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देवबंद के आतंकी कनेक्शन पर बोले उलेमा, दारुल उलूम ने की आतंकवाद की मुखालफत - सहारनपुर न्यूज

हिन्दू संगठनों ने दारूल उलूम पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाए तो उलेमा ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उलेमा का कहना है कि दारूल उलूम हमेशा आतंकवाद की मुखालफत करता है.

जानकारी देते मौलाना मुफ्ती हय्यान कासमी.
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Published : Feb 24, 2019, 11:58 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST

सहारनपुर :14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद कस्बा देवबंद एटीएस के रडार पर है. जिसके चलते एटीएस की टीम ने देवबंद की नाज मंजिल में छापेमारी कर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 2 सदस्यों को गिरफ्तार कर बड़ी कार्यवाई की है.शाहनवाज तेली और आकिब मोहम्मद को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में असलहा और संदिग्धचीजे बरामद की है.बताया जा रहा है कि दोनों आतंकी न सिर्फ अपनी पहचान छिपाकर नाज मंजिल में रह रहे थे बल्कि खुद को दारुल उलूम काछात्र बताते थे. हिन्दू संगठनों ने दारुल उलूम पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाए तो उलेमाओं ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उलेमाओं का कहना है कि दारुल उलूम हमेशा आतंकवाद की मुखालफत करता है.

जानकारी देते मौलाना मुफ्ती हय्यान कासमी.
बता दें कि 21 फरवरी की देर रात में एटीएस की टीम कस्बा देवबंद के दारुल उलूम के पास की नाज मंजिल में छापेमारी कर दो कश्मीरी युवकों समेत दर्जन भर छात्रों को हिरासत में लिया था.एटीएस टीम ने गंभीरता से पूछताछ की तो दोनों कश्मीरी छात्र आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य निकले. जबकि बाकी छात्रों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. जब ईटीवी की टीम ने देवबंद पहुंच कर आतंकी कनेक्शन पर पड़ताल करनी चाही तो यहां मदरसा छात्र तो दूर स्थानीय लोगों ने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया. रहता है.इस दौरान एक युवक ने हमे बताया किआतंकी शाहनवाज को उन्होंने पुलिस चौकी के पास से आते जाते कई बार देखा है.पुलिस चौकी के आसपास शाहनवाजमंडराता रहता था, लेकिन यह किसी को नहीं पता था कि यहां रहकर वह आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था.

लेकिन एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया तो पूरे देवबंद में सनसनी फैल गई.मदरसा जामिया तुश शेख हुसैन अहमद अल मदनी के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती हय्यान कासमी ने कहा कि एटीएस ने जिन दो लोगों को पकड़ा है. उनका दारुल उलूम तो क्या किसी भी मदरसे में दाखिला नहीं है.उनके देवबंद से पकड़े जाने के लिए किसी भी तरह से दारुल उलूम को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.उन्होंने कहा कि अगर कोई यहां आकर चुपचाप किराये पर कमरा लेकर रहने लगता है तो उसमें दारुल उलूम की क्या जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा कि हांअगर इसमें कोई दारुल उलूम का छात्र होता तो कुछ कहना सही था, लेकिन जब उनका दारुल उलूम से कोई ताल्लुक ही नहीं है तो फिर क्यों कुछ लोग दारुल उलूम को बदनाम कर देश का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.देश का माहौल खराब हो यही आतंकियों की मंशा है,जो आतंकवादी चाहते हैं वो आप खुद ही पूरा कर रहे हैं.मुफ्ती हय्यान ने कहा कि हमारी सरकार और पुलिस अपना काम पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रही है.अराजकता फैलाने के बजाए हम सभी को सरकार और पुलिस का सहयोग करना चाहिए.

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सहारनपुर :14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद कस्बा देवबंद एटीएस के रडार पर है. जिसके चलते एटीएस की टीम ने देवबंद की नाज मंजिल में छापेमारी कर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 2 सदस्यों को गिरफ्तार कर बड़ी कार्यवाई की है.शाहनवाज तेली और आकिब मोहम्मद को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में असलहा और संदिग्धचीजे बरामद की है.बताया जा रहा है कि दोनों आतंकी न सिर्फ अपनी पहचान छिपाकर नाज मंजिल में रह रहे थे बल्कि खुद को दारुल उलूम काछात्र बताते थे. हिन्दू संगठनों ने दारुल उलूम पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाए तो उलेमाओं ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उलेमाओं का कहना है कि दारुल उलूम हमेशा आतंकवाद की मुखालफत करता है.

जानकारी देते मौलाना मुफ्ती हय्यान कासमी.
बता दें कि 21 फरवरी की देर रात में एटीएस की टीम कस्बा देवबंद के दारुल उलूम के पास की नाज मंजिल में छापेमारी कर दो कश्मीरी युवकों समेत दर्जन भर छात्रों को हिरासत में लिया था.एटीएस टीम ने गंभीरता से पूछताछ की तो दोनों कश्मीरी छात्र आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य निकले. जबकि बाकी छात्रों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. जब ईटीवी की टीम ने देवबंद पहुंच कर आतंकी कनेक्शन पर पड़ताल करनी चाही तो यहां मदरसा छात्र तो दूर स्थानीय लोगों ने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया. रहता है.इस दौरान एक युवक ने हमे बताया किआतंकी शाहनवाज को उन्होंने पुलिस चौकी के पास से आते जाते कई बार देखा है.पुलिस चौकी के आसपास शाहनवाजमंडराता रहता था, लेकिन यह किसी को नहीं पता था कि यहां रहकर वह आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था.

