सहारनपुर : सहारनपुर के देवबंद इलाके के थितकी गांव में पुलिस की दबिश के दौरान गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई. युवक का नाम जीशान था. वहीं युवक की मौत को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. एक तरफ पुलिस का कहना है कि युवक को खुद की ही गोली लगी थी, जबकि परिजनों का कहना है कि उसके पास अवैध हथियार नहीं था. इस मामले में पुलिस का आधिकारिक बयान भी सामने आया है. जिसमें पुलिस के अधिकारियों का कहना था कि पुलिस को सूचना मिली थी कि देवबंद इलाके के थितकी गांव में बड़े पैमाने पर गौकशी हो रही है. इस सूचना के बाद पुलिस की एक टीम छापेमारी करने गई थी.
पुलिस के अनुसार, जैसे ही पुलिस टीम थितकी गांव के जंगलों में पहुंची, तो वहं मौजूद लोगों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग में पुलिसकर्मी बाल-बाल बचे. वहीं फायरिंग करने वाले लोग पुलिस कर्मियों की संख्या देखकर फरार हो गए. पुलिस जैसे ही आगे बढ़ी तो देखा कि वहां पर एक व्यक्ति घायल हालात में था. उसके पैर में गोली लगी थी, वो अपना नाम जीशान बताया. वहीं पुलिस ने मौके से करीब ढाई कुंतल गौमांस भी बरामद किया.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घायल जीशान को तुंरत ही अस्पताल भेजा गया, लेकिन खून बहने से उसकी मौत हो गयी. वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ दूर से एक और अन्य गौकश को गिरफ्तार कर लिया, जिससे पूछताछ की जा रही है. जानकारी के अनुसार, मृतक जीशान सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे इशा रजा का चचेरा भाई था. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि मृतक जीशान व उसके 5 साथी बड़े पैमाने पर गौकशी का काम कर रहे थे. पुलिस अधिकारियों से जब ये पूछा गया कि क्या जीशान का कोई अन्य आपराधिक इतिहास रहा है, तो अधिकारियों ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है.
ग्रामीणों ने कहा- ये पुलिस की मनगढ़ंत कहानी है
युवक के मौत मामले में पुलिस की कहानी परिजनों व ग्रामीणों को हजम नहीं हो रही है. जीशान के चचेरे भाई व पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री ईसा रजा व ग्राम प्रधान गुलबहार का कहना है कि जीशान का किसी भी तरह से मीट के कारोबार से कोई नाता नहीं रहा. जीशान पर आज तक कोई मुकदमा तक दर्ज नहीं है. वो एक सीधा साधा व्यक्ति था. उसके पास 40 बीघा से ज्यादा जमीन थी तो वो ऐसा क्यों करेगा. जीशान के भाई व ग्राम प्रधान का कहना है कि उन्हें पुलिस ने कल सुबह सूचना दी कि हमारे साथ चलो. काफी देर तक पुलिस गुमराह करती रही. बाद में बताया गया कि जीशान की मौत तमंचे की गोली लगने से हुई है. परिजनों का कहना है कि जीशान तमंचा नहीं रखता था. उसके पास तो खुद ही लाइसेंसी हथियार थे. परिजन पुलिस की कहानी को पचा नहीं पा रहे हैं और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं.
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कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद का भी कहना है कि जीशान की मौत कई सवाल खड़े कर रही है. जीशान के बारे में जो अब तक पता लगा है, वो यही है कि वो एक किसान था. इमरान मसूद ने कहा कि जीशान की मौत संदेह के घेरे में है. उन्होंने सहारनपुर एसएसपी से पूरे मामले की जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हर हाल में गोकशी पर रोक लगनी चाहिए.