संभल: बबराला निवासी ममता राजपूत पेंटिंग की दुनिया में संभल का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर चुकी हैं. ममता राजपूत पेंटिंग के क्षेत्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हैं. पेश है विशेष रिपोर्ट-
देश-विदेश में किया नाम
संभल की तहसील गुन्नौर के बबराला की रहने वाली ममता राजपूत एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पेंटिंग आर्टिस्ट हैं. देश-विदेश में बहुत सारे अवॉर्ड और पेंटिंग प्रतियोगिताओं व वर्कशॉप में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर चुकी हैं. जिला प्रशासन संभल में दीवारों पर जो भी जन जागरूकता के संदेश, सरकार की योजना और सरकार के कार्यक्रमों के संदेश आदि लिखे जाते हैं, उनमें हमेशा वह सहयोग करती हैं.
ममता राजपूत का सफर
ममता राजपूत बचपन से ही आर्टिस्टिक स्वभाव की रहीं. ममता राजपूत ने अपने घर में बहुत सारे आर्थिक उतार-चढ़ाव देखे. इसके बावजूद उन्होंने पेंटिंग करना नहीं छोड़ा. उन्हें एक सही दिशा नहीं मिल पा रही थी. हालांकि, धीरे-धीरे उनकी राह आसान होने लगी और वह वॉल पेंटिंग, स्क्रिप्चर पेंटिंग समेत हर तरह की पेंटिंग में महारत हासिल करने लगीं. इन्होंने पेंटिंग के क्षेत्र में संभल जिले का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया.
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ममता राजपूत की उपलब्धियां
पेंटिंग के क्षेत्र में ममता राजपूत के नाम दो वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं. एक एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड और दूसरा किंग ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड. संभल जिला प्रशासन और दूसरे राज्यों के जिला प्रशासन द्वारा भी ममता राजपूत को कई बार सम्मानित किया गया. इनको मां गंगा यात्रा सम्मान पत्र भी मिला. इन्होंने बहुत सारी नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट्स में सहभागिता की. उत्तर प्रदेश कन्या शिक्षा एवं महिला कल्याण तथा सुरक्षा कार्यक्रम के तहत अमूल्य योगदान का सर्टिफिकेट भी इन्हें मिल चुका है. पेंटिंग की नेशनल आर्ट वर्कशॉप और इंटरनेशनल आर्ट वर्कशॉप में भी इन्होंने भाग लिया है. अपने क्षेत्र और देश का नाम रोशन किया है. फिलहाल ममता राजपूत 'उड़ान एक नई पहल' नाम से चैरिटेबल ट्रस्ट भी चला रही हैं. इसके तहत वह बच्चों को तरह-तरह की पेंटिंग, डांस आदि सिखाती हैं. वे समय-समय पर पेंटिंग आर्टिस्ट के प्रोत्साहन के लिए कार्यक्रम आयोजित करती रहती हैं.
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आर्टिस्ट बनने की प्रेरणा
ममता राजपूत ने बताया कि बचपन से ही पेंटिंग उनका शौक रहा है. बस उनके अंदर का आर्टिस्ट बाहर नहीं आ पा रहा था. फिर उन्हें धीरे-धीरे इस क्षेत्र में दिशा मिलती गई. वह बिना हिम्मत हारे मेहनत करती गईं. इस कला को सही दिशा उन्हें डॉक्टर इंदिरा अग्रवाल मैडम ने दिखाई. तब से वह पेंटिंग के क्षेत्र में आगे ही बढ़ती गईं
क्यों इतनी खास और मशहूर हैं ममता राजपूत की पेंटिंग
वैसे तो इनकी सभी तरह की पेंटिंग्स बहुत मशहूर हैं, लेकिन सोशल मैसेज वाली इनकी वॉल पेंटिंग बहुत खास होती है. समाज को जागरूक करने वाले मैसेज हों, सरकारी कार्यक्रम के मैसेज या सरकारी योजनाओं के मैसेज. जब इस तरह के संदेशों को यह अपनी पेंटिंग द्वारा एक आकार देतीं हैं, तो वह जनहित का संदेश हर व्यक्ति की समझ में बहुत ही आसानी से आ जाता है और प्रचलित होता है.