संत कबीरनगर: सपा के कद्दावर नेता रामवृक्ष यादव रविवार को 16 साल बाद जेल से रिहा हुए. उनकी रिहाई पर समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. फूल-माला पहनाकर नारेबाजी की.
दरअसल, वर्ष 2005 में पंचायत चुनाव के दौरान 25 जुलाई 2005 को तत्कालीन जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी रामवृक्ष यादव से पैतृक गांव तिघरा थाना धनघटा स्थित पोलिंग बूथ पर प्रधान पद के प्रत्याशी रहे महातम यादव का विवाद हो गया था. विवाद के दौरान हुई फायरिंग में महातम यादव को गोली लगी और उनकी मृत्यु हो गई. इस घटना में रामवृक्ष यादव सहित कई लोग घायल भी हुए थे और केजीएमयू लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती हुए थे. इस घटना में तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष रामवृक्ष यादव, उनके अंगरक्षक प्रेम सिंह, सुभाष, मनोज, रामपूजन यादव, हनुमान यादव तथा वीरेंद्र के विरुद्ध थाना धनघटा में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था. तत्कालीन बस्ती जनपद की सेशन कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके विरुद्ध अभियुक्तों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील योजित की थी.
इस मामले में वह 16 साल तक जेल में रहे. इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील में कोर्ट ने उन्हें निर्दोष बताते हुए रिहा करने का आदेश पारित किया. हाईकोर्ट के आदेश पर आज उन्हें जिला कारागार संतकबीरनगर से रिहा कर दिया गया. जेल से रिहा होने के बाद भावुक हुए यादव ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि सत्य की जीत हुई लेकिन उनका एक लंबा जीवन बर्बाद हो गया. वहीं, उनके जेल से रिहा होते ही समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. उनका फूल-माला पहनाई गई.
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