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पीएम आवास की आस में बुजुर्ग मां से छिनी बुढ़ापे की लाठी, जिम्मेदारों की लापरवाही में दिव्यांग की मौत - status of pm awas yojana in up

पीएम आवास के लाभार्थियों का नाम उस सूची से हटाकर दूसरे लोगों को आवास आवंटित कर दिया गया. इसमें संत कबीर नगर के एक दिव्यांग का भी आवास था. वह दिव्यांग फरियादियों के दर पर चक्कर लगाता रहा और अधिकारी उसे आश्वासन की घुट्टी पिलाते रहे. इसी गम में आज आखिरकार उस शख्स की सांसे टूट गईं.

पीएम आवास की आस में दिव्यांग की मौत
पीएम आवास की आस में दिव्यांग की मौत
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Published : Dec 11, 2021, 4:57 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 5:55 PM IST

संत कबीर नगर: उत्तर प्रदेश में अगर कहा जाए कि नौकरशाहों की जिम्मेदारी मर चुकी है, संवेदनाएं मर चुकी हैं तो शायद यह कहीं से गलत नहीं होगा. इन नौकरशाहों के दरवाजे पर चक्कर लगाते-लगाते आज वह इंसान भी मर गया जिसने इनसे न्याय की उम्मीद लगा रखी थी. मामला जिले के पौली ब्लॉक में आने वाले रोसया गांव का है. यहां पीएम आवास के लाभार्थियों का नाम हटाकर उनकी जगह दूसरे लोगों को पीएम आवास आवंटित कर दिया गया, जिसमें दिव्यांग लाभार्थी भी शामिल है.

यह लाभार्थी अपने हक के लिए पिछले 14 दिनों से ब्लॉक से लेकर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की चौखट पर पहुंचकर फरियाद लगाता रहा और अधिकारी जांच की बात कहकर आश्वासन की घुट्टी पिलाते रहे. उन्हीं पीड़ित फरियादियों में मेराज नाम के एक 35 वर्षीय दिव्यांग लाभार्थी शिकायतकर्ता की पीएम आवास पाने की आस में शनिवार को आखिरकार उसकी सांसे टूट गई. मृतक की मां का रो-रो कर बुरा हाल है.

पीएम आवास की आस में दिव्यांग की मौत

सीडीओ ने दिया था कार्रवाई का आश्वासन

24 नवंबर 2021 को पीएम आवास से वंचित करीब 10 से अधिक ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे थे लेकिन, छुट्टी का दिन होने की वजह से उनकी डीएम से मुलाकात नहीं हुई. सभी फरियादी डीएम कार्यालय के बाहर खड़े होकर वापस गांव लौटने ही वाले थे कि तभी वहां से गुजर रहे सीडीओ सुरेंद्र नाथ श्रीवास्तव की नजर उन ग्रामीणों पर पड़ी. सीडीओ ने अपनी गाड़ी रुकवाई और ग्रामीणों से उनकी फरियाद सुनी. उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देकर ग्रामीणों को वापस घर लौटा दिया था.

इसे भी पढ़ें- प्रेमी के साथ घर से निकली छात्रा की सड़क हादसे में मौत, परिजनों ने लगाया रेप के बाद हत्या का आरोप

आवास न मिलने के गम में टूटी दिव्यांग फरियादी की सांसे

करीब एक हफ्ते बाद फिर वही ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे और पौली ब्लॉक के वीडीओ पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि वीडीओ साहब ने आवास देने से मना कर दिया है और कार्यालय से उन्हें भगा दिया. लेकिन शनिवार को आवास से वंचित उन्ही पीड़ित ग्रामीणों में एक दिव्यांग फरियादी मेराज अहमद की सांसें टूट गईं. बुज़ुर्ग मां का रो-रोकर बुरा हाल है, क्योंकि 2 बेटों में उसका एक बेटा अपनी मां से अलग रहता है और इस बुढ़ापे में दिव्यांग मेराज ही उसकी जिंदगी का आखरी सहारा था. मां का आरोप है की उसका बेटा पीएम आवास के लिए अधिकारियों की चौखट पर फरियाद लगाता रहा लेकिन, इन अधिकारियों ने उनके बेटे की एक ना सुनी. आज बेटा उसी गम में हम सब को छोड़ कर चला गया है.

