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सहारनपुर की आत्मा कही जाने वाली पांवधोई नदी का होगा सौन्दर्यीकरण - spirit of saharanpur pondhoi River

सहारनपुर की आत्मा कही जाने वाली पवित्र नदी पांवधोई का सौन्दर्यीकरण होने जा रहा है. मंडलायुक्त सीपी त्रिपाठी की पहल से करोड़ों रूपये खर्च कर अब इस नदी का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर शुरु हो गया है. नदी में गिरने वाले नालों को भी बंद कर दिया गया है.

जानकारी देते मंडलायुक्त सीपी त्रिपाठी
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Published : Feb 1, 2019, 10:56 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST

सहारनपुर: जिले की आत्मा कही जाने वाले पवित्र नदी पांवधोई के दिन बहुरने लगे हैं. मंडलायुक्त सीपी त्रिपाठी की पहल से करोड़ों रूपये खर्च कर अब इस नदी का सौन्दर्यीकरण होने जा रहा है. इसके लिए गंगा जी के उद्गम स्थल शंकलापुरी में नदी के घाट समेत निर्माण कार्य युध्द स्तर पर शुरू कर दिया गया है. इतना ही नही नदी में गिरने वाले नालों को भी बंद कर दिया गया है.

मंडलायुक्त सीपी त्रिपाठी के मुताबिक, बाबा लालदास की तपस्या से खुश होकर गंगा मैया शंकलापुरी के पास के शिव मंदिर के बराबर से अवतरित हुई थी. जहां- जहां बाबा लालदास के कदम पड़े वहीं से होकर गंगा उनकी कुटिया तक चली आई थी. कालान्तर में, शहर के बीचों-बीच बह रही पांवधोई नदी सिमट कर एक नाले का रूप ले चुकी थी. इस पवित्र नदी में प्रदूषण बढ़ गया था. शहर वासियो और जन सहभागिता के चलते पांवधोई नदी घाट पर एक चेकडैम बनाया जा रहा है. जल्द ही यहां, दूर दराज से आने वाले लोग न सिर्फ पांवधोई नदी में स्नान कर सकेंगे बल्कि यहां बनने वाले पार्क का भी लुत्फ उठा सकेंगे.

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नदी के उदगम स्थल से लेकर बाबा लालदास के बाड़े तक नदी के किनारे न सिर्फ पत्थरों से चेकडैम बनाये जा रहे हैं बल्कि कई स्थानों पर स्नान के लिए घाट भी बनाये जा रहे हैं. मण्डलायुक्त सीपी त्रिपाठी ने बताया कि पांवधोई नदी सहारनपुर शहर की आत्मा है. इस नदी के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां के सिद्ध संत बाबा लाल दास जी, जो सहारनपुर से गंगा स्नान के लिए हरिद्वार जाते थे, जब बीमार पड़े तो उनके शिष्यों ने उनसे कहा कि गंगा मैया को यहीं बुला लिया जाए. उनकी बात सुनकर के बाबा लालदास ने शंकलापुरी के पास एक शिव मंदिर में मंत्र उच्चारण किया और अक्षत जिस स्थान पर डाली उसी स्थान से जल की धारा निकल आई. यही स्थान अब पवित्र नदी का उद्गम स्थल है.

इस पवित्र नदी के किनारे शहर के सारे मंदिरों का निर्माण किया गया. लोग इसमें स्नान करने के बाद मंदिर का दर्शन करके पुण्यलाभ प्राप्त करते थे. मंडलायुक्त ने बताया कि कालांतर में नदी में बहुत प्रदूषण हुआ और उसका उद्गम स्थल की साफ सफाई ना होने के कारण मार्च 2019 में मैंने इस स्थल का भ्रमण किया और देखा कि यहां ढाई फ़ीट की नाली बनी थी. नदी में महज 3 इंच ही पानी था. जबकि बाकी जगह जंगल झाड़ी हो रहे थे. इसके बाद मैंने शहर के बुजुर्ग और सभी नागरिक गण के अनुरोध पर सबसे पहले जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए काउंसिल की. इसके अलावा अलग-अलग जनप्रतिनिधियों से मिल कर के मैंने सबसे पहले रैली निकाली.

