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स्मार्ट सिटी सहारनपुर नगर निगम को कैसे लग रहा है करोड़ों का चूना

स्मार्ट सिटी योजना में शामिल सहारनपुर बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है. अभी तक योजना में शामिल लोगों को टैक्स के दायरे में भी नहीं लाया जा सका है. इससे निगम को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल सर्वे का काम किया जा रहा है. इसके बाद विकास कार्य शुरू कर दिए जाएंगे.

स्मार्ट सिटी सहारनपुर
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Published : Apr 3, 2019, 1:52 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST

सहारनपुर : केंद्र सरकार की मेगा स्कीम स्मार्ट सिटी में शामिल सहारनपुर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. यहां अभी तक सभी परिवारों को टैक्स की श्रेणी में भी नहीं लाया गया है. इसके चलते स्मार्ट सिटी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं प्राइवेट अस्पताल और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बिना टैक्स के धड़ल्ले से चल रहे हैं.

स्मार्ट सिटी सहारनपुर


करीब दो साल पहले सहारनपुर को स्मार्ट सिटी शहरों की लिस्ट में शामिल किया गया था. इससे पहले सहारनपुर को नगर निगम का दर्जा मिला तो आसपास के 32 गांवों को निगम का हिस्सा बनाया गया था. बावजूद इसके इन गांवों के डेढ़ लाख से ज्यादा घरों की हालत आज भी जस की तस है. स्मार्ट सिटी योजना का कोई भी लाभ इन गांवों मे नहीं पहुंचा है.

चौंकाने वाली बात यह है कि 2 साल पहले निगम में शामिल हुए इन गांवों के घरों का निगम में रजिस्ट्रेशन तक नहीं हुआ है. इससे निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान तो हो ही रहा है, ग्रामीण भी कई योजनाओं से वंचित रह रहे हैं. इतना ही नहीं स्मार्ट सिटी के कई बड़े अस्पताल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बिना पंजीकरण कराए निगम को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं. ईटीवी से बातचीत में नगर आयुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि निगम अधिकारी नगर निगम की आमदनी बढ़ाना चाह रहे हैं. इसके लिए नगर निगम क्षेत्र का सर्वे कराया जा रहा है. शहर के आसपास के 32 गांव स्मार्ट सिटी में शामिल हुए हैं. इन गांवों में करीब 30 हजार परिवार रह रहे हैं. प्रत्येक मकान का सर्वे करने के बाद निगम के मकानों की संख्या बढ़कर डेढ़ लाख हो जाएगी. इन सभी मकानों पर टैक्स लागू कर दिया जाएगा, जिससे अब तक होने वाली 29 करोड़ की आमदनी बढ़कर करीब 50 करोड़ रुपये हो जाएगी.

उन्होंने बताया कि नई कॉलोनियां और मकानों का भी सर्वे कराया जा रहा है. इसके अलावा व्यावसायिक इलाकों में भी सभी प्रतिष्ठानों में जाकर रजिस्ट्रेशन कर टैक्स वसूलने की योजना बनाई गई है. इससे हर महीना 50 लाख रुपये से ज्यादा की आय बढ़ जाएगी. व्यावसायिक प्रतिष्ठानों होटल, रेस्टोरेंट, अस्पतालों आदि से रजिस्ट्रेशन कर जो फीस ली जाएगी, उससे हर साल 5 करोड़ से ज्यादा की आमदनी होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत अच्छी सड़कें, अच्छे पार्क, गलियां, पीने के पानी की सुविधा, पानी की निकासी जैसी व्यवस्थाएं की जारही हैं.

सहारनपुर : केंद्र सरकार की मेगा स्कीम स्मार्ट सिटी में शामिल सहारनपुर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. यहां अभी तक सभी परिवारों को टैक्स की श्रेणी में भी नहीं लाया गया है. इसके चलते स्मार्ट सिटी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं प्राइवेट अस्पताल और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बिना टैक्स के धड़ल्ले से चल रहे हैं.

स्मार्ट सिटी सहारनपुर


करीब दो साल पहले सहारनपुर को स्मार्ट सिटी शहरों की लिस्ट में शामिल किया गया था. इससे पहले सहारनपुर को नगर निगम का दर्जा मिला तो आसपास के 32 गांवों को निगम का हिस्सा बनाया गया था. बावजूद इसके इन गांवों के डेढ़ लाख से ज्यादा घरों की हालत आज भी जस की तस है. स्मार्ट सिटी योजना का कोई भी लाभ इन गांवों मे नहीं पहुंचा है.

चौंकाने वाली बात यह है कि 2 साल पहले निगम में शामिल हुए इन गांवों के घरों का निगम में रजिस्ट्रेशन तक नहीं हुआ है. इससे निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान तो हो ही रहा है, ग्रामीण भी कई योजनाओं से वंचित रह रहे हैं. इतना ही नहीं स्मार्ट सिटी के कई बड़े अस्पताल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बिना पंजीकरण कराए निगम को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं. ईटीवी से बातचीत में नगर आयुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि निगम अधिकारी नगर निगम की आमदनी बढ़ाना चाह रहे हैं. इसके लिए नगर निगम क्षेत्र का सर्वे कराया जा रहा है. शहर के आसपास के 32 गांव स्मार्ट सिटी में शामिल हुए हैं. इन गांवों में करीब 30 हजार परिवार रह रहे हैं. प्रत्येक मकान का सर्वे करने के बाद निगम के मकानों की संख्या बढ़कर डेढ़ लाख हो जाएगी. इन सभी मकानों पर टैक्स लागू कर दिया जाएगा, जिससे अब तक होने वाली 29 करोड़ की आमदनी बढ़कर करीब 50 करोड़ रुपये हो जाएगी.

