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अजब भोले की भक्ति: ये बुजुर्ग 11 साल से कांवड़ियों के लिए खुद उठा रहे हैं 'दुख'

सावन के महीने में कोई शिव भक्त कावड़ियों की सेवा के लिए शिविर लगाकर खाना देते हैं तो कोई दवाओं का वितरण करता है. जिले में एक ऐसा शिव भक्त है जो भोले के भक्तों का ही कष्ट हर रहे है. रोजाना सुबह और शाम को यह बुजुर्ग पांच घंटे झाड़ू लगाकर कई किलो मीटर हाईवे को साफ करते है. ताकि कांवड़ियों के पैर में कंकड़ न चुभे.

शिव चंद्र मिश्रा शिव भक्त
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Published : Jul 29, 2019, 8:09 PM IST

भदोही: कहते हैं कि भक्ति भाव के बिना संभव नहीं होती है. पवित्र श्रावण मास में भक्ति की अनूठी मिसालें देखने को मिल रही हैं. भदोही में एक बुजुर्ग कांवड़ियों के रास्ते पर पांच घंटे इसलिए झाड़ू लगाते हैं कि कांवड़ियों के पैर में कंकड़ ने चुभे. पिछले 11 साल से बुजुर्ग सावन के महीने में रोजाना यही करते हैं.

बुजुर्ग ने बताया कि जब वह कांवड़ लेकर जाते थे तो उनके पैरों में सड़क पर पड़े छोटे कंकड़ पत्थरों से जख्म बन जाते थे. इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि जिन रास्ते से कांवड़िये जाते हैं, उन रास्तों पर वह झाड़ू लगाया करेंगे.

एक ऐसा शिव भक्त जो 11 साल से कांवरियों के लिए झाड़ू लगाकर कर रहा है सेवा.

कांवड़ियों के लिए कांवड़ मार्ग पर झाड़ू लगाते हैं यह बुजुर्ग-

  • सावन के महीने में शिव के भक्त कांवड़ लेकर जाते हैं और जलाभिषेक कर पुण्य कमाते हैं.
  • तमाम ऐसे भी शिव भक्त हैं, जो जलाभिषेक करने वाले कांवड़ियों की सेवाकर पुण्य अर्जित करते हैं.
  • प्रयागराज से वाराणसी 125 किमी की यात्रा कर हाईवे से कांवड़िये जाते हैं.
  • ऐसे में हाईवे पर छोटी-छोटी गिट्टी नंगे पैर चल रहे कावड़ियों के लिए बहुत कष्टदाई होती है.
  • इन गिट्टी को झाड़ू लगाकर एक बुजुर्ग साफ करते हैं.
  • जंगीगंज के निवासी है शिव चंद्र मिश्रा सावन में शिव की भक्ति बेहद अलग तरीक से करते हैं.
  • शिव चंद्र सावन के महीने में रोजाना कांवड़ यात्रा मार्ग पर झाड़ू लगाकर सड़क से कंकड़ को साफ करते हैं.
  • शिव चंद्र यह काम ऐसा आज से नहीं बल्कि 11 साल से करते आ रहे हैं.

11 साल पहले मैं कांवड़ लेकर जाता था तो मेरे पैरों में सड़क पर पड़े छोटे कंकड़ पत्थरों से जख्म बन जाते थे. इसके बाद मैंने कावड़ यात्रा मार्ग पर झाड़ू लगाना शुरू कर दिया.
-शिव चंद्र मिश्रा, शिव भक्त

भदोही: कहते हैं कि भक्ति भाव के बिना संभव नहीं होती है. पवित्र श्रावण मास में भक्ति की अनूठी मिसालें देखने को मिल रही हैं. भदोही में एक बुजुर्ग कांवड़ियों के रास्ते पर पांच घंटे इसलिए झाड़ू लगाते हैं कि कांवड़ियों के पैर में कंकड़ ने चुभे. पिछले 11 साल से बुजुर्ग सावन के महीने में रोजाना यही करते हैं.

बुजुर्ग ने बताया कि जब वह कांवड़ लेकर जाते थे तो उनके पैरों में सड़क पर पड़े छोटे कंकड़ पत्थरों से जख्म बन जाते थे. इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि जिन रास्ते से कांवड़िये जाते हैं, उन रास्तों पर वह झाड़ू लगाया करेंगे.

एक ऐसा शिव भक्त जो 11 साल से कांवरियों के लिए झाड़ू लगाकर कर रहा है सेवा.

