भदोही: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से डिग्री लेकर जिले के प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे 212 शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है. फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी के निर्देश पर विश्वविद्यालय उनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन करेगी. बेसिक शिक्षा विभाग ने दोबारा सत्यापन के लिए शिक्षकों की सूची विश्वविद्यालय को भेजी है.
फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने का खुलासा
मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों का बायोडाटा अपलोड होने से सूबे भर में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ा घालमेल सामने आ रहा है. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का मामला हो या परिषदीय स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों का. एक पैन कार्ड से कई शिक्षकों का वेतन उठाने का मामला भी प्रकाश में आ चुका है. वहीं जिले के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों की जांच एसआईटी कर रही है. जांच में कई जिलों में पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री और बीएड के फर्जी अंकपत्र के साथ फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी मिलने की बात सामने आ चुकी है शासन की ओर से संपूर्णानंद से पढ़ने वाले जिले के 212 शिक्षकों की सूची जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजी है.
बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार सिंह ने कहा कि जिले में 212 शिक्षक संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के प्रमाण पत्र से नौकरी प्राप्त की है. विश्वविद्यालय से दोबारा सत्यापन कराने के लिए प्रमाणपत्र भेजे गये हैं. बता दें कि जिले के 1,116 प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में चार हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं तैनात हैं. शिक्षक की नौकरी पाने के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और आगरा यूनिवर्सिटी के फर्जी प्रमाण पत्र लगाए थे. जैसे-जैसे प्रमाण पत्रों की जांच, एजेंसियों की ओर से की जा रही है, धांधली सामने आ रही है.