सहारनपुर: फतवों की नगरी देवबंद में भी शाहीन बाग की तर्ज पर CAA के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. यहां PFI के सक्रिय होने की खबर मिलते ही खुफिया विभाग और पुलिस महकमा भी सतर्क हो गया है. इस मामले पर एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात की. उनका कहना है कि देवबंद में चल रहे धरने के नाम पर फंडिंग हो रही है. स्थानीय विपक्ष के नेता और कुछ इस्लामिक संगठन महिलाओं को गुमराह कर अपनी जेब भर रहे हैं.
आईबी के इनपुट के बाद पुलिस सक्रिय
आईबी के इनपुट के बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में धरने के नाम पर उगाही करने वालों को चयनित कर नोटिस भेजा है. पैसे की वसूली करने वालों से उनके बैंक खातों की डिटेल भी मांगी गई है. पुलिस की नोटिस भेजने की कार्रवाई से देवबंद में हड़कंप मचा हुआ है.
धरने के नाम पर हो रही फंड़िग
एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि कुछ लोग धरने के नाम पर गरीब तबके के लोगों से पैसे इकट्ठे करने का खेल शुरू कर दिया है. 27 जनवरी से देवबंद के ईदगाह मैदान में धरने के रूप में महिलाओं को बिठा दिया गया है. इस धरने के पीछे बड़ी संख्या में विपक्ष के नेता, पूर्व विधायक और कई राजनीतिक एवं सामाजिक संगठन से जुड़े लोग हैं.
महिलाओं को किया जा रहा गुमराह
राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोग धरने के नाम पर विभिन्न बड़े संगठनों से मोटी रकम वसूल रहे हैं. खास बात ये है कि नेता अपनी जेब भरने के साथ वोट बैंक और पॉलिटिकल फायदा के लिए महिलाओं और मासूम बच्चों को भी गुमराह कर रहे हैं.
सीएए से देश के नागरिकों को नहीं नुकसान
एसएसपी ने बताया कि गुरुवार को देवबंद के जिम्मेदार लोगों को जानकारी देने के प्रयास किया कि CAA से देश के नागरिकों को कोई नुकसान नहीं है. बावजूद इसके धरने पर बैठे लोग किसी की बात सुनने को तैयार नहीं हैं.
सीएए पर हो रही राजनीति
आईबी के इनपुट के सवाल पर एसएसपी ने बताया कि बड़ी संख्या में एंटी सोशल एलिमेंट्स भी इससे जुड़े हुए हैं. उन्होंने वहां एक सूचना का आदान-प्रदान केंद्र भी बना दिया है, जिससे वो लोग को भ्रम में रखकर अपने राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ा सकें.
मांगें गए बैंक स्टेटमेंट
इस आंदोलन के जितने भी आयोजक है, गोपनीय सूचना के तहत उन्हें चयनित कर लिया गया है. जो देवबंद ओर जनपद की अमन शांति भंग करने के लिए धन उगाही कर रहे हैं. उनके खिलाफ नोटिस जारी कर उनसे बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं. ताकि पता लगाया जा सके कि बाहर से किन-किन लोगों के पास फंडिंग हुआ है.
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