी मूर्ति 80 हजार की बनी है. इन सब को देखते हुए हम काफी निराश है, हालांकि यह आस है कि जैसे-जैसे नवरात्रि का दिन नजदीक आएगा, हो सकता है की अच्छा मुनाफा कमा कर यहां से ले जाए.

भदोहीः नवरात्रि आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. हर जगह कोने-कोने में पंडाल लगाए जाने की तैयारियां चल रही हैं. हर साल की तरह इस साल भी दुर्गा पूजा से 6 महीना पहले कोलकत्ता से भदोही आकर मूर्तिकार मूर्ति बनाने का काम शुरू करते हैं. आपको बता दें कि इस वर्ष जिले में कुल 309 जगह पंडाल बनाने के लिए शासन की तरफ से स्वीकृति दी गई है.

देखे स्पेशल रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें:- नोएडा: छठ पूजा की तैयारियां शुरू, सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम

देश में आर्थिक सुस्ती और मौसम की मार मूर्तिकारों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. करीगर 6 महीने पहले आकर अनेकों मूर्तियां बनाते हैं, इसके बाद नवरात्र के दिन में उन्हें बेचकर अच्छा मुनाफा कमा कर वापस कोलकाता चले जाते हैं. उनका कहना है कि हर बार की तरह इस बार मूर्तियों की बिक्री नहीं है. हर साल मूर्ति ज्यादा बिकती थी. उसी को देखते हुए इस साल में हमने बड़ी मूर्तियां ज्यादा बनाई हैं.

इस बार लोग छोटी मूर्तियां लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. जिनमें खासकर नटराज की मूर्ति, पूरी मिट्टी वाली मूर्ति और अन्य प्रकार के डिजाइन हमने तैयार किए हैं. उसका बनाई हुई मूर्ती का सही दाम भी नहीं मिल पा रहा हैं. बरसात की वजह से हमने किराए की जगह भी ऐसी लेनी पड़ी, जहां पूरी तरीके से बरसात से बचा जा सके. सबसे बड़ी परेशानी लगातार हो रही बारिश है, जिसकी वजह से मूर्तियों के सुखाये जाने के काम में बाधा उत्पन्न हो रहे हैं, जिससे कलर चढ़ाने पर वह चमक नहीं मिल पा रहा है. जो पहले सुखने पर मिलता था.

ये भी पढ़ें:- उत्तराखंडः परिवार संग बदरीनाथ धाम पहुंचकर आर्मी चीफ ने की विशेष पूजा

कारीगर अविनाश पाल बताते हैं इस समय धंधा बड़ा ही मंदा है, जो मूर्ति हम 40 हजार से 50 हजार में बेचकर आराम से 15 हजार से 20 हजार मुनाफा कमा लेते थे. आज एक मूर्ति पर 3 हजार भी कमा पाना मुश्किल हो गया है. वहीं हर साल 1.5 लाख तक की मूर्तियां बनती थी. इस बार सबसे महंगी मूर्ति 80 हजार की बनी है. इन सब को देखते हुए हम काफी निराश है, हालांकि यह आस है कि जैसे-जैसे नवरात्रि का दिन नजदीक आएगा, हो सकता है की अच्छा मुनाफा कमा कर यहां से ले जाए.

Intro:जिले में हर तरफ नवरात्रि पूजा की तैयारी जोरों शोरों पर चल रही है नवरात्रि पूजा आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं इसलिए जिले के कोने कोने में पंडाल बैठाया जाने की तैयारियां चल रही हैं तो कहीं मूर्तियों का कलर और उनके डिजाइन की चर्चाएं आम है जिले में हर साल की तरह इस साल भी कोलकाता के कृष्णानगर से कारीगर मूर्ति बनाने के लिए आए हैं वह हर साल की तरह इस साल भी दुर्गा पूजा से 6 महीना पहले भदोही में आकर मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया था


Body:अच्छा महीने तक अनेकों मूर्तियां बनाते हैं इसके बाद नवरात्र के दिन में यहां उन्हें बेचकर अच्छा मुनाफा कमा कर वापस कोलकाता चले जाते हैं लेकिन इस बार मंदी और मौसम की मार मूर्ति कारों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है उनका कहना है कि इस बार हर बार की तरह मूर्तियों की बिक्री नहीं है लोग छोटी मूर्तियां इस बार लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं जबकि हर साल हमारे यहां बड़ी मूर्तियां ज्यादा बिकती थी उसी को देखते हुए इस साल हमने बड़ी मूर्तियां ज्यादा बनाई हैं जिनमें खासकर नटराज की मूर्ति पूरी मिट्टी वाली मूर्ति और अन्य प्रकार के डिजाइन जो हमें तैयार किए हैं उसके हमें सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं


Conclusion:बरसात की वजह से हमें किराए की जगह भी ऐसी लेनी पड़ी जहां पूरी तरीके से बरसात से बचा जा सके सबसे बड़ी परेशानी यह हो रही है कि लगातार हो रही बारिश की वजह से मूर्तियों के सुखाय जाने के काम में बाधा उत्पन्न हो रहे हैं जिससे कलर चढ़ाने पर वह चमक नहीं मिल पा रही है दूसरी सबसे परेशानी कभी सैया है कि इस समय धंधा बड़ा ही मंदी पर है जो मूर्ति हम 40 से ₹50000 में बेच कर आराम से एक मूर्ति पर 15 से ₹20000 कमा लेते थे वही आज एक मूर्ति पर तीन से ₹4000 की कमाई मुश्किल से हो पाती है वहीं हर साल डेढ़ लाख तक की मूर्तियां बनती थी जबकि इस बार सबसे महंगी मूर्ति ₹80000 की बनी है इन सबों को देखते हुए मूर्तिकार काफी निराश है हालांकि उनको या आस है कि जैसे-जैसे नवरात्र का दिन नजदीक आएगा हो सकता है वह अच्छा मुनाफा कमा कर यहां से जाएंगे आपको बता दें कि जिले में कुल 309 जगह पंडाल बनाने के लिए शासन की तरफ से स्वीकृति दी गई है

बंगाल के मूर्तिकार अविनाश पाल की बाइट

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.