संभल: मुजफ्फरनगर के कॉलेज में छात्राओं के रैंप पर बुर्के में कैटवॉक पर सियासत तेज हो गई है. संभल के सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क का इस मसले पर बयान आया है. उन्होंने कहा कि श्रीराम कॉलेज में नए तरीके से हुए कैटवॉक की इस्लाम इजाजत नहीं देता है. बुर्के में कैटवॉक करने वाली लड़कियों के खिलाफ उनके मां-बाप एक्शन लें. साथ ही उन्होंने ऐसी हरकत कर इस्लाम को बदनाम न करने की सख्त हिदायत भी दी.
सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने मंगलवार को अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए मुजफ्फरनगर के श्रीराम कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं के रैंप पर बुर्के में कैटवॉक करने पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि श्रीराम कॉलेज में नए तरीके से जो कैटवॉक किया गया है, उसमें मुस्लिम लड़कियां शामिल हुई हैं. इसकी इस्लाम बिलकुल भी इजाजत नहीं देता. सपा सांसद ने उलेमा ए इकराम के इस तरह कैटवॉक के एतराज करने को जायज ठहराया है. उन्होंने कहा कि उलेमाओं ने इस कृत्य को इस्लाम के खिलाफ बताया है. वह भी उनका समर्थन करते हैं. सपा सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि श्रीराम कॉलेज में जिस तरह से छात्राओं ने बुर्के में कैटवॉक किया है, इसकी इस्लाम इजाजत नहीं देता है और यह इस्लाम के खिलाफ है.
मौलानाओं ने कहा, इस तरह के कार्यक्रम नहीं होने चाहिए
संभल में मुफ्ती आलम रजा नूरी ने कॉलेज में छात्राओं के बुर्के में कैटवॉक करने पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम नहीं होने चाहिए. यह हिंदुस्तान की संस्कृति और सभ्यता के खिलाफ है. हमारे देश में सभी धर्म की महिलाएं सभ्यता के दायरे में रहती हैं. लेकिन, मुजफ्फरनगर के कॉलेज में जिस तरह की घटना सामने आई है, वह निंदनीय है. इसकी वह निंदा करते हैं. मुफ्ती आलम रजा नूरी ने आयोजकों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उन्हें शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने बुर्के में कैटवॉक कराकर परदे का भद्दा मजाक किया है. उन्होंने कहा कि बुर्के में जिस तरह से जिस्म की नुमाइश की गई है, यह पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि ऐसा कर विशेष समुदाय के खिलाफ भड़काया जा रहा है. उन्होंने बुर्के में कैटवॉक का आयोजन कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
मोहम्मद वसी अशरफ ने कहा कि बुर्के में कैटवॉक करना भद्दा मजाक है. यह इस्लाम के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि एक धर्म विशेष के खिलाफ इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे आयोजन करने वालों के खिलाफ पीएम मोदी और सीएम योगी कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें, ताकि हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति बची रहे.
मुजफ्फरनगर में कॉलेज की छात्राओं ने संगठनों का किया विरोध
मुजफ्फरनगर के श्रीराम कॉलेज में हुए फैशन शो में बुर्के का विरोध कर रहे संगठनों को जवाब देने के लिए कॉलेज की छात्राएं विरोध में आ गई है. छात्रा सना राजपूत ने कहा कि जब मुस्लिम लड़की घर से बाहर निकलती है तो उसके ऊपर 10 तरह की रोक होती है. हमारे खुदा को पता है कि हम कितने पर्दे में रहते हैं और कितना नहीं. छात्रा ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में भी कोई धर्म ऊपर या नीचे नहीं होता. सभी धर्म रंग बिरंगी पोशाके पहनते हैं, फिर हम क्यों नहीं.
मंगलवार को कॉलेज में छात्रा सना राजपूत ने कहा कि आज के समय में किसी को रोजगार नहीं मिल रहा है. छात्राओं के पास बेहतर से बेहतर डिजाइन का मौका है. इसके बाद डिजाइनर का विश्वास बढ़ा और उन्हें अवसर मिला. वहीं, मुस्लिम संगठन हमारे ऊपर रोक लगाने की फिराक में है. छात्रा बुसरा खान का कहना है कि उसे एक मौका मिला है. बुरखे के विषय में दिखाया कि किस तरह पहन सकते हैं. उसने कहा कि किसी ने गलत तरीके से नहीं पहना था. फैशन शो में डिजाइन दिखाई जाती है. कहा कि उसे डिजाइन दिखाने थे कि रंग बिरंगे बुरखे भी पहन सकते हैं.
मदरसा जामिया हिंद के मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि परदा फैशन नहीं होता. बुर्का मजहब है, इस्लाम में इसलिए है कि औरत का जिस्म और चेहरा ढका जाए. श्रीराम कॉलेज में बुर्का फैशन को उलमा ने गलत करार दिया. वहीं, हिंदू संगठन की तरफ से प्रतिक्रिया आई. मा मुंडेश्वर संजीव शंकर महाराज ने कहा है कि सिर्फ बुर्खा का ही विरोध क्यों? इस पूरे कार्यक्रम का विरोध होना चाहिए. यह हमारी भारतीय संस्कृति में नहीं आता और हम इसका पूर्ण विरोध करते हैं. इस मामले में हम जहमियत के साथ है. बता दें कि बीते दिनों मुजफ्फरनगर के श्रीराम कॉलेज में तीन दिवसीय फैशन शो के दौरान छात्राओं ने बुर्के में कैटवॉक किया था. इसके बाद मौलानाओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी थी.
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