सहारनपुर: योगी सरकार के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य दो दिवसीय दौरे पर सहारनपुर पहुंचे. यहां उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने सरकार की योजनायें गिनाई. हालांकि सवालों के जवाब उन्होंने गोल-मटोल तरीके से दिया. उन्होंने बताया कि श्रमिकों के लिए विभिन्न प्रकार की 18 योजनाएं चलाई गईं हैं, जबकि सपा सरकार केवल साइकिल बांट कर वोट बैंक बनाती रही.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि श्रमिक के बच्चों की पढ़ाई के लिए अटल आवासीय विद्यालय योजना, बेटी विवाह के लिए सामूहिक विवाह योजना चलाई गई. योजना के तहत बेटियों को 55 हजार से 65 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है. जब उनसे पूछा गया कि ढाई साल में श्रम मंत्रालय न तो श्रमिकों को 10 रुपये में साइट पर भोजन की व्यवस्था करा पाया है और न ही रैन बसेरा बनवा सका? इस सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने गोल-मटोल जवाब देकर अन्य योजनाएं बतानीं शुरू कर दी.
मंत्रलाय की उपलब्धियां गिनाईं
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाते हुए विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जनाकारी दी. उन्होंने ईटीवी भारत का धन्यावाद किया. साथ ही बताया कि आज श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने और उनके चेहरों पर मुस्कान लाने की नियत से श्रम विभाग ने लगभग 18 योजनाएं श्रमिकों के हित के लिए चलाई है. ज्यादा अंकों का लाभ देने के लिए पंजीयन फीस 50 रुपये से घटाकर 20 रुपये की है. पूरे देश में उत्तर प्रदेश का मैं ऐसा पहला मंत्री हूं, जिसने लेबर अड्डों पर जाना शुरू किया. इन ढाई सालों में 60 जिलों के लेबर अड्डों का भ्रमण कर चुका हूं. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी देना, हित-लाभ योजनाओ को मौके पर लाभार्थियों के बीच मे बांटना, ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को पंजीयन कराने के लिए अभियान चलाया. इसके लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हुए हैं. उन्होंने कहा कि श्रमिकों का पंजीयन श्रम कार्यलय में नहीं, बल्कि चक्रानुक्रम में कैम्प लगाकर पंजीयन कराया. उन्होंने कहा कि लेबर अड्डों, गांवो, देहात और तहसील स्तर पर ईंट-भट्टों, मनरेगा मजदूरों के बीच जाकर पंजीयन करने के लिए निर्देशित किया गया है.
सपा पर साधा निशाना
सपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में सपा सरकार केवल साइकिल बांट कर लोगों को लुभाने की कोशिश करती थी. बीजेपी सरकार 18 कल्याणकारी योजनाएं लेकर श्रमिकों के बीच में आई. इतना ही नहीं ईमानदारी से ययोजना का लाभ पहुंचाने के लिए एजेंट और दलालों को बीच से खत्म कर दिया है. RTGS में माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी के खाते में योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है.
श्रमिक पुत्री विवाह योजना
उन्होंने बताया कि श्रमिकों के लिए श्रमिक पुत्री विवाह योजना के तहत सामुहिक विवाह योजना संचालित की. इस योजना के तहत श्रमिकों के बेटियों की शादी कराई जा रही है. श्रमिक बेटी की शादी घर पर करता है तो 55 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. यदि सामूहिक विवाह सम्मलित होता है तो उसको 65 हजार का अनुदान दिया जा रहा है. शादी का पूरा खर्च सरकार उठाती है. इसके अलावा संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों को कक्षा एक से डॉक्टर, इंजीनियरिंग की पढ़ाई तक श्रम मंत्रालय की ओर से विशेष अनुदान दिया जा रहा है. सरकार जहां प्राथमिक पढ़ाई के लिए 150 रुपये तो वहीं डॉक्टर, इंजीनियरिंग के लिए 10 हजार रुपये महीने तक का अनुदान श्रमिकों के बच्चों को दे रही है. नवोदय विधालय की तर्ज पर श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय भी खोले जा रहे हैं.
नवीनीकरण की प्रथा को शुरू किया गया
ईटीवी के सवाल पर उन्होंने बताया कि श्रमिकों को आवेदन करने में जो परेशानी आती थी. उसके लिए ऑनलाइन से लेकर गांव देहात में कैम्प लगाकर आवेदन कराने की सुविधा मुहैया कराई है. श्रमिकों का प्रमाण-पत्र न होने पर स्वहस्ताक्षरित पत्र स्वीकार किये जा रहे हैं. हर साल के नवीनीकरण के प्रचलन को खत्म कर, तीन वर्ष में नवीनीकरण की प्रथा को शुरू किया गया है. बाल श्रम को रोकने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है. अभियान के तहत न सिर्फ श्रमिकों के बच्चों को आवासीय अटल विद्यालयों में दाखिले दिए जाएंगे, बल्कि बाल मजदूरी कराने वाले संस्थानों, प्रतिष्ठानों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
श्रमिकों का निशुल्क इलाज
मजदूरों को साइट पर 10 रुपये में खाना उपलब्ध कराने की योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस योजना पर उनकी नजर है. अभी हम उसको डायरेक्ट विकास की मुख्यधारा में खड़ा करने की कोशिश में लगे हैं. मजदूरों को जो लाभ सीधे तौर वर मिलने चाहिए, उसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं. श्रमिकों की हार्ट, कैंसर और हादसे में घायल होने समेत कई गंभीर बीमारियों का इलाज श्रम मंत्रालय की ओर से निशुल्क इलाज कराया जा रहा है. इसके अलावा काम करते वक्त घायल होने या अंग-भंग होने पर आर्थिक सहायता का प्रावधान रखा गया है.
श्रमिकों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था
बड़े शहरों में श्रमिकों के लिए रैन बसेरों के सवाल पर उन्होंने कहा कि श्रमिक तीन प्रकार के हैं. एक मिल कारखानों में काम करने वाला, दूसरा कॉन्ट्रेक्शन लेबर का काम करने वाला और तीसरा असंगठित क्षेत्र के श्रमिक. मिल कारखानों में काम करने वाले श्रमिक को सरकार की ओर से ESI की सुविधा दी गई है, जिसमें उनका पीएफ फंड जमा किया जाता है. कन्स्ट्रक्शन लेबर के लिए उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा विभिन्न प्रकार की 18 योजनाएं चलाई जा रही हैं. संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए न सिर्फ 3000 हजार रुपये महीना पेंशन योजना चलाई है, बल्कि लेबर अड्डों पर आने वाले श्रमिकों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था जल्द की जा रही हैं.
जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी
जनसंख्या नियंत्रण कानून के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से भारत दूसरे नम्बर पर है. यदि यही हाल रहा तो पहले नम्बर पर आने में देर नहीं लगेगी. जनसंख्या नियंत्रण कानून राष्ट्रहित के लिए बहुत जरूरी है. इसके लिए देश की जनता को स्वयं हम दो हमारे दो का फैसला लेना होगा. उन्होंने कहा कि बेटा हो या बेटी, अगर एक ही बच्चा हो तो देश और ज्यादा तरक्की कर सकेगा. जनसंख्या विस्फोट लगातार बढ़ता जा रहा है. देश की जनता को सरकार के इस कानून को स्वीकार करना चाहिए.