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भदोही: जिले में कुत्तों का आतंक, एंटी रेबीज इंजेक्शन न मिलने से मरीज परेशान

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में लोग कुत्तों के आतंक से परेशान हैं. कुत्ते प्रतिदिन लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. वहीं सीएचसी और पीएचसी में एंटी रेबीज इंजेक्शन न होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Feb 8, 2020, 10:23 AM IST

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मरीजों की भीड़.

भदोही: जिले में कुत्ते प्रतिदिन कई लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, जिसकी वजह से लोग काफी परेशान हैं. कुत्ते के हमले से घायल हुए दर्जनों पीड़ित प्रत्येक दिन महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन न होने से दूर-दराज के लोगों को जिला अस्पताल में जाना पड़ रहा है.

जानकारी देते जिला अस्पताल चिकित्सक मुकेश कुमार सिंह.

मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. ग्रामीण अंचल में कुत्ते बाइक और साइकिल सवार लोगों को दौड़ाकर काट रहे हैं, जिसमें बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे में सीएचसी और पीएचसी पर रेबीज इंजेक्शन का न होना बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

अस्पतालों में नहीं हैं रेबीज के इंजेक्शन
अस्पतालों में सुबह 9:00 बजे से भीड़ लग जाती है, लेकिन सीएससी और पीएससी पर रेबीज का इंजेक्शन नहीं मिलता. इसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले में प्रतिदिन लोगों को कुत्तों द्वारा काटे जाने की खबरें सामने आ रही हैं. इसके बावजूद जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

इसे भी पढ़ें- आज हरदोई पहुंचेंगे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह

जब भी कुत्ता काटे उस जगह की तुरंत अच्छे से सफाई कर लें. उस पर कोई एंटीबायोटिक लगा लें, ताकि कोई भी इन्फेक्शन ना हो पाए. इसके बाद कुत्ते को 14 दिन देखते रहे. अगर 14 दिनों के अंदर कुत्ता मर जाता है, तो फिर रेबीज का इंजेक्शन जरूर लगवाए.
अंजनी कुमार सिंह, डॉक्टर, जिला अस्पताल

भदोही: जिले में कुत्ते प्रतिदिन कई लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, जिसकी वजह से लोग काफी परेशान हैं. कुत्ते के हमले से घायल हुए दर्जनों पीड़ित प्रत्येक दिन महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन न होने से दूर-दराज के लोगों को जिला अस्पताल में जाना पड़ रहा है.

जानकारी देते जिला अस्पताल चिकित्सक मुकेश कुमार सिंह.

मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. ग्रामीण अंचल में कुत्ते बाइक और साइकिल सवार लोगों को दौड़ाकर काट रहे हैं, जिसमें बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे में सीएचसी और पीएचसी पर रेबीज इंजेक्शन का न होना बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

अस्पतालों में नहीं हैं रेबीज के इंजेक्शन
अस्पतालों में सुबह 9:00 बजे से भीड़ लग जाती है, लेकिन सीएससी और पीएससी पर रेबीज का इंजेक्शन नहीं मिलता. इसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले में प्रतिदिन लोगों को कुत्तों द्वारा काटे जाने की खबरें सामने आ रही हैं. इसके बावजूद जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

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जब भी कुत्ता काटे उस जगह की तुरंत अच्छे से सफाई कर लें. उस पर कोई एंटीबायोटिक लगा लें, ताकि कोई भी इन्फेक्शन ना हो पाए. इसके बाद कुत्ते को 14 दिन देखते रहे. अगर 14 दिनों के अंदर कुत्ता मर जाता है, तो फिर रेबीज का इंजेक्शन जरूर लगवाए.
अंजनी कुमार सिंह, डॉक्टर, जिला अस्पताल

Intro:जिले में कुत्तों के आतंक से पूरा जिला परेशान है। प्रतिदिन व सैकड़ों लोगों को जिले में अपना शिकार बना रहे हैं। जिसकी वजह से लोग काफी परेशान है। मौसम परिवर्तन के साथ ही कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कुत्ते हमले से घायल हुए दर्जनों पीड़ित प्रत्येक दिन महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन ना होने का दूर-दराज के लोगों को जिला अस्पताल में आना पड़ रहा है।Body:मौसम में परिवर्तन होने के साथ साथ ही इन दोनों कुत्तों का आतंक काफी बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण अंचल में कुत्ते बाइक साइकिल सवार लोगों को दौड़ाकर काट रहे हैं। जिसमें बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है ऐसे में सीएचसी और पीएचसी पर रेबीज इंजेक्शन का ना होना बड़ा ही दार दुर्भाग्यपूर्ण है लोग वहां जाते हैं सुबह 9:00 बजे से भीड़ लग जाता है लेकिन उन्हें सीएससी पीएससी पर रवींस का इंजेक्शन नहीं मिलता है। जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना। करना पड़ रहा है जिला प्रशासन भी इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है।Conclusion:अगर डॉक्टरों की मानें तो ठंड के मौसम में कुट्टू। की संख्या काफी बढ़ जाती है। जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं उनका कहना है कि इस समय कुत्तों का प्रोडक्शन रेट काफी बढ़ जाता है जिससे अपने बच्चों की सिक्योरिटी को लेकर कुत्ते काफी इन सिक्योर रहते हैं और कोई भी आसपास दिखता है तो उसे काट लेते हैं। उन्होंने कहा कि इस आंकड़े। में बढ़ोतरी नहीं हुई है बल्कि हर जाड़े के मौसम में ऐसी स्थिति बन जाती है। आपको बता दें कि। प्रतिदिन जिले में 60 लोगों को कुत्तों द्वारा काटे जाने की खबरें सामने आ रही है। जिसकी वजह से पूरा जिला सहमा हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि जब भी कुत्ता काटे उस जगह की तुरंत अच्छे से सफाई कर ले उस पर कोई एंटीबायोटिक लगा लें ताकि कोई भी इन्फेक्शन ना हो पाए। इसके बाद तक। कुत्ते को 14 दिन। देखते रहे अगर 14 दिनों के अंदर कुत्ता मर जाता है तो फिर रेबीज का इंजेक्शन लगवाए वर्ना रेबीज इंजेक्शन की बहुत जरूरत नहीं पड़ती है।

डॉक्टर अंजनी कुमार सिंह की बाइट।
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