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संतकबीर नगरः पहले स्कूल को बनाया ट्रेन, फिर सैलरी से बनायी लाइब्रेरी

संतकबीर नगर जिले में प्राथमिक विद्यालय मंझरिया की सहायक अध्यापिका ने एक नई मुहिम चालू की है. मुहिम के तहत सहायक अध्यापिका ने ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा से अछूते रह गए बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया है.

अध्यापिका ने कराया लाइब्रेरी का निर्माण
अध्यापिका ने कराया लाइब्रेरी का निर्माण
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Published : Feb 13, 2020, 8:05 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संतकबीर नगरः कहते हैं कुछ करने का जज्बा हो तो कोई मंजिल मुश्किल नहीं होती. कुछ इन्हीं चंद लाइनों से सीख लेकर प्राथमिक विद्यालय मंझरिया की सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने महिलाओं और बालिकाओं के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया है. इसका नाम एक छोटी सी आशा पुस्तक कुंज रखा है. इस लाइब्रेरी में ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने वाली बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए किताबें मुहैया कराई जा रही हैं. लाइब्रेरी में दीवारों पर पेंटिंग कर बाकायदा शिक्षा के महत्व को दर्शाया गया है. इस कार्य को अनीता सिंह ने अपनी खुद की सैलरी से किया है.

अध्यापिका ने कराया लाइब्रेरी का निर्माण.

जिले के मेनसर गांव की अनीता सिंह मंझरिया प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका पद पर तैनात हैं. उन्होंने पहले अपने विद्यालय को ट्रेन का मॉडल देकर उसको मंझरिया जंक्शन नाम दिया, जिसकी चर्चा जोरों पर रही. उसके बाद उन्होंने घरेलू हिंसा की शिकार हो रही महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षा अभियान चलाया. इसके बाद मुहिम के तहत सहायक अध्यापिका ने लाइब्रेरी का निर्माण करवाया.

लाइब्रेरी में 150 प्रकार की हैं किताबें

ईटीवी भारत के खास बातचीत में सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने बताया कि 'एक छोटी सी आशा पुस्तक कुंज' के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाएं और महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. हमने उन महिलाओं और बालिकाओं के लिए इसका निर्माण कराया है जो शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती हैं. इस लाइब्रेरी में धार्मिक ग्रंथ भी रखे गए हैं. जहां 6 साल से लेकर 60 साल के लोग इस लाइब्रेरी में आकर विभिन्न जानकारियां किताबों के माध्यम से हासिल कर सकते हैं. वहीं लाइब्रेरी में 150 प्रकार की किताबें रखी गई हैं. लाइब्रेरी में आई छात्राओं ने बताया कि सहायक अध्यापिका की यह पहल बेहद ही सराहनीय है. हमें इससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है.

अनीता सिंह को किया जा चुका है सम्मानित

पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस में प्राथमिक विद्यालय मंझरिया के मॉडल का चयन भी किया गया था. प्राथमिक विद्यालय मंझरिया की सहायक अध्यापिका ने अपने विद्यालय को ट्रेन की शक्ल देकर उसको मंझरिया जंक्शन का नाम दिया था. इसके बाद से विद्यालय को देखने के लिए लोगों की लाइन लगी रही. इस कार्य के लिए सहायक अध्यापिका अनीता सिंह को सम्मानित भी किया गया था.

संतकबीर नगरः कहते हैं कुछ करने का जज्बा हो तो कोई मंजिल मुश्किल नहीं होती. कुछ इन्हीं चंद लाइनों से सीख लेकर प्राथमिक विद्यालय मंझरिया की सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने महिलाओं और बालिकाओं के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया है. इसका नाम एक छोटी सी आशा पुस्तक कुंज रखा है. इस लाइब्रेरी में ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ने वाली बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए किताबें मुहैया कराई जा रही हैं. लाइब्रेरी में दीवारों पर पेंटिंग कर बाकायदा शिक्षा के महत्व को दर्शाया गया है. इस कार्य को अनीता सिंह ने अपनी खुद की सैलरी से किया है.

अध्यापिका ने कराया लाइब्रेरी का निर्माण.

जिले के मेनसर गांव की अनीता सिंह मंझरिया प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका पद पर तैनात हैं. उन्होंने पहले अपने विद्यालय को ट्रेन का मॉडल देकर उसको मंझरिया जंक्शन नाम दिया, जिसकी चर्चा जोरों पर रही. उसके बाद उन्होंने घरेलू हिंसा की शिकार हो रही महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षा अभियान चलाया. इसके बाद मुहिम के तहत सहायक अध्यापिका ने लाइब्रेरी का निर्माण करवाया.

लाइब्रेरी में 150 प्रकार की हैं किताबें

ईटीवी भारत के खास बातचीत में सहायक अध्यापिका अनीता सिंह ने बताया कि 'एक छोटी सी आशा पुस्तक कुंज' के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाएं और महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. हमने उन महिलाओं और बालिकाओं के लिए इसका निर्माण कराया है जो शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाती हैं. इस लाइब्रेरी में धार्मिक ग्रंथ भी रखे गए हैं. जहां 6 साल से लेकर 60 साल के लोग इस लाइब्रेरी में आकर विभिन्न जानकारियां किताबों के माध्यम से हासिल कर सकते हैं. वहीं लाइब्रेरी में 150 प्रकार की किताबें रखी गई हैं. लाइब्रेरी में आई छात्राओं ने बताया कि सहायक अध्यापिका की यह पहल बेहद ही सराहनीय है. हमें इससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है.

अनीता सिंह को किया जा चुका है सम्मानित

पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस में प्राथमिक विद्यालय मंझरिया के मॉडल का चयन भी किया गया था. प्राथमिक विद्यालय मंझरिया की सहायक अध्यापिका ने अपने विद्यालय को ट्रेन की शक्ल देकर उसको मंझरिया जंक्शन का नाम दिया था. इसके बाद से विद्यालय को देखने के लिए लोगों की लाइन लगी रही. इस कार्य के लिए सहायक अध्यापिका अनीता सिंह को सम्मानित भी किया गया था.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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