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सहारनपुर: महाभारत काल से भी प्राचीन है यह महादेव मंदिर, पांचों पांडवों ने की थी सेवा - Temple was built before Mahabharata

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में महाभारत के पहले से स्थापित ग्यारहमुखी महादेव मंदिर की अलग महिमा है. लोगों की मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यहां आकर भगवान की 41 दिन सेवा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.

mahadev temple
ग्यारहमुखी महादेव मंदिर
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Published : Jul 13, 2020, 10:11 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: नगर का ग्यारहमुखी महादेव मंदिर को लेकर लोगों की अलग आस्था है. लोगों की मान्यताओं की बात करें, तो लगातार 41 दिन सेवा करने वाले की हर मनोकामना पूर्ण होती है. महाभारत काल में पांचों पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान ग्यारहमुखी महादेव की सेवा कर अपने कष्ट दूर किए. इस मन्दिर में स्थापित ग्यारह शिवलिंग आकर्षण का मुख्य केंद्र है.

ग्यारहमुखी महादेव मंदिर.
देवबन्द नगर के देवीकुंड स्थित ग्यारहमुखी महादेव मंदिर नगर में सबसे प्राचीन शिव मंदिर में गिना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल से भी पहले का है. इस मंदिर में स्थापित ग्यारह शिवलिंग आकर्षक का केंद्र है. ग्यारहमुखी महादेव मंदिर अपनी अलग ही पहचान रखता है. यहां जो भी भक्त 41 दिन की सेवा करता है उसकी सभी मनोकामना भोले बाबा पूर्ण करते हैं. यह देवबंद क्षेत्र जब देवी वन के नाम से जाना जाता था, तब से यह मंदिर यहां पर स्थापित है.

महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान जब पांचों पांडव इस देवी वन से गुजरे, तो उन्होंने भी ग्यारहमुखी महादेव की सेवा की थी. इस मंदिर में स्थापित 11 शिवलिंग मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं, क्योंकि दूर-दूर तक कहीं भी 11 शिवलिंग वाले शिवालय देखने को नहीं मिलता है. श्रावण माह में यहां पर श्रद्धालुओं का भारी संख्या में तांता लगा रहता था. मगर इस बार लॉकडाउन के कारण केवल 5-5 आदमियों को ही मंदिर में प्रवेश करने दिया जा रहा है. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि सच्चे मन से 41 दिन की सेवा करने पर लोगों की सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

सहारनपुर: नगर का ग्यारहमुखी महादेव मंदिर को लेकर लोगों की अलग आस्था है. लोगों की मान्यताओं की बात करें, तो लगातार 41 दिन सेवा करने वाले की हर मनोकामना पूर्ण होती है. महाभारत काल में पांचों पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान ग्यारहमुखी महादेव की सेवा कर अपने कष्ट दूर किए. इस मन्दिर में स्थापित ग्यारह शिवलिंग आकर्षण का मुख्य केंद्र है.

ग्यारहमुखी महादेव मंदिर.
देवबन्द नगर के देवीकुंड स्थित ग्यारहमुखी महादेव मंदिर नगर में सबसे प्राचीन शिव मंदिर में गिना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल से भी पहले का है. इस मंदिर में स्थापित ग्यारह शिवलिंग आकर्षक का केंद्र है. ग्यारहमुखी महादेव मंदिर अपनी अलग ही पहचान रखता है. यहां जो भी भक्त 41 दिन की सेवा करता है उसकी सभी मनोकामना भोले बाबा पूर्ण करते हैं. यह देवबंद क्षेत्र जब देवी वन के नाम से जाना जाता था, तब से यह मंदिर यहां पर स्थापित है.

महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान जब पांचों पांडव इस देवी वन से गुजरे, तो उन्होंने भी ग्यारहमुखी महादेव की सेवा की थी. इस मंदिर में स्थापित 11 शिवलिंग मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं, क्योंकि दूर-दूर तक कहीं भी 11 शिवलिंग वाले शिवालय देखने को नहीं मिलता है. श्रावण माह में यहां पर श्रद्धालुओं का भारी संख्या में तांता लगा रहता था. मगर इस बार लॉकडाउन के कारण केवल 5-5 आदमियों को ही मंदिर में प्रवेश करने दिया जा रहा है. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि सच्चे मन से 41 दिन की सेवा करने पर लोगों की सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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