लेकिन एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया तो पूरे देवबंद में सनसनी फैल गई.मदरसा जामिया तुश शेख हुसैन अहमद अल मदनी के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती हय्यान कासमी ने कहा कि एटीएस ने जिन दो लोगों को पकड़ा है. उनका दारुल उलूम तो क्या किसी भी मदरसे में दाखिला नहीं है.उनके देवबंद से पकड़े जाने के लिए किसी भी तरह से दारुल उलूम को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.उन्होंने कहा कि अगर कोई यहां आकर चुपचाप किराये पर कमरा लेकर रहने लगता है तो उसमें दारुल उलूम की क्या जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा कि हांअगर इसमें कोई दारुल उलूम का छात्र होता तो कुछ कहना सही था, लेकिन जब उनका दारुल उलूम से कोई ताल्लुक ही नहीं है तो फिर क्यों कुछ लोग दारुल उलूम को बदनाम कर देश का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.देश का माहौल खराब हो यही आतंकियों की मंशा है,जो आतंकवादी चाहते हैं वो आप खुद ही पूरा कर रहे हैं.मुफ्ती हय्यान ने कहा कि हमारी सरकार और पुलिस अपना काम पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रही है.अराजकता फैलाने के बजाए हम सभी को सरकार और पुलिस का सहयोग करना चाहिए.

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Intro:सहारनपुर : फतवो की नगरी देवबन्द का आतंकवाद से पुराना कनेक्शन रहा है। देवबंद से जहां फर्जी पासपोर्ट के साथ बंगलादेशी , पाकिस्तानी , आईएसआई एजेंट और आतंकी संगठनों से जुड़े संदिग्द गिरफ्तार हुए हैं। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद कस्बा देवबंद एटीएस के रडार पर है। जिसके चलते एटीएस की टीम ने देवबंद की नाज मंजिल में छापेमारी कर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के 2 सदस्यों को गिरफ्तार कर बड़ी कार्यवाई की है। शाहनवाज तेली और आकिब मोहम्मद को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में असलाह और संदिग्द चीजे बरामद की है। बताया जा रहा है कि दोनों आतंकी न सिर्फ अपनी पहचान छिपाकर नाज मंजिल में रह रहे थे बल्कि खुद को दारुल उलूम के छात्र बताते थे। हिन्दू संगठनों ने दारुल उलूम पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाए तो उलेमाओ ने सभी आरोपो को सिरे से खारिज कर दिया। उलेमाओ का कहना है कि दारुल उलूम हमेशा आतंकवाद की मुखालफत करता है।


Body:Vo 1 - आपको बता दें कि 21 फरवरी की देर रात में एटीएस की टीम कस्बा देवबंद के दारुल उलूम के पास की नाज मन्जिल में छापेमारी कर दो कश्मीरी युवकों समेत दर्जन भर छात्रों को हिरासत में लिया था। एटीएस टीम ने गंभीरता से पूछताछ की तो दोनों कश्मीरी छात्र आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सदस्य निकले। जबकि बाकी छात्रों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। जब ईटीवी की टीम ने देवबंद पहुंच कर आतंकी कनेक्शन पर पड़ताल करनी चाही तो यहां मदरसा छात्र तो दूर स्थानीय लोगो ने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। हांलाकि उन्होंने दबी आवाज में बताया कि संदिग्द लोगो का देवबंद में आना जाना लगा रहता है। बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिक यहां फर्जी पासपोर्ट और आधार कार्ड तक बनवा लेते हैं। इस दौरान एक युवक ने हमे बताया की आतंकी शाहनवाज को उन्होंने पुलिस चोंकी के पास से आते जाते कई बार देखा है। पुलिस चोंकी खानखाह के आसपास मंडराता रहता था लेकिन यह किसी को नही पता था कि यहां रहकर वह आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था। लेकिन एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया तो पूरे देवबंद में सनसनी फैल गई। मदरसा जामिया तुश शेख हुसैन अहमद अल मदनी के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती हय्यान कासमी ने कहा कि एटीएस ने जिन दो लोगों को पकड़ा है। उनका दारुल उलूम तो क्या किसी भी मदरसे में दाखिला नहीं है। उनके देवबंद से पकड़े जाने के लिए किसी भी तरह से दारुल उलूम को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई यहां आकर चुपचाप किराये पर कमरा लेकर रहने लगता है तो उसमें दारुल उलूम की क्या जिम्मेदारी है। हां अगर इसमें कोई दारुल उलूम का छात्र होता तो कुछ कहना सही थी। लेकिन जब उनका दारुल उलूम से कोई ताल्लुक ही नहीं है तो फिर क्यों कुछ लोग दारुल उलूम को बदनाम कर देश का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। देश का माहौल खराब हो यही आतंकियों की मंशा है। जो आतंकवादी चाहते हैं वो आप खुद ही पूरा कर रहे हैं। मुफ्ती हय्यान ने कहा कि हमारी सरकार और पुलिस अपना काम पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रही है। अराजकता फैलाने के बजाए हम सभी को सरकार और पुलिस का सहयोग करना चाहिए। देश का माहौल खराब करने वाले कार्य करके हम सरकार का नहीं बल्कि आतंक फैलाने वाला का साथ दे रहे हैं।

बाइट - स्थानीय निवासी
बाईट - मौलाना मुफ्ती हय्यान कासमी ( वरिष्ठ उस्ताद 
मदरसा जामिया तुश शेख हुसैन अहमद अल मदनी )




Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST
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