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सीपी जोशी ने बताया कि सभी जनप्रतिनिधियों ने विधायक, मेयर, सीओ, डीआईजी, डीएम और सभी अधिकारियों ने हमारे साथ नदी में उतर कर के साफ-सफाई का कार्य प्रारंभ किया. इसके बाद नगर निगम और प्राधिकरण के सहयोग से सफाई कार्य कराया गया. सभी के मेहनत की वजह से अब ढाई फ़ीट की नाली 25 से 40 फिट की नदी दिखाई देने लगी है. जन सहभागिता सुनिश्चित करते हुए नदी को निर्मल और पवित्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके बाद नगर निगम के फंड से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निर्माण किया जा रहा है.

मंडलायुक्त के मुताबिक, प्रथम चरण में उद्गम स्थल से बाबा लाल दास के बाड़े तक कोई भी नाला नदी में ना गिरे. इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से उसकी सफाई होती रहेगी. इसके अलावा, अभी वहां पर एक घाट और चेक डैम बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. एक फुट ओवर ब्रिज बनाने का भी कार्य हो रहा है. जिसमें हम समझते हैं कि वह स्थल एक तरह से दर्शनीय स्थल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि नदी में कम से कम 4 से 5 फीट का पानी रहेगा और यह पवित्र नदी जो है वह नहाने लायक बन सकेगी. अभी रामलीला समिति के सदस्यों से भी मेरी बात चल रही है . नदी की दूसरी ओर रामलीला संपत्ति का स्थान है. उनसे हमने अनुरोध किया है कि अगर वह हमें दे देंगे तो बहुत हुई नदी के किनारे एक सुंदर पार्क का विकास किया जा सकता है.

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सहारनपुर: जिले की आत्मा कही जाने वाले पवित्र नदी पांवधोई के दिन बहुरने लगे हैं. मंडलायुक्त सीपी त्रिपाठी की पहल से करोड़ों रूपये खर्च कर अब इस नदी का सौन्दर्यीकरण होने जा रहा है. इसके लिए गंगा जी के उद्गम स्थल शंकलापुरी में नदी के घाट समेत निर्माण कार्य युध्द स्तर पर शुरू कर दिया गया है. इतना ही नही नदी में गिरने वाले नालों को भी बंद कर दिया गया है.

मंडलायुक्त सीपी त्रिपाठी के मुताबिक, बाबा लालदास की तपस्या से खुश होकर गंगा मैया शंकलापुरी के पास के शिव मंदिर के बराबर से अवतरित हुई थी. जहां- जहां बाबा लालदास के कदम पड़े वहीं से होकर गंगा उनकी कुटिया तक चली आई थी. कालान्तर में, शहर के बीचों-बीच बह रही पांवधोई नदी सिमट कर एक नाले का रूप ले चुकी थी. इस पवित्र नदी में प्रदूषण बढ़ गया था. शहर वासियो और जन सहभागिता के चलते पांवधोई नदी घाट पर एक चेकडैम बनाया जा रहा है. जल्द ही यहां, दूर दराज से आने वाले लोग न सिर्फ पांवधोई नदी में स्नान कर सकेंगे बल्कि यहां बनने वाले पार्क का भी लुत्फ उठा सकेंगे.

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नदी के उदगम स्थल से लेकर बाबा लालदास के बाड़े तक नदी के किनारे न सिर्फ पत्थरों से चेकडैम बनाये जा रहे हैं बल्कि कई स्थानों पर स्नान के लिए घाट भी बनाये जा रहे हैं. मण्डलायुक्त सीपी त्रिपाठी ने बताया कि पांवधोई नदी सहारनपुर शहर की आत्मा है. इस नदी के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां के सिद्ध संत बाबा लाल दास जी, जो सहारनपुर से गंगा स्नान के लिए हरिद्वार जाते थे, जब बीमार पड़े तो उनके शिष्यों ने उनसे कहा कि गंगा मैया को यहीं बुला लिया जाए. उनकी बात सुनकर के बाबा लालदास ने शंकलापुरी के पास एक शिव मंदिर में मंत्र उच्चारण किया और अक्षत जिस स्थान पर डाली उसी स्थान से जल की धारा निकल आई. यही स्थान अब पवित्र नदी का उद्गम स्थल है.

