भदोही: जिले में लॉकडाउन के दौरान लगभग 1589 परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया था. प्रशासन की तरफ से उनकी मदद की जा रही थी, लेकिन यह मदद नाकाफी साबित हो रही थी. यहां वनवासी जिले के हर ब्लॉकों में फैले हुए हैं. लॉकडाउन में थोड़ी रियायत मिलने के बाद वह सदाबहार के पत्ते बेचकर अपने घरों का गुजारा कर रहे हैं.
वनवासी बच्चे पत्तों को बाजार में बेंच रहे
वनवासी बच्चे सदाबहार वृक्षों के पत्तों को साफ कर उन्हें बाजार में बेचने का काम रहे हैं. यह काम पिछले एक महीने से बंद था. जब से लॉकडाउन में थोड़ी रियायत बरती गई है तब से यह काम तेजी पकड़ लिया है. बाजारों में प्लास्टिक से बने दोने और अन्य पॉलीथिन बैग की कमी होने के कारण पत्तों की मांग काफी बढ़ गई है.
इससे उनका गुजर-बसर चल रहा है
वनवासी प्रतिदिन सुबह पत्ते तोड़ते हैं. इसके बाद उनके बच्चे पत्तों को बाजार में 10 से 15 रुपये सैकड़ा के हिसाब से बेचते हैं. इससे उनका गुजर-बसर चल रहा है. बच्चों ने बताया कि वह प्रतिदिन 50 से 60 रुपये के पत्ते मार्केट में बेच लेते हैं, जिससे उन्हें खर्च का पैसा मिल जाता है. लॉकडाउन होने की वजह से दूसरा काम करना असंभव है, इसलिए हम यह काम कर रहे हैं.