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मां-बाप ने जिस लड़की को मृत घोषित किया वह ग्रेटर नोएडा में जिंदा मिली - भदोही की न्यूज

यूपी के जिले भदोही में एक अजीब मामला सामने आया है. पिछले साल 27 मई को जिस लड़की को पुलिस के सामने परिजनों ने मृत बताया था, वह ग्रेटर नोएडा में जिंदा मिली.

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Published : Mar 25, 2023, 2:45 PM IST

भदोही : यूपी के जिले गोपीगंज थाना क्षेत्र के शिखापुर गांव की रहने वाली जिस लड़की को करीब 9 महीने पहले मृत घोषित किया गया था, वह जिंदा मिली. पुलिस ने लड़की को 9 महीने बाद ग्रेटर नोएडा से बरामद कर लिया. इस केस में लड़की के पिता ने गुमशुदगी की शिकायत की थी. ट्विस्ट यह है कि 27 मई 2022 को सोवरी गांव के कुएं में एक शव बरामद किया गया था, जिसे लड़की के पिता ने अपनी बेटी के तौर पर पहचान की थी. तब गोपीगंज थाना की पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधीक्षक भदोही डॉक्टर अनिल कुमार ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि मई में मिले शव के शिनाख्त में पुलिस जुट गई है. झूठी पहचान करने और गलत सूचना देने पर किशोरी के माता-पिता के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

एसपी ने दी यह जानकारी.



एसपी डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि श्याम किशोर पांडेय ने 16 मई 2022 को अपनी नाबालिग बेटी की गुमशुदगी की सूचना दी थी. तहरीर में श्याम किशोर ने बताया था कि उनकी 17 साल की बेटी 14 मई 2022 को घर से शौच के लिए निकली, फिर वापस नहीं आई. सूचना के आधार पर थाने की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू की. इस बीच 27 मई 2022 को ग्राम मोहनपुर के कुएं में लड़की की लाश मिली. तब श्याम किशोर पांडेय ने शव की पहचान अपनी नाबालिग बेटी के तौर पर की. साथ ही आरोप लगाता कि पुरानी रंजिश के कारण उनकी बेटी की हत्या की गई है. उन्होंने दो व्यक्तियों विष्णु कहार और प्रदीप कुमार को इस केस में नामजद कर दी.

हालांकि पुलिस ने शव सौंपने से पहले केस को संदिग्ध मानते हुए डीएनए के सैंपल लिए. फिर इस सैंपल को श्याम किशोर पांडेय और उनकी पत्नी के डीएनए मैचिंग के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला गोरखपुर भेजा दिया. इस बीच थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम केस की छानबीन भी करती रही. इस क्रम में पुलिस को पता चला कि लड़की जीवित है तथा ग्रेटर नोएडा मे रह रही है. पुलिस ने नाबालिग का फोटो मिलान करते हुए लड़की को जिंदा बरामद कर लिया. पूछताछ में लड़की ने बड़े सच का खुलासा भी किया. उसने बताया कि घर से लापता होने के बाद से ही वह अपने परिजनों के संपर्क में थी. उसके मां-बाप ने उसे पुलिस को बताने के लिए झूठी कहानी भी बताई. जिसमें आशीष पांडेय , ललित पाण्डेय , प्रदीप सेठ , डान मलिया , विष्णु कहार , बाबा मिश्रा पर अपहरण का आरोप लगाना था.

बता दें कि पिछले साल किशोरी के शव मिलने के बाद परिजनों के साथ ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था और जिले के जनप्रतिनिधियों ने परिजनों के साथ सहभागिता करते हुए न्याय दिलाने का भरोसा दिया था. तब आरोपी पांडेय परिवार को आर्थिक मदद भी दी गई थी. लड़की की हत्या में जेल गए आरोपियों के परिजनों से पुलिस से न्याय दिलाने की गुहार की है.

ये भी पढ़ेंः अलीगढ़ में मंदिर परिसर में सो रहे बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या, शरीर पर कई जगह मिले चोट के निशान

भदोही : यूपी के जिले गोपीगंज थाना क्षेत्र के शिखापुर गांव की रहने वाली जिस लड़की को करीब 9 महीने पहले मृत घोषित किया गया था, वह जिंदा मिली. पुलिस ने लड़की को 9 महीने बाद ग्रेटर नोएडा से बरामद कर लिया. इस केस में लड़की के पिता ने गुमशुदगी की शिकायत की थी. ट्विस्ट यह है कि 27 मई 2022 को सोवरी गांव के कुएं में एक शव बरामद किया गया था, जिसे लड़की के पिता ने अपनी बेटी के तौर पर पहचान की थी. तब गोपीगंज थाना की पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधीक्षक भदोही डॉक्टर अनिल कुमार ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि मई में मिले शव के शिनाख्त में पुलिस जुट गई है. झूठी पहचान करने और गलत सूचना देने पर किशोरी के माता-पिता के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

एसपी ने दी यह जानकारी.



एसपी डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि श्याम किशोर पांडेय ने 16 मई 2022 को अपनी नाबालिग बेटी की गुमशुदगी की सूचना दी थी. तहरीर में श्याम किशोर ने बताया था कि उनकी 17 साल की बेटी 14 मई 2022 को घर से शौच के लिए निकली, फिर वापस नहीं आई. सूचना के आधार पर थाने की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू की. इस बीच 27 मई 2022 को ग्राम मोहनपुर के कुएं में लड़की की लाश मिली. तब श्याम किशोर पांडेय ने शव की पहचान अपनी नाबालिग बेटी के तौर पर की. साथ ही आरोप लगाता कि पुरानी रंजिश के कारण उनकी बेटी की हत्या की गई है. उन्होंने दो व्यक्तियों विष्णु कहार और प्रदीप कुमार को इस केस में नामजद कर दी.

हालांकि पुलिस ने शव सौंपने से पहले केस को संदिग्ध मानते हुए डीएनए के सैंपल लिए. फिर इस सैंपल को श्याम किशोर पांडेय और उनकी पत्नी के डीएनए मैचिंग के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला गोरखपुर भेजा दिया. इस बीच थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम केस की छानबीन भी करती रही. इस क्रम में पुलिस को पता चला कि लड़की जीवित है तथा ग्रेटर नोएडा मे रह रही है. पुलिस ने नाबालिग का फोटो मिलान करते हुए लड़की को जिंदा बरामद कर लिया. पूछताछ में लड़की ने बड़े सच का खुलासा भी किया. उसने बताया कि घर से लापता होने के बाद से ही वह अपने परिजनों के संपर्क में थी. उसके मां-बाप ने उसे पुलिस को बताने के लिए झूठी कहानी भी बताई. जिसमें आशीष पांडेय , ललित पाण्डेय , प्रदीप सेठ , डान मलिया , विष्णु कहार , बाबा मिश्रा पर अपहरण का आरोप लगाना था.

बता दें कि पिछले साल किशोरी के शव मिलने के बाद परिजनों के साथ ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था और जिले के जनप्रतिनिधियों ने परिजनों के साथ सहभागिता करते हुए न्याय दिलाने का भरोसा दिया था. तब आरोपी पांडेय परिवार को आर्थिक मदद भी दी गई थी. लड़की की हत्या में जेल गए आरोपियों के परिजनों से पुलिस से न्याय दिलाने की गुहार की है.

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