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देखिए, यही है वह मार्ग जहां से गुजरी थी भगवान राम की बारात, आज ये है हाल

ये तस्वीर है उस रामजानकी मार्ग की है, जो जनकपुर से चलकर अयोध्या को जोड़ता है, यूपी के संत कबीर नगर जिले का पौराणिक राम जानकी मार्ग बदहाल हो चुका है इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों के साथ सड़क पानी से लबालब भरा हुआ है जिसके चलते आए दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं . आपको बता दें कि इस सड़क का जिसका रिश्ता माता जानकी और और प्रभु राम से जुड़ा है.

रामजानकी मार्ग
रामजानकी मार्ग
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Published : Aug 19, 2021, 5:13 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 7:40 PM IST

संत कबीर नगर: जिले का पौराणिक रामजानकी मार्ग बदहाल हो चुका है. इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढों के साथ लबालब पानी भरा हुआ है. पैदल चलना मुश्किल हो गया है. जबकि इस मार्ग का इतिहास स्वर्णिम रहा है. त्रेता युग इसी मार्ग से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र की बारात अयोध्या से जनकपुर गई थी. राम जानकी मार्ग का करीब 35 किलोमीटर हिस्‍सा संत कबीरनगर जिले के धनघटा तहसील में आता है. रामपुर से बसवारी गांव तक रामजानकी मार्ग बना है. रामजानकी मार्ग जनकपुर तक विभिन्न जिलों और प्रदेशों को पार करके पहुंचता है. लेकिन कलियुग में इस समय यह ऐतिहासिक मार्ग हर कदम पर हिचकोले देता है.

रामजानकी मार्ग की लंबाई लगभग 429 किलोमीटर है, लेकिन संतकबीरनगर के धनघटा क्षेत्र से रामनगर के बीच लगभग 13 किलोमीटर तक मार्ग की हालत ऐसी है, जिसपर चलना किसी जोखिम से उठाने से कम नहीं. ये हम नहीं बल्कि इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों के साथ ही रामजानकी मार्ग की हालत खुद ही अपनी कहानी बयां करती है. योगी सरकार ने सत्ता में आते ही भले गड्ढा मुक्ति के लाख दावे किए हो, लेकिन इस पौराणिक राम जानकी मार्ग के गड्ढें हैं कि अब तक नहीं भरे.ये मार्ग गड्ढा मुक्ति के सरकारी दावे की हकीकत बयां करता है. बता दें कि यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग भी घोषित है, बावजूद इसके कोई सुधार होता नज़र नहीं आता.

रामजानकी मार्ग के हाल बदहाल.

सड़क के नए सिरे से निर्माण की घोषणा चार वर्ष पहले केंद्रीय मंत्री द्वारा की गई थी. 2017 में सरकारी स्तर से सड़क की पटरियों पर गिट्टी डालकर इसे डबल लेन बनाने का कार्य भी आरंभ हुआ. 2018 में धनघटा से लेकर सिकरीगंज तक चौड़ीकरण का कार्य पूरा भी किया गया. लेकिन सरकारी अफसरों और ठेकेदार की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण किए गए अधोमानक निर्माण से सड़क एक वर्ष के अंदर ही उखड़ने लगी.अब तो हाल यह है कि इस मार्ग पर हर दो-चार किमी चलने के बाद सुस्ताना पड़ता है.

रामजानकी मार्ग
रामजानकी मार्ग की ये है हालत.

स्थानीय लोगों की मानें तो सरकार ने जो सड़कों के गड्ढा मुक्ति के दावे किए थे वो दावा हकीकत में बदलता कहीं नजर नहीं आ रहा है. बस बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन होता कुछ नही और जानकी माता के नाम से बनी इस सड़क का जब ये हाल है, जिसपर प्रभु राम और माता जानकी जनकपुर से चलकर अयोध्या गए तो जरा सोचिए आखिर विकास कहां हुआ है.

संत कबीर नगर: जिले का पौराणिक रामजानकी मार्ग बदहाल हो चुका है. इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढों के साथ लबालब पानी भरा हुआ है. पैदल चलना मुश्किल हो गया है. जबकि इस मार्ग का इतिहास स्वर्णिम रहा है. त्रेता युग इसी मार्ग से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र की बारात अयोध्या से जनकपुर गई थी. राम जानकी मार्ग का करीब 35 किलोमीटर हिस्‍सा संत कबीरनगर जिले के धनघटा तहसील में आता है. रामपुर से बसवारी गांव तक रामजानकी मार्ग बना है. रामजानकी मार्ग जनकपुर तक विभिन्न जिलों और प्रदेशों को पार करके पहुंचता है. लेकिन कलियुग में इस समय यह ऐतिहासिक मार्ग हर कदम पर हिचकोले देता है.

रामजानकी मार्ग की लंबाई लगभग 429 किलोमीटर है, लेकिन संतकबीरनगर के धनघटा क्षेत्र से रामनगर के बीच लगभग 13 किलोमीटर तक मार्ग की हालत ऐसी है, जिसपर चलना किसी जोखिम से उठाने से कम नहीं. ये हम नहीं बल्कि इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों के साथ ही रामजानकी मार्ग की हालत खुद ही अपनी कहानी बयां करती है. योगी सरकार ने सत्ता में आते ही भले गड्ढा मुक्ति के लाख दावे किए हो, लेकिन इस पौराणिक राम जानकी मार्ग के गड्ढें हैं कि अब तक नहीं भरे.ये मार्ग गड्ढा मुक्ति के सरकारी दावे की हकीकत बयां करता है. बता दें कि यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग भी घोषित है, बावजूद इसके कोई सुधार होता नज़र नहीं आता.

रामजानकी मार्ग के हाल बदहाल.

सड़क के नए सिरे से निर्माण की घोषणा चार वर्ष पहले केंद्रीय मंत्री द्वारा की गई थी. 2017 में सरकारी स्तर से सड़क की पटरियों पर गिट्टी डालकर इसे डबल लेन बनाने का कार्य भी आरंभ हुआ. 2018 में धनघटा से लेकर सिकरीगंज तक चौड़ीकरण का कार्य पूरा भी किया गया. लेकिन सरकारी अफसरों और ठेकेदार की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण किए गए अधोमानक निर्माण से सड़क एक वर्ष के अंदर ही उखड़ने लगी.अब तो हाल यह है कि इस मार्ग पर हर दो-चार किमी चलने के बाद सुस्ताना पड़ता है.

रामजानकी मार्ग
रामजानकी मार्ग की ये है हालत.

स्थानीय लोगों की मानें तो सरकार ने जो सड़कों के गड्ढा मुक्ति के दावे किए थे वो दावा हकीकत में बदलता कहीं नजर नहीं आ रहा है. बस बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन होता कुछ नही और जानकी माता के नाम से बनी इस सड़क का जब ये हाल है, जिसपर प्रभु राम और माता जानकी जनकपुर से चलकर अयोध्या गए तो जरा सोचिए आखिर विकास कहां हुआ है.

Last Updated : Aug 19, 2021, 7:40 PM IST
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