इस पवित्र नदी के किनारे शहर के सारे मंदिरों का निर्माण किया गया. लोग इसमें स्नान करने के बाद मंदिर का दर्शन करके पुण्यलाभ प्राप्त करते थे. मंडलायुक्त ने बताया कि कालांतर में नदी में बहुत प्रदूषण हुआ और उसका उद्गम स्थल की साफ सफाई ना होने के कारण मार्च 2019 में मैंने इस स्थल का भ्रमण किया और देखा कि यहां ढाई फ़ीट की नाली बनी थी. नदी में महज 3 इंच ही पानी था. जबकि बाकी जगह जंगल झाड़ी हो रहे थे. इसके बाद मैंने शहर के बुजुर्ग और सभी नागरिक गण के अनुरोध पर सबसे पहले जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए काउंसिल की. इसके अलावा अलग-अलग जनप्रतिनिधियों से मिल कर के मैंने सबसे पहले रैली निकाली.

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सीपी जोशी ने बताया कि सभी जनप्रतिनिधियों ने विधायक, मेयर, सीओ, डीआईजी, डीएम और सभी अधिकारियों ने हमारे साथ नदी में उतर कर के साफ-सफाई का कार्य प्रारंभ किया. इसके बाद नगर निगम और प्राधिकरण के सहयोग से सफाई कार्य कराया गया. सभी के मेहनत की वजह से अब ढाई फ़ीट की नाली 25 से 40 फिट की नदी दिखाई देने लगी है. जन सहभागिता सुनिश्चित करते हुए नदी को निर्मल और पवित्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके बाद नगर निगम के फंड से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निर्माण किया जा रहा है.

मंडलायुक्त के मुताबिक, प्रथम चरण में उद्गम स्थल से बाबा लाल दास के बाड़े तक कोई भी नाला नदी में ना गिरे. इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से उसकी सफाई होती रहेगी. इसके अलावा, अभी वहां पर एक घाट और चेक डैम बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. एक फुट ओवर ब्रिज बनाने का भी कार्य हो रहा है. जिसमें हम समझते हैं कि वह स्थल एक तरह से दर्शनीय स्थल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि नदी में कम से कम 4 से 5 फीट का पानी रहेगा और यह पवित्र नदी जो है वह नहाने लायक बन सकेगी. अभी रामलीला समिति के सदस्यों से भी मेरी बात चल रही है . नदी की दूसरी ओर रामलीला संपत्ति का स्थान है. उनसे हमने अनुरोध किया है कि अगर वह हमें दे देंगे तो बहुत हुई नदी के किनारे एक सुंदर पार्क का विकास किया जा सकता है.

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Intro:सहारनपुर : सहारनपुर की आत्मा कही जाने वाले पवित्र नदी पांवधोई के दिन बहुरने लगे हैं। मंडलायुक्त की पहल से करोड़ो रूपये खर्च कर अब इस नदी का सौन्दर्यकरण होने जा रहा है। इसके लिए गंगा जी उदगम स्थल शंकलापुरी में नदी के घाट समेत निर्माण कार्य युध्द स्तर पर शुरू कर दिया गया है। इतना ही नही नदी में डाले गए शिविरों और नालो को भी बंद कर दिया गया है। शहर के बीचों बीच बह रही पांवधोई नदी सिमट कर एक नाले का रूप ले चुकी थी। मंडलायुक्त सीपी त्रिपाठी के मुताबिक बाबालाल दास की तपस्या से खुश होकर गंगा मैया शंकलापुरी के पास के शिव मंदिर के बराबर से अवतरित हुई थी। जहां जहां बाबा लालदास के कदम पड़े वही से होकर उनकी कुटिया तक चली आई थी। लेकिन कालान्तर में इस पवित्र नदी में प्रदूषण बढ़ गया था और तरह झाड़ियों में तब्दील हो चुकी थी। जिसके चलते शहर वासियो और जन सहभागिता के चलते पांवधोई नदी पर घाट एक चेकडैम बनाये जा रहे हैं। जल्द ही इस यहां दूर दराज से आने वाले लोग न सिर्फ पांवधोई नदी में स्नान कर सकेंगे बल्कि यहां बनने वाले पार्क का भी लुत्फ उठा सकेंगे।





