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संतकबीरनगर: शिक्षिका ने वृद्धा आश्रम में बुजुर्गों को बांटे मास्क और कपड़े - संतकबीरनगर ताजा समाचार

उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में एक शिक्षिका 15 अगस्त के मौके पर वृद्धा आश्रम में पहुंची. यहां उन्होंने बुजुर्गों को कपड़े, सैनिटाइजर, मास्क आदि जरूरत के सभी सामानों को वितरित किया. सहायक अध्यापिका की इस पहल की पूरे जिले में सराहना हो रही है.

बुजुर्गों को बांटे मास्क और कपड़े
बुजुर्गों को बांटे मास्क और कपड़े
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Published : Aug 15, 2020, 7:54 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संतकबीरनगर: अपने बच्चों की खुशियों के लिए सब कुछ दांव पर लगाने के बाद जब बच्चे मां-बाप के बुढ़ापे का सहारा नहीं बने तो बुजुर्गों ने वृद्धा आश्रम की शरण ले ली. वृद्धा आश्रम में शरण लेने के बाद बच्चों ने कभी भी बुजुर्गों की सुध नहीं ली. आज 15 अगस्त के मौके पर संतकबीर नगर जिले की मंझरिया प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका ने वृद्ध आश्रम में रह रहे बुजुर्गों के साथ मना कर खुशियां बांटी. वृद्ध आश्रम में पहुंचकर सहायक अध्यापिका ने बुजुर्गों को कपड़े, सैनिटाइजर, मास्क आदि जरूरत के सभी सामानों को वितरित किया. सहायक अध्यापिका की इस पहल की पूरे जिले में सराहना हो रही है.

बुजुर्गों को बांटे मास्क और कपड़े

वृद्ध आश्रम में बांटी आवश्यक वस्तुएं
संत कबीर नगर जिले की रहने वाली प्राथमिक विद्यालय मंझरिया में तैनात सहायक अध्यापिका ने अनीता सिंह ने 15 अगस्त को अपनी टीम के साथ वृद्धा आश्रम में मनाया. अनीता सिंह ने अपने पति जय प्रकाश सिंह, शिक्षक स्वतंत्र त्रिपाठी के साथ वृद्धाश्रम में पहुंची. वहां पहुंचकर अध्यापिका अनीता सिंह ने बुजुर्गों को कपड़े, मास्क, सैनिटाइजर, गमछा, रुमाल और अन्य आवश्यक वस्तुएं भेंट की. सहायक अध्यापिका की इस पहल से बुजुर्गों के चेहरे पर एक मुस्कान देखने को मिली. बुजुर्गों ने कहा कि भले ही अपनों ने साथ छोड़ दिया है, लेकिन इस शिक्षिका ने हमारे चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है.

बुजुर्गों ने कहा कि जब अपनों ने हमको ठुकराया तो हम वृद्ध आश्रम में आ गए, लेकिन जिस तरीके से शिक्षकों की टीम ने पहुंचकर हम लोगों की मदद की है, हम सब हमेशा उनके आभारी रहेंगे. ईटीवी भारत से बातचीत में सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने बताया कि महामारी को लेकर सभी लोग अपने घरों में हैं. जो बुजुर्ग वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं उनको कहीं बाहर जाने का मौका नहीं मिल पाता है. जिसको लेकर एक छोटी सी पहल की गई है, ताकि बुजुर्गों में खुशी देखने को मिले और उनको कभी यह ना लगे कि वह अपनों के बीच में नहीं हैं. वहीं सहायक अध्यापिका अनीता सिंह की सराहना करते हुए वृद्धा आश्रम के वार्डन विष्णु मिश्रा ने कहा कि जिस तरीके से एक सरकारी शिक्षक ने ऐसी पहल की है, लोगों को भी आगे आना चाहिए जिससे बुजुर्गों का हौसला बढ़े.

कौन है अनिता सिंह
अनीता सिंह मंझरिया प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका हैं. सबसे पहले उन्होंने अपने सरकारी विद्यालय को ट्रेन का मॉडल देकर पूरे प्रदेश में जनपद का नाम रोशन किया है, जिसको लेकर डीएम सहित अन्य अधिकारियों ने भी उनको सम्मानित किया. जिले में सरकारी विद्यालय में ऑनलाइन क्लास की शुरुआत करने वाली अनीता सिंह पहली शिक्षिका हैं. गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा के लिए अनीता सिंह ने खुद की लाइब्रेरी का निर्माण करवाया है, जिसमें बच्चे आकर निशुल्क अध्ययन करते हैं. पूरे प्रदेश में मंझरिया प्राथमिक विद्यालय ट्रेन की शक्ल में पहला विद्यालय है, इसी विद्यालय की शक्ल पर वाराणसी में भी एक विद्यालय का चयन किया गया है.

