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संतकबीर नगर: प्रशासन को ठेंगा दिखाकर ग्रामीणों ने खुद ही उठाया निर्माण का बीड़ा

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Published : Jul 1, 2019, 3:24 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

जिले में ग्रामीणों ने सिस्टम की पोल खोली है. सरकार से मदद न मिलने पर ग्रामीणों ने खुद ही सड़क निर्माण का बीड़ा उठा लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्षों से वह सड़क निर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया.

सड़क का निर्माण करते ग्रामीण.

संतकबीर नगर: जिले के सेमरियावां विकासखंड के सोनौरा गौसी गांव में ग्रामीण विकास के लिए चलाई जा सरकारी योजनाएं दम तोड़ती दिखाई दे रहीं हैं. नतीजा यह है कि अब सिस्टम से नाराज ग्रामीणों ने निजी खर्च पर सड़क बनाने का बीड़ा उठाया है और खुद ही हाथ में फावड़ा लेकर सड़क निर्माण में जुट गए हैं.

जानकारी देते डीपीआरओ.

जानें आखिर क्यों सड़क निर्माण में जुटे ग्रामीण

  • ग्रामीण प्रधान और उच्च अधिकारियों की उदासीनता की वजह से अपने निजी खर्च पर सड़क बनाने को मजबूर हैं.
  • ग्रामीणों के अनुसार पिछले कई वर्षों से वह सड़क निर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया.
  • सड़क न होने की वजह से ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर थे.
  • बारिश के दिनों में गांव के लोगों के लिए जीना दुश्वार हो रहा था.
  • नालियों में जमा गंदा पानी कई तरह की बीमारियों को दावत दे रहा था.
  • ग्राम प्रधान के द्वारा न तो ग्रामीणों की समस्या सुनी गई और न ही सड़क निर्माण कराने में कोई सहयोग किया गया.
  • ग्राम प्रधान से सहयोग न मिलने पर ग्रामीणों ने खुद चंदा इकट्ठा कर सड़क निर्माण का बीड़ा उठा लिया है.
  • जिले में ग्रामीण स्तर के विकास के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन यह योजनाएं जमीनी स्तर पर ध्वस्त होती दिखाई दे रही हैं.

ग्रामीण स्तर पर सड़कों का निर्माण ग्राम प्रधान द्वारा कराया जाना चाहिए, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ है और ग्रामीण अपने चंदे से सड़क का निर्माण कर रहे हैं तो मैं इसकी जांच कराऊंगा. जांच में तथ्य सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
-आलोक प्रियदर्शी, डीपीआरओ

संतकबीर नगर: जिले के सेमरियावां विकासखंड के सोनौरा गौसी गांव में ग्रामीण विकास के लिए चलाई जा सरकारी योजनाएं दम तोड़ती दिखाई दे रहीं हैं. नतीजा यह है कि अब सिस्टम से नाराज ग्रामीणों ने निजी खर्च पर सड़क बनाने का बीड़ा उठाया है और खुद ही हाथ में फावड़ा लेकर सड़क निर्माण में जुट गए हैं.

जानकारी देते डीपीआरओ.

जानें आखिर क्यों सड़क निर्माण में जुटे ग्रामीण

  • ग्रामीण प्रधान और उच्च अधिकारियों की उदासीनता की वजह से अपने निजी खर्च पर सड़क बनाने को मजबूर हैं.
  • ग्रामीणों के अनुसार पिछले कई वर्षों से वह सड़क निर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया.
  • सड़क न होने की वजह से ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर थे.
  • बारिश के दिनों में गांव के लोगों के लिए जीना दुश्वार हो रहा था.
  • नालियों में जमा गंदा पानी कई तरह की बीमारियों को दावत दे रहा था.
  • ग्राम प्रधान के द्वारा न तो ग्रामीणों की समस्या सुनी गई और न ही सड़क निर्माण कराने में कोई सहयोग किया गया.
  • ग्राम प्रधान से सहयोग न मिलने पर ग्रामीणों ने खुद चंदा इकट्ठा कर सड़क निर्माण का बीड़ा उठा लिया है.
  • जिले में ग्रामीण स्तर के विकास के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन यह योजनाएं जमीनी स्तर पर ध्वस्त होती दिखाई दे रही हैं.

ग्रामीण स्तर पर सड़कों का निर्माण ग्राम प्रधान द्वारा कराया जाना चाहिए, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ है और ग्रामीण अपने चंदे से सड़क का निर्माण कर रहे हैं तो मैं इसकी जांच कराऊंगा. जांच में तथ्य सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
-आलोक प्रियदर्शी, डीपीआरओ

Intro:संत कबीर नगर जिले के सोनौरागौसी गांव में ग्रामीण विकास के लिए चलाई जा सरकारी योजनाएं दम तोड़ती दिखाई दे रहीं है,नतीजा यह है कि अब सिस्टम से नाराज ग्रामीणों ने निजी खर्च पर सड़क बनाने का बीड़ा उठाया है।


Body:दरअसल यह पूरा मामला संत कबीर नगर जिले के सेमरियावां विकासखंड अंतर्गत सनौरा गौसी ग्राम पंचायत का है।यहां के ग्रामीण ग्राम प्रधान और उच्च अधिकारियों की उदासीनता की वजह से अपने निजी खर्च पर सड़क बनाने को मजबूर हो गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार पिछले कई वर्षों से वह सड़क निर्माण की मांग कर रहे थे लेकिन अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया था।यहां रहनेवाले लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर थे। खासकर बारिश के दिनों में इस गांव के लोगों के लिए जीना दुश्वार हो रहा था,नालियों से निकला हुआ गंदा पानी कई तरह की बीमारियों को दावत दे रहा है, लेकिन ग्राम प्रधान के द्वारा ना तो इनकी समस्या सुनी गई और ना ही सड़क निर्माण कराने में किसी भी तरीके का कोई सहयोग किया गया। जनपद में ग्रामीण स्तर के विकास के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन यह योजनाएं जमीनी स्तर पर ध्वस्त होती दिखाई दे रही हैं।


Conclusion:वहीं इस पूरे मामले पर डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी ने कहा की ग्रामीण स्तर पर सड़कों का निर्माण ग्राम प्रधान द्वारा कराया जाना चाहिए था अगर ऐसा नहीं हुआ है तो हम इसकी उचित जांच कराकर कार्रवाई करेंगे।

बाईट
रामसजीवन-ग्रामीण

बाईट
सुमित्रा-ग्रामीण

काउंटर बाईट
आलोक प्रियदर्शी
डीपीआरओ
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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