संभल: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर जहां कोर्ट में सुनवाई हो रही है, वहीं प्रदेश के नेताओं द्वारा राजनीतिक बयानबाजी भी की जा रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को चंदौसी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने ज्ञानवापी परिसर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्रात्मक शासन है. कानून साक्ष्यों के ही आधार पर चलता है. इसलिए साक्ष्यों को न मानने वालों को कानून से कड़ी सजा मिलेगी.
हाईकोर्ट के ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर हरी झंडी पर मंत्री ने कहा कि कानून देख रहा है कि किसके साक्ष्य मिल रहे हैं. लोगों को साक्ष्यों को मानना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि वह स्वयं ज्ञानवापी गई हैं. वहां लोगों को सब कुछ दिख रहा है.
शिक्षा मंत्री ने ज्ञानवापी परिसर को लेकर कहा कि नंदी बीच में ही हैं. वह कहीं नहीं जा पाए हैं, क्योंकि वहां बीच में ही दीवार खड़ी हुई है. इसका मतलब शिवलिंग भी ज्ञानवापी में ही है. सारे सबूत भी हमारे पक्ष में मिल रहे हैं. इसके बाद भी यदि कुछ लोग इस तरह की स्थिति पैदा कर रहे हैं कि वहां मस्जिद है तो यह बहुत गलत बात है. ऐसा उनको नहीं करना चाहिए. उन्हें सहर्ष सौंप देना चाहिए. यह मंदिर की भूमि है और मंदिर को सौंप देना चाहिए. ज्ञानवापी में त्रिशूल निकल रहा है और भी कई अवशेष निकल रहे हैं तो इसमें कोई संदेह वाली बात नहीं है कि वहां मंदिर था.
ज्ञानवापी परिसर मंदिर की जगह है: शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने मुस्लिमों से आग्रह किया कि वह फालतू की बातों में नह पड़ें. जो जगह जिसकी है, वह उसी के लिए उपयुक्त है. उन्होंने कहा कि वास्तविकता को झुठलाया नहीं जा सकता है. जो सबूत मिलेंगे और जो साक्ष्य मिल रहे हैं. उसके आधार पर उन्हें निर्णय मानना चाहिए. मुस्लिम लोग उलझन में न पड़ें, क्योंकि यह मंदिर की जगह है और मंदिर को ही मिलनी चाहिए.
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