संतकबीरनगर: अपने बच्चों की खुशियों के लिए सब कुछ दांव पर लगाने के बाद जब बच्चे मां-बाप के बुढ़ापे का सहारा नहीं बने तो बुजुर्गों ने वृद्धा आश्रम की शरण ले ली. वृद्धा आश्रम में शरण लेने के बाद बच्चों ने कभी भी बुजुर्गों की सुध नहीं ली. आज 15 अगस्त के मौके पर संतकबीर नगर जिले की मंझरिया प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका ने वृद्ध आश्रम में रह रहे बुजुर्गों के साथ मना कर खुशियां बांटी. वृद्ध आश्रम में पहुंचकर सहायक अध्यापिका ने बुजुर्गों को कपड़े, सैनिटाइजर, मास्क आदि जरूरत के सभी सामानों को वितरित किया. सहायक अध्यापिका की इस पहल की पूरे जिले में सराहना हो रही है.

बुजुर्गों को बांटे मास्क और कपड़े

वृद्ध आश्रम में बांटी आवश्यक वस्तुएं
संत कबीर नगर जिले की रहने वाली प्राथमिक विद्यालय मंझरिया में तैनात सहायक अध्यापिका ने अनीता सिंह ने 15 अगस्त को अपनी टीम के साथ वृद्धा आश्रम में मनाया. अनीता सिंह ने अपने पति जय प्रकाश सिंह, शिक्षक स्वतंत्र त्रिपाठी के साथ वृद्धाश्रम में पहुंची. वहां पहुंचकर अध्यापिका अनीता सिंह ने बुजुर्गों को कपड़े, मास्क, सैनिटाइजर, गमछा, रुमाल और अन्य आवश्यक वस्तुएं भेंट की. सहायक अध्यापिका की इस पहल से बुजुर्गों के चेहरे पर एक मुस्कान देखने को मिली. बुजुर्गों ने कहा कि भले ही अपनों ने साथ छोड़ दिया है, लेकिन इस शिक्षिका ने हमारे चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है.

बुजुर्गों ने कहा कि जब अपनों ने हमको ठुकराया तो हम वृद्ध आश्रम में आ गए, लेकिन जिस तरीके से शिक्षकों की टीम ने पहुंचकर हम लोगों की मदद की है, हम सब हमेशा उनके आभारी रहेंगे. ईटीवी भारत से बातचीत में सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने बताया कि महामारी को लेकर सभी लोग अपने घरों में हैं. जो बुजुर्ग वृद्ध आश्रम में रह रहे हैं उनको कहीं बाहर जाने का मौका नहीं मिल पाता है. जिसको लेकर एक छोटी सी पहल की गई है, ताकि बुजुर्गों में खुशी देखने को मिले और उनको कभी यह ना लगे कि वह अपनों के बीच में नहीं हैं. वहीं सहायक अध्यापिका अनीता सिंह की सराहना करते हुए वृद्धा आश्रम के वार्डन विष्णु मिश्रा ने कहा कि जिस तरीके से एक सरकारी शिक्षक ने ऐसी पहल की है, लोगों को भी आगे आना चाहिए जिससे बुजुर्गों का हौसला बढ़े.

कौन है अनिता सिंह
अनीता सिंह मंझरिया प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका हैं. सबसे पहले उन्होंने अपने सरकारी विद्यालय को ट्रेन का मॉडल देकर पूरे प्रदेश में जनपद का नाम रोशन किया है, जिसको लेकर डीएम सहित अन्य अधिकारियों ने भी उनको सम्मानित किया. जिले में सरकारी विद्यालय में ऑनलाइन क्लास की शुरुआत करने वाली अनीता सिंह पहली शिक्षिका हैं. गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा के लिए अनीता सिंह ने खुद की लाइब्रेरी का निर्माण करवाया है, जिसमें बच्चे आकर निशुल्क अध्ययन करते हैं. पूरे प्रदेश में मंझरिया प्राथमिक विद्यालय ट्रेन की शक्ल में पहला विद्यालय है, इसी विद्यालय की शक्ल पर वाराणसी में भी एक विद्यालय का चयन किया गया है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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