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सहारनपुर: नगर निगम का सहायक लेखाकार सस्पेंड, सरकारी अभिलेख गायब करने का आरोप

सहारनपुर में गुरुवार को नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने लेखा विभाग के लेखाकार इंद्रजीत आनन्द को सरकारी अभिलेख गायब करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया. जांच के लिए कर निर्धारण अधिकारी/प्रभारी उप नगर आयुक्त दिनेश यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया है.

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सहारनपुर सहायक लेखाकार निलंबित
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Published : Jun 24, 2022, 8:14 AM IST

सहारनपुर: नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने गुरुवार को 2010 से लेखा विभाग में जमे लेखाकार इंद्रजीत आनन्द को सरकारी अभिलेख गायब करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया. इंद्रजीत पर लगे आरोपों की जांच के लिए कर निर्धारण अधिकारी/प्रभारी उप नगर आयुक्त दिनेश यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. नगरायुक्त कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि इन्द्रजीत आनंद वर्ष 2010 से लेखा विभाग में एक ही पटल पर कार्यरत है.

शासनादेश 13.5.2022 के अनुपालन में सहायक लेखाकार इंद्रजीत आनंद का स्थानांतरण 14 जून को लेखा विभाग से कर विभाग में सहायक लेखाकार के रिक्त पद पर करते हुए तीन दिन में कार्यभार ग्रहण करने व कार्यभार सौंपने का समय दिया गया था. लेकिन इंद्रजीत कुर्सी छोड़ने को तैयार नही था. लेखाकार ने न सिर्फ चार्ज देने से मना कर दिया बल्कि कई फ़ाइलों को गायब कर दिया.

लेखाकार इन्द्रजीत का ट्रान्सफर कर दिया गया था. लेकिन उसने स्थानांतरित होकर आए नए लेखाकार अनुज सैनी को चार्ज देने से मना कर दिया. जिसके बाद 21 जून को अनुज सैनी ने अधिकारियों को अवगत कराया कि इन्द्रजीत उन्हें चार्ज नहीं दे रहा है और 15 जून को वह अलमारी का ताला लगाकर चले गए हैं, जिसके चलते सरकारी कार्य बाधित हो रहा है. अनुज सैनी को शिकायत को गंभीरता से लेते हुए नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने मामले का संज्ञान लिया.

ये भी पढ़ें- योगिनी एकादशी व्रत आज, जानिए क्यों है यह व्रत सबसे अलग और खास

उन्होंने तत्काल प्रभाव से इन्द्रजीत आनन्द के निलंबन की संतुति की. बताया जा रहा है इंद्रजीत आनंद पर कार्यकारणी समिति के लिपिक का भी कार्यभार है. 15 जून को कार्यकारणी समिति की बैठक हुई थी, उस बैठक के लिए एजेण्डा प्रस्तुत न करने, बिना बताए 13 जून से 15 जून 2022 तक बिना किसी आवश्यकता के अवकाश पर चले जाने और कार्यालय में ही घूमते रहने तथा अधिष्ठान लिपिक से अपना अवकाश प्रार्थना पत्र लेकर तीन दिन के अवकाश को ओवर राईटिंग कर एक दिन का अवकाश बना देने, बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये कर्मचारियों के बकाया का भुगतान करने, सरकारी अभिलेख गायब करने तथा अपनी प्रोन्नति सम्बंधी पत्रावली अपनी अभिरक्षा में रखने तथा अपनी व्यक्तिक पत्रावली से अभिलेख गायब करने समेत कई आरोप लगाये गए हैं.

आदेश में इन सब आरोपों को गंभीर अपराध बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 का उल्लंघन मानते हुए इन्द्रजीत आनन्द को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है और विभागीय/अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गयी है. नगरायुक्त ने जारी आदेश में इन्द्रजीत आनन्द से सम्बंधित मामले की जांच के लिए कर निर्धारण अधिकारी/प्रभारी उप नगर आयुक्त दिनेश यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया है उक्त जांच कार्यवाही पूरी कर तीन माह के भीतर आख्या देने के निर्देश दिए गए हैं.

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सहारनपुर: नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने गुरुवार को 2010 से लेखा विभाग में जमे लेखाकार इंद्रजीत आनन्द को सरकारी अभिलेख गायब करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया. इंद्रजीत पर लगे आरोपों की जांच के लिए कर निर्धारण अधिकारी/प्रभारी उप नगर आयुक्त दिनेश यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. नगरायुक्त कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि इन्द्रजीत आनंद वर्ष 2010 से लेखा विभाग में एक ही पटल पर कार्यरत है.

शासनादेश 13.5.2022 के अनुपालन में सहायक लेखाकार इंद्रजीत आनंद का स्थानांतरण 14 जून को लेखा विभाग से कर विभाग में सहायक लेखाकार के रिक्त पद पर करते हुए तीन दिन में कार्यभार ग्रहण करने व कार्यभार सौंपने का समय दिया गया था. लेकिन इंद्रजीत कुर्सी छोड़ने को तैयार नही था. लेखाकार ने न सिर्फ चार्ज देने से मना कर दिया बल्कि कई फ़ाइलों को गायब कर दिया.

लेखाकार इन्द्रजीत का ट्रान्सफर कर दिया गया था. लेकिन उसने स्थानांतरित होकर आए नए लेखाकार अनुज सैनी को चार्ज देने से मना कर दिया. जिसके बाद 21 जून को अनुज सैनी ने अधिकारियों को अवगत कराया कि इन्द्रजीत उन्हें चार्ज नहीं दे रहा है और 15 जून को वह अलमारी का ताला लगाकर चले गए हैं, जिसके चलते सरकारी कार्य बाधित हो रहा है. अनुज सैनी को शिकायत को गंभीरता से लेते हुए नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने मामले का संज्ञान लिया.

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उन्होंने तत्काल प्रभाव से इन्द्रजीत आनन्द के निलंबन की संतुति की. बताया जा रहा है इंद्रजीत आनंद पर कार्यकारणी समिति के लिपिक का भी कार्यभार है. 15 जून को कार्यकारणी समिति की बैठक हुई थी, उस बैठक के लिए एजेण्डा प्रस्तुत न करने, बिना बताए 13 जून से 15 जून 2022 तक बिना किसी आवश्यकता के अवकाश पर चले जाने और कार्यालय में ही घूमते रहने तथा अधिष्ठान लिपिक से अपना अवकाश प्रार्थना पत्र लेकर तीन दिन के अवकाश को ओवर राईटिंग कर एक दिन का अवकाश बना देने, बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये कर्मचारियों के बकाया का भुगतान करने, सरकारी अभिलेख गायब करने तथा अपनी प्रोन्नति सम्बंधी पत्रावली अपनी अभिरक्षा में रखने तथा अपनी व्यक्तिक पत्रावली से अभिलेख गायब करने समेत कई आरोप लगाये गए हैं.

आदेश में इन सब आरोपों को गंभीर अपराध बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 का उल्लंघन मानते हुए इन्द्रजीत आनन्द को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है और विभागीय/अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गयी है. नगरायुक्त ने जारी आदेश में इन्द्रजीत आनन्द से सम्बंधित मामले की जांच के लिए कर निर्धारण अधिकारी/प्रभारी उप नगर आयुक्त दिनेश यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया है उक्त जांच कार्यवाही पूरी कर तीन माह के भीतर आख्या देने के निर्देश दिए गए हैं.

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