भदोहीः नवरात्रि आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. हर जगह कोने-कोने में पंडाल लगाए जाने की तैयारियां चल रही हैं. हर साल की तरह इस साल भी दुर्गा पूजा से 6 महीना पहले कोलकत्ता से भदोही आकर मूर्तिकार मूर्ति बनाने का काम शुरू करते हैं. आपको बता दें कि इस वर्ष जिले में कुल 309 जगह पंडाल बनाने के लिए शासन की तरफ से स्वीकृति दी गई है.
ये भी पढ़ें:- नोएडा: छठ पूजा की तैयारियां शुरू, सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम
देश में आर्थिक सुस्ती और मौसम की मार मूर्तिकारों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. करीगर 6 महीने पहले आकर अनेकों मूर्तियां बनाते हैं, इसके बाद नवरात्र के दिन में उन्हें बेचकर अच्छा मुनाफा कमा कर वापस कोलकाता चले जाते हैं. उनका कहना है कि हर बार की तरह इस बार मूर्तियों की बिक्री नहीं है. हर साल मूर्ति ज्यादा बिकती थी. उसी को देखते हुए इस साल में हमने बड़ी मूर्तियां ज्यादा बनाई हैं.
इस बार लोग छोटी मूर्तियां लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. जिनमें खासकर नटराज की मूर्ति, पूरी मिट्टी वाली मूर्ति और अन्य प्रकार के डिजाइन हमने तैयार किए हैं. उसका बनाई हुई मूर्ती का सही दाम भी नहीं मिल पा रहा हैं. बरसात की वजह से हमने किराए की जगह भी ऐसी लेनी पड़ी, जहां पूरी तरीके से बरसात से बचा जा सके. सबसे बड़ी परेशानी लगातार हो रही बारिश है, जिसकी वजह से मूर्तियों के सुखाये जाने के काम में बाधा उत्पन्न हो रहे हैं, जिससे कलर चढ़ाने पर वह चमक नहीं मिल पा रहा है. जो पहले सुखने पर मिलता था.
ये भी पढ़ें:- उत्तराखंडः परिवार संग बदरीनाथ धाम पहुंचकर आर्मी चीफ ने की विशेष पूजा
कारीगर अविनाश पाल बताते हैं इस समय धंधा बड़ा ही मंदा है, जो मूर्ति हम 40 हजार से 50 हजार में बेचकर आराम से 15 हजार से 20 हजार मुनाफा कमा लेते थे. आज एक मूर्ति पर 3 हजार भी कमा पाना मुश्किल हो गया है. वहीं हर साल 1.5 लाख तक की मूर्तियां बनती थी. इस बार सबसे महंगी मूर्ति 80 हजार की बनी है. इन सब को देखते हुए हम काफी निराश है, हालांकि यह आस है कि जैसे-जैसे नवरात्रि का दिन नजदीक आएगा, हो सकता है की अच्छा मुनाफा कमा कर यहां से ले जाए.