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सहारनपुर: आंधी-तूफान से आम की फसल को 40 फीसदी नुकसान

कोरोना लॉकडाउन के बाद उत्तर प्रदेश में किसान और बागवान मौसम की मार झेल रहे हैं. बीती रात आई आंधी-तूफान से कई आम के पेड़ों को नुकसान पहुंचा है. इससे बागवान काफी परेशान हैं.

आंधी में टूटे पेड़
आंधी में टूटे पेड़
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Published : Jun 22, 2020, 2:52 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: बीती रात फल पट्टी बेहट इलाके में भयंकर आंधी और तूफान का कहर देखने को मिला. तेज तूफान और आंधी से 40 फीसदी से ज्यादा आम पेड़ों से टूटकर गिर गए. साथ ही तेज हवाओं के झोंको से पेड़ पर लगे आम टहनियों से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गए.

आंधी-तूफान से बागवानों पर पड़ी दोहरी मार

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आंधी-तूफान से सबसे ज्यादा नुकसान आम के पेड़ों को हुआ है. तैयार आम वजन में भारी होने के कारण टहनियों से टूट कर गिर गए. आंधी-तूफान के बाद लाचार बागबान टूटे हुए आम बीनने में लग गए हैं. बागवानों का कहना है कि आधी रात में अचानक तेज तूफान आया जिससे उनके बागों में पेड़ उखड़ गए. कई पेड़ों की टहनियां भी टूट गईं. 40 फीसदी से ज्यादा आम जमीन पर गिर गए. बागवानों का कहना है कि बाजारों में भी अब आम की मांग नहीं रही.

वहीं बागवान तूफान में टूटे आम को लॉकडाउन की वजह से मंडियों में नहीं ले जा पा रहे हैं. बेबस बागवानों ने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

सरकार से मदद की आस
एक्सपोर्टर संजीव कर्णवाल ने बताया कि तूफान से बाग मालिकों और ठेकेदारों को भारी नुकसान हुआ है. लॉकडाउन में हुए नुकसान के साथ-साथ अब तूफान से भी बागबानों को दोहरे नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. एक्सपोर्टरों के मुताबिक मंडियों में न तो आम और अन्य फलों का सही भाव मिल रहा है और ना ही लॉकडाउन की वजह से विदेशों में निर्यात हो पा रहा है. निर्यातकों का कहना है कि सरकार को बागवानों और बाग ठेकेदारों के लिए कोई राहत पैकेज देना चाहिए.

सहारनपुर: बीती रात फल पट्टी बेहट इलाके में भयंकर आंधी और तूफान का कहर देखने को मिला. तेज तूफान और आंधी से 40 फीसदी से ज्यादा आम पेड़ों से टूटकर गिर गए. साथ ही तेज हवाओं के झोंको से पेड़ पर लगे आम टहनियों से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गए.

आंधी-तूफान से बागवानों पर पड़ी दोहरी मार

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आंधी-तूफान से सबसे ज्यादा नुकसान आम के पेड़ों को हुआ है. तैयार आम वजन में भारी होने के कारण टहनियों से टूट कर गिर गए. आंधी-तूफान के बाद लाचार बागबान टूटे हुए आम बीनने में लग गए हैं. बागवानों का कहना है कि आधी रात में अचानक तेज तूफान आया जिससे उनके बागों में पेड़ उखड़ गए. कई पेड़ों की टहनियां भी टूट गईं. 40 फीसदी से ज्यादा आम जमीन पर गिर गए. बागवानों का कहना है कि बाजारों में भी अब आम की मांग नहीं रही.

वहीं बागवान तूफान में टूटे आम को लॉकडाउन की वजह से मंडियों में नहीं ले जा पा रहे हैं. बेबस बागवानों ने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

सरकार से मदद की आस
एक्सपोर्टर संजीव कर्णवाल ने बताया कि तूफान से बाग मालिकों और ठेकेदारों को भारी नुकसान हुआ है. लॉकडाउन में हुए नुकसान के साथ-साथ अब तूफान से भी बागबानों को दोहरे नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. एक्सपोर्टरों के मुताबिक मंडियों में न तो आम और अन्य फलों का सही भाव मिल रहा है और ना ही लॉकडाउन की वजह से विदेशों में निर्यात हो पा रहा है. निर्यातकों का कहना है कि सरकार को बागवानों और बाग ठेकेदारों के लिए कोई राहत पैकेज देना चाहिए.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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