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सीएमओ कार्यालय चलाने वाले लैब टेक्नीशियन जांच के घेरे में - लैब टेक्नीशियन जांच के घेरे में

संतकबीरनगर के सीएमओ कार्यालय में तैनात लिपिक अब लोकायुक्त की जांच के घेरे में हैं. उन पर कार्यवाही के लिए लोकायुक्त की तलवार लटक रही है.

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सीएमओ कार्यालय
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Published : Mar 15, 2022, 2:29 PM IST

संतकबीरनगर: जिले के सीएमओ कार्यालय में तैनात लिपिक अयोध्या प्रसाद अब लोकायुक्त की जांच के घेरे में आ गए हैं. उन पर कार्यवाही के लिए लोकायुक्त की तलवार लटक रही है. मेंहदावल के रहने समाजसेवी और RTI कार्यकर्ता विनोद प्रताप सिंह ने सीएमओ कार्यालय में लिपिक के पद पर अयोध्या प्रसाद पर लगाए गंभीर आरोप लगते हुए लोकायुक्त से शिकायत की थी.

शिकायत में आरटीआई कार्यकर्ता ने अपने पत्र में लिखा था कि अयोध्या प्रसाद प्रयोगशाला सहायक है, जिन्होंने सीएमओ आफिस में अपनी नियम विरुद्ध तरीके से तैनाती कराई है. निजी अस्पताल, पैथालाजी, एक्सरे सेंटर की ख़ुद जाकर जांच करते हैं. इसके अलावा जांच सम्बन्धित नोटिस पर FOR लिखकर सीएमओ के स्थान पर ख़ुद सिग्नेचर बनाने का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त से जांच की मांग की थी.

इसी क्रम में जिलाधिकारी को जांच कराकर 22 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इसके बाद से स्वास्थ विभाग में हड़कंप का माहौल है. वहीं, स्वास्थ्य कर्मी अयोध्या प्रसाद ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं.

आपको बता दें कि जिस लिपिक पर आरटीआई कार्यकर्ता और समाजसेवी विनोद कुमार सिंह ने आरोप लगाकर लोकायुक्त से जांच की मांग की है. ऐसे में देखने वाली बात होगी लोकायुक्त की जांच में स्वास्थ्य कर्मी अयोध्या प्रसाद के खिलाफ जांच रिपोर्ट में क्या कुछ निकल कर आता है. यह तो रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा, लेकिन जिस तरह से अक्सर सवालों के घेरे में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मी अयोध्या प्रसाद पर लोकायुक्त की जांच की तलवार लटक रही है.

संतकबीरनगर: जिले के सीएमओ कार्यालय में तैनात लिपिक अयोध्या प्रसाद अब लोकायुक्त की जांच के घेरे में आ गए हैं. उन पर कार्यवाही के लिए लोकायुक्त की तलवार लटक रही है. मेंहदावल के रहने समाजसेवी और RTI कार्यकर्ता विनोद प्रताप सिंह ने सीएमओ कार्यालय में लिपिक के पद पर अयोध्या प्रसाद पर लगाए गंभीर आरोप लगते हुए लोकायुक्त से शिकायत की थी.

शिकायत में आरटीआई कार्यकर्ता ने अपने पत्र में लिखा था कि अयोध्या प्रसाद प्रयोगशाला सहायक है, जिन्होंने सीएमओ आफिस में अपनी नियम विरुद्ध तरीके से तैनाती कराई है. निजी अस्पताल, पैथालाजी, एक्सरे सेंटर की ख़ुद जाकर जांच करते हैं. इसके अलावा जांच सम्बन्धित नोटिस पर FOR लिखकर सीएमओ के स्थान पर ख़ुद सिग्नेचर बनाने का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त से जांच की मांग की थी.

इसी क्रम में जिलाधिकारी को जांच कराकर 22 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इसके बाद से स्वास्थ विभाग में हड़कंप का माहौल है. वहीं, स्वास्थ्य कर्मी अयोध्या प्रसाद ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं.

आपको बता दें कि जिस लिपिक पर आरटीआई कार्यकर्ता और समाजसेवी विनोद कुमार सिंह ने आरोप लगाकर लोकायुक्त से जांच की मांग की है. ऐसे में देखने वाली बात होगी लोकायुक्त की जांच में स्वास्थ्य कर्मी अयोध्या प्रसाद के खिलाफ जांच रिपोर्ट में क्या कुछ निकल कर आता है. यह तो रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा, लेकिन जिस तरह से अक्सर सवालों के घेरे में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मी अयोध्या प्रसाद पर लोकायुक्त की जांच की तलवार लटक रही है.

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