इस पूरे मामले पर परियोजना निदेशक दुर्गा दत्त शुक्ला ने दुख जताते हुए पीड़ित परिवार को उनका हक दिलाने के लिए फौरन वीडीओ को मृतक घर जाने का आदेश दिया और जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही है.

संत कबीर नगर: उत्तर प्रदेश में अगर कहा जाए कि नौकरशाहों की जिम्मेदारी मर चुकी है, संवेदनाएं मर चुकी हैं तो शायद यह कहीं से गलत नहीं होगा. इन नौकरशाहों के दरवाजे पर चक्कर लगाते-लगाते आज वह इंसान भी मर गया जिसने इनसे न्याय की उम्मीद लगा रखी थी. मामला जिले के पौली ब्लॉक में आने वाले रोसया गांव का है. यहां पीएम आवास के लाभार्थियों का नाम हटाकर उनकी जगह दूसरे लोगों को पीएम आवास आवंटित कर दिया गया, जिसमें दिव्यांग लाभार्थी भी शामिल है.

यह लाभार्थी अपने हक के लिए पिछले 14 दिनों से ब्लॉक से लेकर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की चौखट पर पहुंचकर फरियाद लगाता रहा और अधिकारी जांच की बात कहकर आश्वासन की घुट्टी पिलाते रहे. उन्हीं पीड़ित फरियादियों में मेराज नाम के एक 35 वर्षीय दिव्यांग लाभार्थी शिकायतकर्ता की पीएम आवास पाने की आस में शनिवार को आखिरकार उसकी सांसे टूट गई. मृतक की मां का रो-रो कर बुरा हाल है.

पीएम आवास की आस में दिव्यांग की मौत

सीडीओ ने दिया था कार्रवाई का आश्वासन

24 नवंबर 2021 को पीएम आवास से वंचित करीब 10 से अधिक ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे थे लेकिन, छुट्टी का दिन होने की वजह से उनकी डीएम से मुलाकात नहीं हुई. सभी फरियादी डीएम कार्यालय के बाहर खड़े होकर वापस गांव लौटने ही वाले थे कि तभी वहां से गुजर रहे सीडीओ सुरेंद्र नाथ श्रीवास्तव की नजर उन ग्रामीणों पर पड़ी. सीडीओ ने अपनी गाड़ी रुकवाई और ग्रामीणों से उनकी फरियाद सुनी. उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन देकर ग्रामीणों को वापस घर लौटा दिया था.

इसे भी पढ़ें- प्रेमी के साथ घर से निकली छात्रा की सड़क हादसे में मौत, परिजनों ने लगाया रेप के बाद हत्या का आरोप

आवास न मिलने के गम में टूटी दिव्यांग फरियादी की सांसे

करीब एक हफ्ते बाद फिर वही ग्रामीण डीएम कार्यालय पहुंचे और पौली ब्लॉक के वीडीओ पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि वीडीओ साहब ने आवास देने से मना कर दिया है और कार्यालय से उन्हें भगा दिया. लेकिन शनिवार को आवास से वंचित उन्ही पीड़ित ग्रामीणों में एक दिव्यांग फरियादी मेराज अहमद की सांसें टूट गईं. बुज़ुर्ग मां का रो-रोकर बुरा हाल है, क्योंकि 2 बेटों में उसका एक बेटा अपनी मां से अलग रहता है और इस बुढ़ापे में दिव्यांग मेराज ही उसकी जिंदगी का आखरी सहारा था. मां का आरोप है की उसका बेटा पीएम आवास के लिए अधिकारियों की चौखट पर फरियाद लगाता रहा लेकिन, इन अधिकारियों ने उनके बेटे की एक ना सुनी. आज बेटा उसी गम में हम सब को छोड़ कर चला गया है.

इस पूरे मामले पर परियोजना निदेशक दुर्गा दत्त शुक्ला ने दुख जताते हुए पीड़ित परिवार को उनका हक दिलाने के लिए फौरन वीडीओ को मृतक घर जाने का आदेश दिया और जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही है.

Last Updated : Dec 11, 2021, 5:55 PM IST
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