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'मेरा घर किसान का घर, भाजपा मुक्त घर', जानें क्यों लगे ये पोस्टर

यूपी के संभल के कई गांवों में भाजपा विरोधी स्टीकर लगाए गए हैं. इन स्टीकरों पर लिखा गया है कि 'किसान का घर, भाजपा मुक्त घर.'

गांवों में लगे भाजपा विरोधी स्टीकर और पोस्टर.
गांवों में लगे भाजपा विरोधी स्टीकर और पोस्टर.
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Published : Feb 25, 2021, 7:04 PM IST

संभल: जिले के कुछ गांवों में कुछ दिनों पहले भाजपा के खिलाफ साइन बोर्ड लगाए गए थे. इन पर लिखा था 'बीजेपी वालों का गांव में आना मना है.' सूचना मिलने पर पुलिस ने ये साइन बोर्ड तो हटवा दिए. अब गांव सिंघपुरसानी, रया और गांव भट्वाली आदि गांवों में घरों के बाहर पोस्टर और स्टीकर चिपकाए गए हैं. इन पर 'किसान का घर, भाजपा मुक्त घर' लिखा हुआ है. ईटीवी भारत की टीम ने इन गांवों के ग्रामीणों से बात की, देखिये ये रिपोर्ट...

गांवों में लगे भाजपा विरोधी स्टीकर और पोस्टर.

'सरकार कृषि कानून वापस ले'
ग्राम सिंघपुरसानी के पंकज ने बताया कि इस गांव में भाजपा के खिलाफ यह प्रदर्शन हो रहा है, क्योंकि भाजपा किसान आंदोलन के दौरान रखी गईं मागों को नहीं मान रही है. अब हम लोग अपने घरों के बाहर भाजपा मुक्त घर के पोस्टर और स्टीकर लगा रहे हैं, जिससे सरकार उनकी बात माने और कृषि कानून वापस ले. घरों के बाहर लगाए गए स्टीकरों और पोस्टरों में चौधरी महेंद्र सिंह टिकैट और चौधरी चरण सिंह की तस्वीर दिख रही है. साथ ही लिखा गया है कि 'मेरा घर किसान का घर, भाजपा मुक्त घर.'

'बीजेपी को अपने गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे'

ग्राम चंद्रावली के युवा विशेष ने बताया कि सरकार दिल्ली बॉर्डर पर कांटे लगा सकती है, सीमेंटेड दीवार लगा सकती है, किले लगा सकती है तो हम अपने घर पर स्टिकर और पोस्टर भी लगवा सकते हैं. इससे भाजपा सरकार हमारे घर नहीं आएगी. सरकार हमें दिल्ली में प्रवेश नहीं करने देगी तो हम भी बीजेपी को अपने गांव में और अपने क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देंगे.

'स्टीकर लगाना हमारी मजबूरी'

ग्राम भदरौली के एक ग्रामीण का कहना है कि बीजेपी के विरोध में स्टीकर लगाना हमारी मजबूरी है, क्योंकि हमारे किसान भाई बहुत महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं. सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही है. ग्राम चंद्रावली के रहने वाले राजपाल से जब पूछा गया कि क्या ग्राम पंचायत चुनाव पर भी किसानों के इस कदम का असर पड़ेगा. इस पर उनका कहना था कि ग्राम पंचायत चुनाव का रिजल्ट आएगा तो सरकार को पता चल जाएगा.

बीजेपी पदाधिकारियों को नहीं है जानकारी
पोस्टर और बैनर के बारे में बीजेपी के जिलाध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है. कहा कि हाल ही में हरीश सिंह ढिल्लो कई गांवों का दौरा करके गए हैं. प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र चौधरी भी कई गांव से होकर गए हैं. उनके संज्ञान में ऐसी कोई बात नहीं आई है.

संभल: जिले के कुछ गांवों में कुछ दिनों पहले भाजपा के खिलाफ साइन बोर्ड लगाए गए थे. इन पर लिखा था 'बीजेपी वालों का गांव में आना मना है.' सूचना मिलने पर पुलिस ने ये साइन बोर्ड तो हटवा दिए. अब गांव सिंघपुरसानी, रया और गांव भट्वाली आदि गांवों में घरों के बाहर पोस्टर और स्टीकर चिपकाए गए हैं. इन पर 'किसान का घर, भाजपा मुक्त घर' लिखा हुआ है. ईटीवी भारत की टीम ने इन गांवों के ग्रामीणों से बात की, देखिये ये रिपोर्ट...

गांवों में लगे भाजपा विरोधी स्टीकर और पोस्टर.

'सरकार कृषि कानून वापस ले'
ग्राम सिंघपुरसानी के पंकज ने बताया कि इस गांव में भाजपा के खिलाफ यह प्रदर्शन हो रहा है, क्योंकि भाजपा किसान आंदोलन के दौरान रखी गईं मागों को नहीं मान रही है. अब हम लोग अपने घरों के बाहर भाजपा मुक्त घर के पोस्टर और स्टीकर लगा रहे हैं, जिससे सरकार उनकी बात माने और कृषि कानून वापस ले. घरों के बाहर लगाए गए स्टीकरों और पोस्टरों में चौधरी महेंद्र सिंह टिकैट और चौधरी चरण सिंह की तस्वीर दिख रही है. साथ ही लिखा गया है कि 'मेरा घर किसान का घर, भाजपा मुक्त घर.'

'बीजेपी को अपने गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे'

ग्राम चंद्रावली के युवा विशेष ने बताया कि सरकार दिल्ली बॉर्डर पर कांटे लगा सकती है, सीमेंटेड दीवार लगा सकती है, किले लगा सकती है तो हम अपने घर पर स्टिकर और पोस्टर भी लगवा सकते हैं. इससे भाजपा सरकार हमारे घर नहीं आएगी. सरकार हमें दिल्ली में प्रवेश नहीं करने देगी तो हम भी बीजेपी को अपने गांव में और अपने क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देंगे.

'स्टीकर लगाना हमारी मजबूरी'

ग्राम भदरौली के एक ग्रामीण का कहना है कि बीजेपी के विरोध में स्टीकर लगाना हमारी मजबूरी है, क्योंकि हमारे किसान भाई बहुत महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं. सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही है. ग्राम चंद्रावली के रहने वाले राजपाल से जब पूछा गया कि क्या ग्राम पंचायत चुनाव पर भी किसानों के इस कदम का असर पड़ेगा. इस पर उनका कहना था कि ग्राम पंचायत चुनाव का रिजल्ट आएगा तो सरकार को पता चल जाएगा.

बीजेपी पदाधिकारियों को नहीं है जानकारी
पोस्टर और बैनर के बारे में बीजेपी के जिलाध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली है. कहा कि हाल ही में हरीश सिंह ढिल्लो कई गांवों का दौरा करके गए हैं. प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र चौधरी भी कई गांव से होकर गए हैं. उनके संज्ञान में ऐसी कोई बात नहीं आई है.

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