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बिहार के प्रवासी श्रमिकों को रास्ते में छोड़कर भागने वाले बस संचालकों पर होगी कार्रवाई: एसएसपी

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के शेल्टर होम में रोके गए बिहार के प्रवासी मजदूरों को बस चालक मुजफ्फरनगर बॉर्डर पर ही छोड़कर भाग गए. जिले के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि इस संबध में जानकारी मिल चुकी है. मामले की जांच कराई जा रही है, जिसके बाद बस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रवासी श्रमिकों को रास्ते में छोड़कर भागने वाले बस संचालकों पर होगी कार्रवाई
प्रवासी श्रमिकों को रास्ते में छोड़कर भागने वाले बस संचालकों पर होगी कार्रवाई
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Published : May 20, 2020, 11:03 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: जिले में पंजाब से पहुंचे बिहार के प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने बसों का इंताजाम किया था, लेकिन कुछ बस चालक ने इन प्रवासी मजदूरों को बीच रास्ते में छोड़कर भाग गए. इन बस संचालकों के खिलाफ एसएसपी ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि श्रमिकों के साथ हुई इस करतूत को प्रशासन दबाने में लगा हुआ है, क्योंकि सहारनपुर से इन श्रमिकों को बिहार बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए भेजा गया था और बस चालक परिचालक बीच रास्ते में मुजफ्फरनगर में हाइवे पर छोड़कर भाग आये. एसएसपी के मुताबिक इन बसों की पहचान कराकर जांच कराई जा रही है.

प्रवासी श्रमिकों को रास्ते में छोड़कर भागने वाले बस संचालकों पर होगी कार्रवाई

आपको बता दें कि रविवार की सुबह सहारनपुर के मेजर सेल्टर हाउस राधा स्वामी सत्संग भवन में क्वारंटाइन किये गए हजारों प्रवासी मजदूरों ने घर की मांग करते हुए हाइवे पर हंगामा किया था. हंगामें के बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन ने रोडवेज और प्रतिबंधित बसों में बैठाकर बिहार बॉर्डर के लिए रवाना किया था, लेकिन प्रतिबंधित बसों के चालक परिचालक ने 300 से ज्यादा श्रमिकों को मुजफ्फरनगर पहुंचते ही बीच रास्ते में उतार दिया, जिसके बाद श्रमिकों ने वहां भी जमकर हंगामा किया और सहारनपुर प्रशासन की पोल खोल दी.

मुजफ्फरनगर में बड़ी संख्या में श्रमिकों ने आपबीती बताते हुए बस संचालकों पर गंभीर आरोप लगाए है. इतना ही नहीं जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. ईटीवी भारत ने बिहार के प्रवासी श्रमिकों की इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया. खबर का संज्ञान लेकर जिला प्रशासन ने उन बसों की जांच के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि प्रशासन बस संचालकों की इस करतूत को छिपाने की कोशिश करता रहा, जब इस बाबत जिला अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने मामला मुजफ्फरनगर का बताकर पल्ला झाड़ लिया, लेकिन जब ईटीवी भारत की खबर प्रसारित की गई तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में उन बस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए.

इसे भी पढ़ें:-बीजेपी का पोस्टर लगा लीजिए, बसों को एंट्री दीजिए: प्रियंका गांधी

बिहार के किसी भी मजदूर को स्कूल बसों एवं प्राइवेट बसों के माध्यम से नहीं भेजा गया. इन बसों से उन श्रमिकों को भेजा गया था, जो आसपास पड़ोसी जनपदों के रहने वाले श्रमिक सहारनपुर फंसे हुए थे. अभी शिकायत आई है कि एक दो श्रमिकों को बस संचालकों को बीच में मुजफ्फरनगर बॉर्डर पर उतार दिया गया है. उस संबध में जानकारी मिल चुकी है. इस मामले की जांच कराई जा रही है, जिसके बाद बस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दिनेश कुमार पी,एसएसपी

सहारनपुर: जिले में पंजाब से पहुंचे बिहार के प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने बसों का इंताजाम किया था, लेकिन कुछ बस चालक ने इन प्रवासी मजदूरों को बीच रास्ते में छोड़कर भाग गए. इन बस संचालकों के खिलाफ एसएसपी ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि श्रमिकों के साथ हुई इस करतूत को प्रशासन दबाने में लगा हुआ है, क्योंकि सहारनपुर से इन श्रमिकों को बिहार बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए भेजा गया था और बस चालक परिचालक बीच रास्ते में मुजफ्फरनगर में हाइवे पर छोड़कर भाग आये. एसएसपी के मुताबिक इन बसों की पहचान कराकर जांच कराई जा रही है.

प्रवासी श्रमिकों को रास्ते में छोड़कर भागने वाले बस संचालकों पर होगी कार्रवाई

आपको बता दें कि रविवार की सुबह सहारनपुर के मेजर सेल्टर हाउस राधा स्वामी सत्संग भवन में क्वारंटाइन किये गए हजारों प्रवासी मजदूरों ने घर की मांग करते हुए हाइवे पर हंगामा किया था. हंगामें के बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन ने रोडवेज और प्रतिबंधित बसों में बैठाकर बिहार बॉर्डर के लिए रवाना किया था, लेकिन प्रतिबंधित बसों के चालक परिचालक ने 300 से ज्यादा श्रमिकों को मुजफ्फरनगर पहुंचते ही बीच रास्ते में उतार दिया, जिसके बाद श्रमिकों ने वहां भी जमकर हंगामा किया और सहारनपुर प्रशासन की पोल खोल दी.

मुजफ्फरनगर में बड़ी संख्या में श्रमिकों ने आपबीती बताते हुए बस संचालकों पर गंभीर आरोप लगाए है. इतना ही नहीं जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. ईटीवी भारत ने बिहार के प्रवासी श्रमिकों की इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया. खबर का संज्ञान लेकर जिला प्रशासन ने उन बसों की जांच के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि प्रशासन बस संचालकों की इस करतूत को छिपाने की कोशिश करता रहा, जब इस बाबत जिला अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने मामला मुजफ्फरनगर का बताकर पल्ला झाड़ लिया, लेकिन जब ईटीवी भारत की खबर प्रसारित की गई तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में उन बस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए.

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बिहार के किसी भी मजदूर को स्कूल बसों एवं प्राइवेट बसों के माध्यम से नहीं भेजा गया. इन बसों से उन श्रमिकों को भेजा गया था, जो आसपास पड़ोसी जनपदों के रहने वाले श्रमिक सहारनपुर फंसे हुए थे. अभी शिकायत आई है कि एक दो श्रमिकों को बस संचालकों को बीच में मुजफ्फरनगर बॉर्डर पर उतार दिया गया है. उस संबध में जानकारी मिल चुकी है. इस मामले की जांच कराई जा रही है, जिसके बाद बस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दिनेश कुमार पी,एसएसपी

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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