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दारुल उलूम ने दाखिले के नियमों में किया संशोधन, जानिए किन कागजों के बिना नहीं होगा दाखिला

आतंकी गतिविधियों के चलते सुर्खियों में आने वाले फतवों की नगरी एवं विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने नये छात्रों के दाखिले को लेकर बड़ा फैसला लिया है.

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दाखिले के नियमों में किया संशोधन
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Published : Apr 27, 2022, 7:16 PM IST

सहारनपुरः आतंकी गतिविधियों के चलते सुर्खियों में आने वाले फतवों की नगरी और विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने नए छात्रों के दाखिले को लेकर बड़ा फैसला लिया है. दारुल उलूम प्रबंधन ने मौजूदा हालात को देखते हुए न सिर्फ नए छात्रों के लिए दाखिले कि प्रक्रिया में कई बदलाव किये हैं बल्कि बाहरी राज्यों से आने वाले छात्रों को दाखिले के लिए भी नियमों को सख्त कर दिया है. जिससे दारुल उलूम में कोई गलत व्यक्ति दाखिल न ले सके.

प्रबंधकों का साफ कहना है कि दाखिले के लिए छात्र अपना और पिता का आधार के साथ जरूरी कागजातों के साथ ही दारुल उलूम में आये. दस्तावेजों की जांच के अलावा बाहरी राज्यों से आने वाले छात्रों की एलआईयू से भी जांच कराई जाएगी. दारुल उलूम के प्रबंधन तंत्र ने प्रेस नोट जारी कर इस फैसले की जानकारी दी है.

आपको बता दें कि फतवों की नगरी देवबंद में दारूल उलूम के पास से कई बार संदिग्ध युवक पकड़े गए हैं. कोई दारुल उलूम में पढ़ाई के बहाने निजी हॉस्टल में रहता मिला, तो कोई फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दुकान चलाता पाया गया. पूछताछ में उनके संबंध आतंकी संगठनों से निकले हैं. जिससे इस्लामिक धार्मिक शिक्षा का केन्द्र दारुल उलूम की छवि खराब हुई है. हिन्दू संगठनों ने दारुल उलूम पर सवाल भी उठाए हैं. यही वजह है कि दारुल उलूम प्रबंधन ने नए दाखिले के लिए पहले नियमो में संशोधन करने का फैसला लिया है.

दाखिले के लिए ये कागजात होंगे जरूरीः बुधवार को दारुल उलूम देवबंद के कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने प्रेस नोट जारी कर दाखिला प्रक्रिया के नियम में बदलाव लाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि नए छात्रों के लिए दारुल उलूम देवबंद की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए पूर्व मदरसे का प्रमाण पत्र और वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों की मार्कशीट अनिवार्य होगी. जिसके बिना नए छात्र प्रवेश परीक्षा नहीं दे पाएंगे. सभी छात्रों को अपना और अपने पिता के आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर जमा कराना पड़ेगा. ताकि किसी भी वक्त उसके परिजनों से संपर्क कर जानकारी जुटाई जा सके.

बाहरी राज्यों के छात्रों की होगी एलआईयू जांचः प्रेस नोट में प्रबंधन तंत्र ने बताया कि सीमावर्ती राज्यों जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा, असम आदि के छात्रों को अपने साथ अपना मूल निवास प्रमाण पत्र और शपथ पत्र लाना अनिवार्य किया गया है. जिसके बिना दारुल उलूम में दाखिला लेने की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी. उन्होंने साफ कहा कि दाखिले को लेकर किसी को भी कोई छूट नहीं दी जाएगी. जो छात्र आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करेगा वह दाखिले के लिए दारुल उलूम देवबंद बिल्कुल न आए क्योंकि ऐसे छात्रों को दाखिला नहीं दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- छेड़छाड़ के केस में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को क्लीन चिट, पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने लौटाई फाइनल रिपोर्ट?