Body:VO 1 - इन दिनों पांवधोई नदी के सौन्दर्यकरण का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। नदी के उदगम स्थल से लेकर बाबा लालदास के बाड़े तक नदी के किनारे न सिर्फ पत्थरो से चेकडैम बनाये जा रहे है बल्कि कई स्थानों पर स्नान के लिए घाट बजी बनाये जा रहे है। मण्डलायुक्त सीपी त्रिपाठी ने बताया कि पांवधोई नदी सहारनपुर शहर की आत्मा है लाइफ लाइन है। इस नदी की मान्यता है यह है कि यहां के सिद्ध संत बाबा लाल दास जी जो सहारनपुर से गंगा स्नान के लिए हरिद्वार जाते थे। जब वह बीमार पड़े तो उनके शिष्यों ने उनसे कहा कि गंगा मैया को यहीं बुला लिया जाए। उनकी बात सुनकर के बाबा लाल दास ने शंकलापुरी के पास एक शिव मंदिर है। वहां पर उन्होंने मंत्र उच्चारण किया और अक्षत जिस स्थान पर डाली उसी स्थान से जल की धारा निकल आई। यही स्थान अब पवित्र नदी का उद्गम स्थल है। इतनी पवित्र नदी होने के कारण इस नदी के किनारे शहर के सारे मंदिरों का निर्माण किया गया। लोग इसमें स्नान करने के बाद मंदिर का दर्शन करके पुण्यलाभ प्राप्त करते थे। उन्होंने बताया कि कालांतर में नदी में बहुत प्रदूषण हुआ और उसका उद्गम स्थल की साफ सफाई ना होने के कारण मार्च 2019 में मैंने इस स्थल का भ्रमण किया। जहां देखा कि ढाई फ़ीट की नाली बनी थी ओर इस नदी में महज 3 इंच ही पानी था। जबकि बाकी जगह जंगल झाड़ी हो रहा था। जिसके बाद शहर के बुजुर्ग, सभी नागरिक गण के अनुरोध पर मैंने सबसे पहले जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए की काउंसिल है। इसके अलावा अलग-अलग जनप्रतिनिधियों से मिल कर के मैंने सबसे पहले रैली निकाली। सभी जनप्रतिनिधियों ने माननीय विधायक गण मेयर साहब ने और सभी अधिकारियों ने डीआईजी साहब ने डीएम साहब ने सीओ साहब ने हमारे साथ नदी में उतर कर के दिन साफ सफाई का कार्य प्रारंभ किया। इसके बाद नगर निगम और प्राधिकरण के सहयोग से सफाई कार्य कराया गया। जिसके बाद ढाई फ़ीट की नाली अब 25 से 40 फीड की नदी दिखाई देने लगी है। जन सहभागिता सुनिश्चित करते हुए नदी को निर्मल और पवित्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद इंफ्रास्ट्रक्चर, नगर निगम के फंड से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निर्माण किया जा रहा है। प्रथम चरण में उद्गम स्थल से बाबा लाल दास के बाड़े तक कोई भी नाला नदी में ना गिरे। जिससे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से उसकी सफाई होती रहेगी। इसके साथ-साथ अभी वहां पर एक और घाट और चेक डैम बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। एक फुट ओवर ब्रिज बनाने का भी कार्य हो रहा है। जिसमें हम समझते हैं कि वह स्थल एक तरह से दर्शनीय स्थल हो जाएगा और यह जब काम हो जाएगा चेकडैम हमारा बन जाएगा। तो नदी में कम से कम 4 फिर से 5 फीट का पानी रहेगा और यह नदी पवित्र नदी जो है वह नहाने लायक बन सकेगी। अभी रामलीला समिति के सदस्यों से भी मेरी बात चल रही है नदी की दूसरी ओर रामलीला संपत्ति का स्थान है। उनसे हमने अनुरोध किया है कि अगर वह हमें दे देंगे तो बहुत हुई नदी के किनारे एक सुंदर पार्क का विकास किया जा सकता है। कुल मिलाकर को निर्मल बनाने के सारे प्रयास किए जा रहे हैं, जन सहभागिता इसमें पूरी पूरी सब लोगों का सहयोग है। अलग-अलग लोगों से आते हैं सुझाव देते हैं। हम समझते हैं 1 महीने के बाद में इस नदी का स्वरूप और निखर कर आएगा और लोग वहां पर टहलने के लिए दर्शन करने के लिए स्नान करने के लिए और उस प्लीज का आनंद लेने के लिए वहां जाएंगे।

बाइट - सीपी त्रिपाठी ( मंडलायुक्त )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST
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