संत कबीर नगर: आज के आधुनिक युग में भी कई ऐसे प्रकृति प्रेमी हैं, जो पशु-पक्षियों को इसांनों की तरह ही प्रेम करते हैं. वो बेजुबानों की जिंदगी में एक मसीहा की तरह उभरकर सामने आते हैं और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं. ऐसी ही कुछ मिसाल पेश कर रहे हैं संत कबीर नगर जिले के प्रदीप सिंह सिसोदिया.
प्रदीप सिंह सिसोदिया जिले के कोनी गांव के रहने वाले हैं. प्रदीप सिंह समाजसेवी हैं, लेकिन वो बंदरों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं. प्रदीप ने बताया कि बचपन से ही उन्हे प्रकृति के प्रति खासा लगाव है. वो बचपनन से ही भूखे-प्यासे जानवरों को खाना खिलाते आ रहे हैं. प्रदीप रोजाना तय समय पर मंदिर के आसपास बंदरों को भोजन कराने के लिए पहुंचते हैं. बंदर भी उनका बेसब्री इंतजार करते हैं. प्रदीप जैसे ही मंदिर प्रांगण के आसपास पहुंचते हैं, वैसे बंदरों का झुंड उन्हें घेर लेता है. उनका कहना है कि भीड़-भाड़ होने के बाद भी बंदर उनके साथ घंटों वक्त बिताते हैं.
प्रदीप सिंह का कहना है कि बेजुबान जानवर कुछ कह नहीं सकते. लॉकडाउन के चलते मन्दिरों के कपाट बन्द कर दिए गए, जिससे बंदरों के खाने का प्रबन्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में बन्दर भूखे रह जाते हैं. उनकी पीड़ा को समझते हुए वह रोजाना बंदरों के खाने का प्रबन्ध कर रहे हैं.