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सहारनपुर: अवैध खनन मामले में बसपा एमएलसी समेत दो को आरसी जारी, वसूला जाएगा 100 करोड़ रुपये

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में बसपा एमएलसी महमूद अली समेत दो लोगों को रिकवरी नोटिस जारी किया गया है. दोनों से 50-50 करोड़ रुपये वसूले जाएंगे. यह रिकवरी नोटिस अवैध खनन के मामले में भेजी गई है.

bsp mlc mahmood ali
बसपा एमएलसी महमूद अली.
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Published : Oct 10, 2020, 3:25 PM IST

सहारनपुर: बसपा एमएलसी महमूद अली की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अवैध खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ उनकी याचिका खारिज कर दी, बल्कि पार्टनर समेत उनको 100 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भी जारी किया. एनजीटी के निर्देश पर जिला प्रशासन ने एमएलसी और पार्टनर अमित जैन से 50-50 करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए बाकायदा सम्बन्धित एसडीएम को जिम्मेदारी दी गई है.

जानकारी देते एडीएम.

आरोप है कि एमएलसी महमूद अली ने साल 2012 में यमुना नदी से न सिर्फ अवैध खनन कर मोटी कमाई की थी, बल्कि पर्यावरण को भी खासा नुकसान पहुंचाया था, जिसके चलते एनजीटी ने मामले की जांच के बाद जुर्माने की कार्रवाई की.

2016 में एनजीटी ने लगाया था जुर्माना
जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की शुरुआती जांच में अवैध खनन मामले में बसपा एमएलसी महमूद अली को दोषी पाया गया. एमएलसी ने यमुना नदी का सीना चीरकर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया था. एमएलसी महमूद अली, उनके पार्टनर अमित जैन, विकास अग्रवाल और भतीजे दिलशाद व वाजिद अली पर 50-50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. इनके अलावा एनजीटी ने प्रधान स्टोन क्रशर मालिक के खिलाफ भी ढाई करोड़ की आरसी जारी की थी. साथ ही जिला प्रशासन को सभी आरोपियों से जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए थे.

सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
एनजीटी की इस कार्रवाई से खनन माफियाओं में हड़कंप मचा गया और उन्होंने देश की सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. एमएलसी ने सभी साथियों के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद प्रधान स्टोन क्रशर मालिक, खनन माफिया विकास अग्रवाल, दिलशाद और वाजिद अली को तो राहत मिल गई. वहीं एमएलसी और खनन कारोबारी अमित जैन की कोर्ट ने याचिका खारिज कर उनसे 50-50 करोड़ की रिकवरी करने के आदेश दे दिए. बावजूद इसके खनन कारोबारियों ने जुर्माने की पूरी रकम तो दूर फूटी कौड़ी भी जमा नहीं कराई.

अपर जिला अधिकारी वित्त विनोद कुमार ने बताया कि वर्ष 2016 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने एमएलसी समेत पांच लोगों के खिलाफ पर्यावरण को क्षतिपूर्ति करने के आरोप में 50-50 करोड़ रुपये की आरसी जारी की थी, जिसको लेकर इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध खनन करने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया है. इसलिए जुर्माना वसूल करके पर्यावरण विभाग में जमा किए जाएं. एनजीटी के आदेश के बाद जिलाधिकारी ने बसपा एमएलसी महमूद अली और उनके पार्टनर अमित जैन के खिलाफ आरसी जारी कर एडीएम बेहट को वसूली करने के निर्देश दिए हैं.
विनोद कुमार, अपर जिला अधिकारी

सहारनपुर: बसपा एमएलसी महमूद अली की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अवैध खनन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ उनकी याचिका खारिज कर दी, बल्कि पार्टनर समेत उनको 100 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भी जारी किया. एनजीटी के निर्देश पर जिला प्रशासन ने एमएलसी और पार्टनर अमित जैन से 50-50 करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए बाकायदा सम्बन्धित एसडीएम को जिम्मेदारी दी गई है.

जानकारी देते एडीएम.

आरोप है कि एमएलसी महमूद अली ने साल 2012 में यमुना नदी से न सिर्फ अवैध खनन कर मोटी कमाई की थी, बल्कि पर्यावरण को भी खासा नुकसान पहुंचाया था, जिसके चलते एनजीटी ने मामले की जांच के बाद जुर्माने की कार्रवाई की.

2016 में एनजीटी ने लगाया था जुर्माना
जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की शुरुआती जांच में अवैध खनन मामले में बसपा एमएलसी महमूद अली को दोषी पाया गया. एमएलसी ने यमुना नदी का सीना चीरकर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया था. एमएलसी महमूद अली, उनके पार्टनर अमित जैन, विकास अग्रवाल और भतीजे दिलशाद व वाजिद अली पर 50-50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. इनके अलावा एनजीटी ने प्रधान स्टोन क्रशर मालिक के खिलाफ भी ढाई करोड़ की आरसी जारी की थी. साथ ही जिला प्रशासन को सभी आरोपियों से जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए थे.

सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
एनजीटी की इस कार्रवाई से खनन माफियाओं में हड़कंप मचा गया और उन्होंने देश की सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. एमएलसी ने सभी साथियों के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद प्रधान स्टोन क्रशर मालिक, खनन माफिया विकास अग्रवाल, दिलशाद और वाजिद अली को तो राहत मिल गई. वहीं एमएलसी और खनन कारोबारी अमित जैन की कोर्ट ने याचिका खारिज कर उनसे 50-50 करोड़ की रिकवरी करने के आदेश दे दिए. बावजूद इसके खनन कारोबारियों ने जुर्माने की पूरी रकम तो दूर फूटी कौड़ी भी जमा नहीं कराई.

अपर जिला अधिकारी वित्त विनोद कुमार ने बताया कि वर्ष 2016 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने एमएलसी समेत पांच लोगों के खिलाफ पर्यावरण को क्षतिपूर्ति करने के आरोप में 50-50 करोड़ रुपये की आरसी जारी की थी, जिसको लेकर इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध खनन करने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया है. इसलिए जुर्माना वसूल करके पर्यावरण विभाग में जमा किए जाएं. एनजीटी के आदेश के बाद जिलाधिकारी ने बसपा एमएलसी महमूद अली और उनके पार्टनर अमित जैन के खिलाफ आरसी जारी कर एडीएम बेहट को वसूली करने के निर्देश दिए हैं.
विनोद कुमार, अपर जिला अधिकारी

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