उन्होंने बताया कि नई कॉलोनियां और मकानों का भी सर्वे कराया जा रहा है. इसके अलावा व्यावसायिक इलाकों में भी सभी प्रतिष्ठानों में जाकर रजिस्ट्रेशन कर टैक्स वसूलने की योजना बनाई गई है. इससे हर महीना 50 लाख रुपये से ज्यादा की आय बढ़ जाएगी. व्यावसायिक प्रतिष्ठानों होटल, रेस्टोरेंट, अस्पतालों आदि से रजिस्ट्रेशन कर जो फीस ली जाएगी, उससे हर साल 5 करोड़ से ज्यादा की आमदनी होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत अच्छी सड़कें, अच्छे पार्क, गलियां, पीने के पानी की सुविधा, पानी की निकासी जैसी व्यवस्थाएं की जारही हैं.
Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के तहत देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की कोशिश की जा रही है। योजना के मुताबिक न सिर्फ स्मार्ट सिटी शहरों की आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है बल्कि इन शहरों में रह रहे परिवारो को बेहतर सुविधाएं देने के दावे किए जा रहे है। लेकिन स्मार्ट सिटी सहारनपुर में लोगो को सुविधाएं तो दूर अभी तक सभी परिवारों को टैक्स की श्रेणी में भी नही लाया गया है। जिससे स्मार्ट सिटी को करोड़ो रूपये का नुकसान हो रहा है। इतना ही नही प्राइवेट अस्पताल और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी बिना टेक्स के धड़ल्ले से चल रहे है। और निगम अधिकारी कहना है कि निगम के 30 हजार और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है जिससे हर साल 5 से 10 करोड़ रुपये की आमदनी हो सकेगी। इसके लिए घर घर जाकर सर्वे किया जा रहा है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर को करीब दो साल पहले स्मार्ट सिटी शहरों की लिस्ट में शामिल किया गया था। डेढ़ साल शहर में कई योजनाओं के तहत विकास कार्य कराए जा रहे है। जबकि इससे पहले सहारनपुर को नगर निगम का दर्जा मिला तो आसपास के 32 गांवो निगम में शामिल किए गए। बावजूद इसके इन गांवो के डेढ़ लाख से ज्यादा घरो की हालत आज भी जस की तस है। यानी अभी इन गांवों में स्मार्ट सिटी योजना का कोई भी लाभ इन ग़ांव मे नही पहुंचा है। चोकाने वाली बात तो ये है कि 2 साल से निगम में शामिल हुए इन गांवो के घरों का निगम में रजिस्ट्रेशन तक भी नही हुआ है। जिससे निगम को करोड़ो रूपये का नुकसान तो हो ही रहा है वही ग्रामीण भी कई योजनाओं से वंचित रह रहे है। इतना ही नही स्मार्ट सिटी के कई बड़े अस्पताल और व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी बिना पंजीकरण कराए निगम को लाखो रुपये का चुना लगा रहे है। ईटीवी से बातचीत में नगर आयुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि मुख्य बात ये है कि निगम अधिकारी नगर निगम की आमदनी को बढ़ाना चाह रहे हैं। इसके लिए नगर निगम क्षेत्र का सर्वे कराया जा रहा है।शहर के आसपास के 32 गांवो स्मार्ट सिटी में शामिल हुए हैं। इन गांवों में करीब 30 हजार परिवार रह रहे हैं। उनके घरों का सर्वे कराकर प्रत्येक मकान का सर्वे करने के बाद निगम के मकानों की संख्या बढ़कर डेढ़ लाख हो जाएगी। इन सभी मकानों का टेक्स लागू कर दिया जाएगा जिससे अब तक होने वाली 29 करोड़ की आमदनी बढ़कर करीब 50 करोड़ रुपये हो जाएगी। उन्होंने बताया कि जो नई कालोनियां और नए मकान बन रहे है। उनका सर्वे करने के लिए भी टेक्स विभाग को निर्देश दिए गए हैं। ताकि हर मकान का सर्वे कर टेक्स की श्रेणी में लाया जा सके। इसके अलावा व्यवसायिक इलाको में भी सभी प्रतिष्ठानों में जाकर रजिस्ट्रेशन कर टेक्स वसूलने की योजना बनाई गई है। जिससे 50 लाख रुपये से ज्यादा की आय प्रति महीना और बढ़ जाएगी। व्यसायिक प्रतिष्ठानों होटल , रेस्टोरेंट, अस्पतालो आदि से रजिस्ट्रेशन कर जो फीस ली जाएगी उससे हर साल 5 करोड़ से ज्यादा आमदनी होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत अच्छी सड़के, अच्छे पार्क , गालियां, पीने के पानी की सुविधा, पानी की निकासी की जा रही है जिससे स्थानीय निवासी निगम का सहयोग कर रहे हैं।

बाईट - ज्ञानेंद्र सिंह ( नगरायुक्त )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST
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