संभलः जनपद में कक्षा 3 में पढ़ने वाले 8 साल के बच्चे के कारण न केवल परिजन बल्कि पुलिस भी परेशान रही. बच्चा ट्यूशन के टेस्ट में फेल हो गया तो परिजनों की डांट का डर सताने लगा. डांट से बचने के लिए उसने अपनी ही किडनैपिंग की स्क्रिप्ट रच डाली. हालांकि अंत में पुलिस ने छात्र को उसके परिजनों को सौंप दिया है.
ये था पूरा मामला
मामला जनपद सम्भल के चंदौसी कोतवाली का है. चंदौसी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक डीके शर्मा ने बताया कि मंगलवार को कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी की इलाके के मुरादाबाद-बदायूं हाइवे पर तहसील के समीप एक दुकानदार को 8 साल का बच्चा मिला है. वह अपना नाम उत्कर्ष बता रहा है और अपने अगवा होने और अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटकर आने की बात कह रहा है. अगवा किए गए बच्चे के अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटकर आने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंच गई और 8 साल के उत्कर्ष को अपने साथ कोतवाली ले आई.
कोतवाली में पुलिस ने जब अगवा होने की बात कह रहे 8 साल के उत्कर्ष से जानकारी की तो उसने बेहद नाटकीय ढंग से पुलिस को बताया की वह चंदौसी में सेक्रेड हार्ट स्कूल में कक्षा 3 का स्टूडेंट है. मुरादाबाद जनपद के बिलारी में रहता है. मंगलवार सुबह 10 बजे जब वह ट्यूशन पढ़ने के लिए जा रहा था, तभी बदमाशों ने उसे कुछ सुंघाकर बेहोश करने के बाद उसका अपहरण कर लिया. बदमाश उसे अपनी वैन से लेकर चंदौसी के समीप पहुंचे तो रेलवे क्रॉसिंग पर फाटक बंद होने पर पकड़े जाने के डर से उसे वैन से उतारकर भाग गए. पुलिस ने किडनैपिंग की घटना की जानकारी पर शक होने पर जब उत्कर्ष से सख्ती से जानकारी की तो उत्कर्ष ने पुलिस को जो जानकारी दी, उसको जानकार पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए. उत्कर्ष ने पुलिस को बताया कि वह कक्षा 3 का स्टूडेंट है, आज ट्यूशन में हिंदी के टेस्ट में जीरो नंबर आए थे. टेस्ट में जीरो नंबर आने की जानकारी ट्यूटर ने फोन से उसके पेरेंट्स को दे दी थी, जिसकी वजह से पेरेंट्स की डांट फटकार के डर से उसने अपने फर्जी किडनैप की प्लानिंग की थी. फिलहाल पुलिस ने उत्कर्ष को उसके परिजनों को सौंप दिया है.