संभल: चंदौसी थाना क्षेत्र में राजकीय औद्योगिक संस्थान (आईटीआई) में 20 वर्ष पूर्व हुई फर्जी नियुक्तियों और फर्जी बिलों से करोड़ों के वित्तीय घोटाले (Scam) के मामले में जांच के बाद विजिलेंस बरेली (Vigilance Bareilly) में तत्कालीन प्रधानाचार्य सहित 14 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. इनमें से 6 आरोपी तो अब रिटायर भी हो चुके हैं.
दरअसल, आईटीआई चंदौसी (Chandausi ITI) के तत्कालीन प्रधानाचार्य वाहिद अली ने विज्ञप्ति जारी किए बिना ही आईटीआई चंदौसी में कुछ लोगों की फर्जी नियुक्तियां कर दीं थीं. इसके अलावा स्टोर के लिए सामान खरीदने का वित्तीय घोटाला भी तत्कालीन प्रधानाचार्य और अन्य जो आरोपी हैं, उनके द्वारा किया गया था.
जानिए, फर्जी नियुक्तियों और घोटाले का पूरा मामला
संभल के तहसील चंदौसी में एक बहुत पुराना राजकीय औद्योगिक संस्थान (आईटीआई) है. यहां लगभग 20 वर्ष पूर्व प्रधानाचार्य वाहिद अली हुआ करते थे. उनके कार्यकाल में इस संस्थान में बड़े लेवल पर फर्जी नियुक्तियां और वित्तीय घोटाले हुए थे. फर्जी नियुक्तियों की अगर बात की जाए तो चंदौसी आईटीआई में वर्ष 2002 में वाहिद अली ने नियमों को ताक पर रखकर व बिना विज्ञप्ति जारी किए अवैध तरीके से संस्थान में सफाईकर्मी, चपरासी सहित कई फर्जी नियुक्तियां की थीं.
बहुत से फर्जी बिल बनवाए गए थे
इतना ही नहीं, उस समय में संस्थान में स्टोर के लिए सामान खरीदने के लिए बहुत से फर्जी बिल बनवाए गए थे. उनका भुगतान बिना सामान खरीदे ही प्राप्त कर लिया गया. विजिलेंस बरेली की टीम ने जब जांच की तो अवैध नियुक्तियों सहित वित्तीय गड़बड़ियों की पुष्टि हुई. इस मामले में पूर्व प्रधानाचार्य वाहिद अली के अलावा मुख्य लिपिक आकाश चंद्र सक्सेना, वरिष्ठ सहायक राकेश कुमार, कनिष्ठ लिपिक पंकज कुमार, विष्णु कुमार, सागर रस्तोगी की भी भूमिका पाई गई.
इन धाराओं में दर्ज कराया मुकदमा
फिलहाल इस मामले में बरेली विजिलेंस के प्रभारी निरीक्षक की ओर से तत्कालीन प्रधानाचार्य वाहिद अली स्टॉफ व नियुक्ति पाने वाले 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इनमें से 6 आरोपी तो अपने पद से रिटायर भी हो चुके हैं. इन सभी के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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