ईद के बाद होती है दाखिला प्रक्रियाः जानकारी के मुताबिक ईद उल फितर के दो दिन बाद दारुल उलूम देवबंद में नए छात्रों के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाती है. 10 दिन भीतर प्रवेश परीक्षा शुरु हो जाती है और एक महीने के अंदर चयनित छात्रों का दाखिला होने के बाद नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होती है.

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सहारनपुरः आतंकी गतिविधियों के चलते सुर्खियों में आने वाले फतवों की नगरी और विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने नए छात्रों के दाखिले को लेकर बड़ा फैसला लिया है. दारुल उलूम प्रबंधन ने मौजूदा हालात को देखते हुए न सिर्फ नए छात्रों के लिए दाखिले कि प्रक्रिया में कई बदलाव किये हैं बल्कि बाहरी राज्यों से आने वाले छात्रों को दाखिले के लिए भी नियमों को सख्त कर दिया है. जिससे दारुल उलूम में कोई गलत व्यक्ति दाखिल न ले सके.

प्रबंधकों का साफ कहना है कि दाखिले के लिए छात्र अपना और पिता का आधार के साथ जरूरी कागजातों के साथ ही दारुल उलूम में आये. दस्तावेजों की जांच के अलावा बाहरी राज्यों से आने वाले छात्रों की एलआईयू से भी जांच कराई जाएगी. दारुल उलूम के प्रबंधन तंत्र ने प्रेस नोट जारी कर इस फैसले की जानकारी दी है.

आपको बता दें कि फतवों की नगरी देवबंद में दारूल उलूम के पास से कई बार संदिग्ध युवक पकड़े गए हैं. कोई दारुल उलूम में पढ़ाई के बहाने निजी हॉस्टल में रहता मिला, तो कोई फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दुकान चलाता पाया गया. पूछताछ में उनके संबंध आतंकी संगठनों से निकले हैं. जिससे इस्लामिक धार्मिक शिक्षा का केन्द्र दारुल उलूम की छवि खराब हुई है. हिन्दू संगठनों ने दारुल उलूम पर सवाल भी उठाए हैं. यही वजह है कि दारुल उलूम प्रबंधन ने नए दाखिले के लिए पहले नियमो में संशोधन करने का फैसला लिया है.

दाखिले के लिए ये कागजात होंगे जरूरीः बुधवार को दारुल उलूम देवबंद के कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने प्रेस नोट जारी कर दाखिला प्रक्रिया के नियम में बदलाव लाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि नए छात्रों के लिए दारुल उलूम देवबंद की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए पूर्व मदरसे का प्रमाण पत्र और वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों की मार्कशीट अनिवार्य होगी. जिसके बिना नए छात्र प्रवेश परीक्षा नहीं दे पाएंगे. सभी छात्रों को अपना और अपने पिता के आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर जमा कराना पड़ेगा. ताकि किसी भी वक्त उसके परिजनों से संपर्क कर जानकारी जुटाई जा सके.

बाहरी राज्यों के छात्रों की होगी एलआईयू जांचः प्रेस नोट में प्रबंधन तंत्र ने बताया कि सीमावर्ती राज्यों जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा, असम आदि के छात्रों को अपने साथ अपना मूल निवास प्रमाण पत्र और शपथ पत्र लाना अनिवार्य किया गया है. जिसके बिना दारुल उलूम में दाखिला लेने की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी. उन्होंने साफ कहा कि दाखिले को लेकर किसी को भी कोई छूट नहीं दी जाएगी. जो छात्र आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करेगा वह दाखिले के लिए दारुल उलूम देवबंद बिल्कुल न आए क्योंकि ऐसे छात्रों को दाखिला नहीं दिया जाएगा.

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ईद के बाद होती है दाखिला प्रक्रियाः जानकारी के मुताबिक ईद उल फितर के दो दिन बाद दारुल उलूम देवबंद में नए छात्रों के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाती है. 10 दिन भीतर प्रवेश परीक्षा शुरु हो जाती है और एक महीने के अंदर चयनित छात्रों का दाखिला होने के बाद नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होती है.

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