भदोही: सरकार के लाख कवायद करने के बावजूद भी सूबे में शिक्षा का स्तर और उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म होता नहीं दिख रहा है. वहीं जिला प्रशासन की लापरवाही से यह आज भी फल फूल रहा है. मामला पाली के प्राथमिक स्कूल का है. जहां टूटी हुई छत के नीचे टाइल्स लगा दी गई है. जहां कभी क्लास ही नहीं चलता है. ऐसी स्थिति में वहां टाइल्स लगाने का क्या फायदा हुआ, जिस कक्षा में क्लास ही नहीं चलती और जिस क्लास की छत टपकती हो.
इसे भी पढ़ें- बदायूंः अब रेडियो से अंग्रेजी सीखेंगे सरकारी स्कूल के बच्चे
जर्जर छत के नीचे लगा दी गई टाइल्स
- जिले के पाली के प्राथमिक स्कूल में जर्जर छत के नीचे टाइल्स लगा दी गई है.
- यह निर्माण कार्य वित्त वर्ष 2016 और 17 के कोष से हुआ है.
- प्रधानाचार्य रमाकांत मौर्या का कहना है कि उनसे बिना अनुमति लिए ग्राम प्रधान ने टाइल्स लगवा दी है.
- प्रश्न यह उठता है कि अगर स्कूल में छत टपकती है या उसका छत जर्जर है तो पहले छत की मरम्मत जरूरी है या फर्श की.
- ग्राम प्रधान ने निधि से पैसे निकालने के लिए आनन-फानन में बिना छत बनवाएं कमरे में टाइल्स लगवा दिए जहां क्लास चलते ही नहीं हैं.
हमसे बिना अनुमति लिए ग्राम प्रधान ने टाइल्स लगवा दी है. इसलिए हम इसमें कुछ भी हस्तक्षेप नहीं कर पाए हैं.
-रमाकांत मौर्य, प्रधानाचार्य
जिला प्रशासन इस पर मौन है और वह कुछ भी कहने को तैयार नहीं है ऐसे में प्रश्न यही उठता है कि क्या कभी उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था तथा प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को सरकारी खत्म कर पाएंगी या नहीं.