कांवड़ियों के लिए कांवड़ मार्ग पर झाड़ू लगाते हैं यह बुजुर्ग-

  • सावन के महीने में शिव के भक्त कांवड़ लेकर जाते हैं और जलाभिषेक कर पुण्य कमाते हैं.
  • तमाम ऐसे भी शिव भक्त हैं, जो जलाभिषेक करने वाले कांवड़ियों की सेवाकर पुण्य अर्जित करते हैं.
  • प्रयागराज से वाराणसी 125 किमी की यात्रा कर हाईवे से कांवड़िये जाते हैं.
  • ऐसे में हाईवे पर छोटी-छोटी गिट्टी नंगे पैर चल रहे कावड़ियों के लिए बहुत कष्टदाई होती है.
  • इन गिट्टी को झाड़ू लगाकर एक बुजुर्ग साफ करते हैं.
  • जंगीगंज के निवासी है शिव चंद्र मिश्रा सावन में शिव की भक्ति बेहद अलग तरीक से करते हैं.
  • शिव चंद्र सावन के महीने में रोजाना कांवड़ यात्रा मार्ग पर झाड़ू लगाकर सड़क से कंकड़ को साफ करते हैं.
  • शिव चंद्र यह काम ऐसा आज से नहीं बल्कि 11 साल से करते आ रहे हैं.

11 साल पहले मैं कांवड़ लेकर जाता था तो मेरे पैरों में सड़क पर पड़े छोटे कंकड़ पत्थरों से जख्म बन जाते थे. इसके बाद मैंने कावड़ यात्रा मार्ग पर झाड़ू लगाना शुरू कर दिया.
-शिव चंद्र मिश्रा, शिव भक्त

Intro:कहते है कि भक्ति भाव के बिना संभव नही होती है,पवित्र श्रावण मास में भक्ति की अनूठी मिसाले देखने को मिल रही है। भदोही में एक बुजुर्ग कावड़ियों के रास्ते पर 5 घंटे इसलिए झाडू लगाते है की कावड़ियों के पैर में कंकड़ ने चुभे । पिछले 11 साल से वह सावन के महीने में रोजाना यही करते है। जब वह कावड़ लेकर जाते थे तो उनके पैरों में सड़क पर पड़े छोटे कंकड़ पत्थरो से जख्म बन जाते थे जिसके बाद उन्होंने यह निर्णय लिया। आपको बता दे कि प्रयाग से वाराणसी 125 किलोमीटर की यात्रा हाईवे से कर कावड़िया जाते है। ऐसे में हाईवे पर छोटी छोटी गिट्टी नंगे पैर चल रहे कावड़ियों के लिए बहुत कष्टदाई होती है जिसको झाडू लगाकर बुजुर्ग साफ करता है।

Body:सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव के भक्त कावड़ लेकर जाते है और जलाभिषेक कर पुण्य कमाते है तमाम ऐसे भी शिव भक्त है जो जलाभिषेक करने वाले कावड़ियों की सेवा कर पुण्य अर्जित करते है l ऐसे ही भदोही जिले के जंगीगंज के निवासी है शिव चंद्र मिश्रा है जो बिलकुल अलग तरह से सावन में भगवन शिव की भक्ति करते है l उम्र के इस पड़ाव पर शिव चंद्र मिश्रा सावन के पूरे महीने में रोजाना कावड़ यात्रा मार्ग पर 5 घंटे से ज्यादा समय तक झाड़ू लगाकर सड़क से कंकड़ पत्थर को साफ़ करते है यह बुजुर्ग आज से ऐसा नहीं कर रहे इन्हे ऐसा करते 11 साल हो चुके है l दरसल 11 साल पहले यह भी कावड़ लेकर जाते थे तब इन्हे अहसास हुआ था की सड़क पर पड़े कंकड़ नंगे पैर चलने पर कितना कष्ट देते है जिसके बाद इन्होने कावड़ यात्रा मार्ग पर झाड़ू लगाना शुरू कर दिया l
Conclusion: सावन के महीने में कोई शिव भक्त कावड़ियों की सेवा के लिए शिविर लगाकर खाना देते है तो कोई दवाओं का वितरण करता है लेकिन इन बुजुर्ग की सेवा सबसे अलग है यह भोले के भक्तो का ही कष्ट हर रहे है l रोजाना सुबह और शाम को यह 5 घंटे झाड़ू लगाकर कई किलो मीटर हाईवे को साफ़ करते है कावड़िया जो नंगे पैर साफ किये हुए मार्ग से गुजरते है उन्हें बहुत ही आराम मिलता है कावड़ियों का कहना है की इन बुजुर्ग की जो भक्ति भाव की सेवा है वह सबसे सच्ची है l

बाइट - शिव चंद्र मिश्रा झाड़ू लगाने वाला शिव भक्त


बाइट - ब्रजेश कावड़िया
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