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संतकबीरनगर: लॉकडाउन के चलते ठप हुआ कुम्हारों का धंधा

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में लॉकडाउन के चलते कुम्हारों का धंधा पूरी तरह से ठप हो गया. अब दो वक्त कि रोटी भी उनके लिए मुश्किल हो गई. वहीं लाखों रुपये की लागत से बनाए गए मिट्टी के बर्तन भी बर्बाद हो रहे हैं.

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बंद हुई कुम्हारों के चाकी की आवाज.
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Published : Apr 18, 2020, 4:59 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST

संत कबीर नगर: जिले में कभी कुम्हारों के लिए आबाद रहने वाली कुम्हारों की नगरी बड़गो पूरी तरह से बदहाल हो गयी है. लॉकडाउन के चलते जहां कुम्हारों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है वहीं अब कुम्हारों के लिए रोजी रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है. मिट्टी के बर्तन का कारोबार कर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी कमाने वाले कुम्हार पूरी तरह से परेशान हैं. लॉकडाउन का असर उनकी जीविका पर बहुत अधिक पड़ा है, जिसके चलते मिट्टी के बर्तन नहीं बिक रहे और लाखों रुपए की लागत से बने बर्तन बर्बाद हो रहे हैं.

बंद हुई कुम्हारों के चाकी की आवाज.

दो वक्त की रोटी का नहीं हो रहा इंतजाम
जिले के बड़गो क्षेत्र जहां कई कुम्हार परिवार रहते हैं और मिट्टी के बर्तन बना उसे बेचकर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते हैं. दूर-दूर से लोग यहां पहुंचकर मिट्टी के बर्तनों की खरीदारी करते थे, लेकिन जब से देश में कोरोना महामारी फैली है तब से शहर में लॉकडाउन लगा हुआ है. जिसके चलते इनका धंधा पूरी तरह से ठप हो गया है. वही मिट्टी के बर्तन का कारोबार कर अपने परिवार का खर्चा चलाने वाले कुम्हार परिवार काफी परेशान हैं.

जबसे लॉकडाउन लगा है कारोबार पूरी तरह से बंद हो गया है. पहले धार्मिक अनुष्ठान जैसे शादी सहित अन्य तरीके के बर्तन लोग खरीदते थे. लेकिन अब पूरी तरह से धंधा बंद हो गया है. प्रशासन की तरफ से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है.
राम भोज, कुम्हार

संत कबीर नगर: जिले में कभी कुम्हारों के लिए आबाद रहने वाली कुम्हारों की नगरी बड़गो पूरी तरह से बदहाल हो गयी है. लॉकडाउन के चलते जहां कुम्हारों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है वहीं अब कुम्हारों के लिए रोजी रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है. मिट्टी के बर्तन का कारोबार कर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी कमाने वाले कुम्हार पूरी तरह से परेशान हैं. लॉकडाउन का असर उनकी जीविका पर बहुत अधिक पड़ा है, जिसके चलते मिट्टी के बर्तन नहीं बिक रहे और लाखों रुपए की लागत से बने बर्तन बर्बाद हो रहे हैं.

बंद हुई कुम्हारों के चाकी की आवाज.

दो वक्त की रोटी का नहीं हो रहा इंतजाम
जिले के बड़गो क्षेत्र जहां कई कुम्हार परिवार रहते हैं और मिट्टी के बर्तन बना उसे बेचकर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते हैं. दूर-दूर से लोग यहां पहुंचकर मिट्टी के बर्तनों की खरीदारी करते थे, लेकिन जब से देश में कोरोना महामारी फैली है तब से शहर में लॉकडाउन लगा हुआ है. जिसके चलते इनका धंधा पूरी तरह से ठप हो गया है. वही मिट्टी के बर्तन का कारोबार कर अपने परिवार का खर्चा चलाने वाले कुम्हार परिवार काफी परेशान हैं.

जबसे लॉकडाउन लगा है कारोबार पूरी तरह से बंद हो गया है. पहले धार्मिक अनुष्ठान जैसे शादी सहित अन्य तरीके के बर्तन लोग खरीदते थे. लेकिन अब पूरी तरह से धंधा बंद हो गया है. प्रशासन की तरफ से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है.
राम भोज, कुम्हार

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:22 PM IST
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