संभल : जिले के अकरोली गांव के पास आरिल नदी पर बना पुल लगभग 70 साल पुराना है. इस पुल की चौड़ाई लगभग 6 मीटर है. यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले इस आरिल नदी पर लकड़ी का पुल हुआ करता था जो 1950 में नदी में पानी के तेज बहाव में बह गया.
ग्रामीणों की सुविधा इसी वर्ष नदी पर पक्के पुल का निर्माण चालू हुआ जो चार साल के भीतर बनकर तैयार हो गया. राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित हुए काफी समय हो गया लेकिन फिर भी पुल की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया.
वर्तमान में यह पुल मुरादाबाद आगरा हाईवे पर आता है. मुरादाबाद आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग बने हुए भी लगभग दो दशक हो गए लेकिन यह पुल आज भी वैसा ही है. न तो इसका चौड़ीकरण किया गया और न ही इसके स्थान पर कोई दूसरा पुल बनाया गया है.
यह पुल बस नाम का हाईवे है. हाईवे के हिसाब यह इतना संकरा है कि दो कारें तेज गति से जब आमने-सामने से गुजरती हैं तो दुर्घटना का भय बना रहता है. एक साथ दो बड़े वाहनों का गुजरना तो संभव ही नहीं. ऐसी स्थिति में किसी अनहोनी का खतरा बना रहता है.
चंदौसी से मुरादाबाद के बीच इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगह स्पीड ब्रेकर भी बना दिए गए हैं. जो मानकों के विपरीत हैं. पूरे राजमार्ग पर दुर्घटना से बचने के लिए संकेतक भी ठीक से नहीं लगे हैं.
इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरिल के पक्के डिवाइडर ना बनाकर सड़क के बीचो बीच वाइट पट्टी खींची हुई है. कोई डिवाइडर नहीं है. ऐसी स्थिति में नेशनल हाईवे में डिवाइडर का न होना भी हादसों का बड़ा कारण बनता है. ऐसे में इस पुल को मरम्मत की आवश्यकता है.
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पीडब्ल्यूडी के एक्स ई.एन कृष्णवीर सिंह से बात होने पर उन्होंने बताया कि हम सिर्फ सड़कों का कार्य देखते हैं. सेतु निगम के अधिकारी जनपद मुरादाबाद में बैठते हैं. सेतु निगम के अधिकारियों से जब बात करने की कोशिश की गई तो बात नहीं हो पाई.