सहारनपुरः इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम के मशहूर उस्ताद शेखुल हदीस मुफ्ती सईद पालनपुरी ने मंगलवार की सुबह मुंबई के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. मौलाना शेखुल लंबे अर्से से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. वह 80 वर्ष के थे. मौलाना के इंतकाल की खबर से इस्लामिक जगत में शोक की लहर है.
मौलाना शेखुल ने लिखी थी कई किताबें
मुफ्ती सईद पालनपुरी कुरान की तफ्सीर समेत दर्जनों किताबों के मुसन्निफ थे और इल्मि हलकों में काफी मकबूलियत रखते थे. छात्र इनको काफी पसंद करते थे और उलेमा में भी उन्हें बहुत ऐहतराम से देखा जाता था. मुफ़्ती सईद भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मशहूर थे और उनके हज़ारों शागिर्द दुनिया भर में कुरान और हदीस की खिदमत अंजाम दे रहे हैं.
दारुल उलूम में शोक
शेखुल हदीस मौलाना सईद अहमद पालनपुरी पिछली आधी सदी से उम्मुल मदारिस दारुल उलूम देवबंद में अपनी खिदमत दे रहे थे. मौलाना को गम्भीर बीमारी के चलते करीब 3 महीने पहले इलाज के लिए मुम्बई ले जाया गया था. एक सप्ताह पूर्व तबीयत ज्यादा खराब होने पर मौलाना को एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहां पर मंगलवार की सुबह करीब 7 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली और दुनिया ए फानी को अलविदा कह गए. मौलाना के इंतकाल की खबर से दारुल उलूम देवबंद के दरो दीवार सोगवार हैं.